आज 75 साल का हो गया राजस्थान:पाकिस्तान के बहकावे में थे कई पूर्व राजघराने, सरदार पटेल ने 22 रियासतों को तैयार किया
जयपुर
आज राजस्थान 75 साल का हो गया है। 30 मार्च, 1949 को सुबह 10 बजकर 40 मिनट पर राजस्थान प्रदेश बन गया था। हालांकि, इसका औपचारिक ऐलान सरदार वल्लभभाई पटेल ने 14 जनवरी, 1949 को उदयपुर में ही कर दिया था। भारत आजाद हुआ, तो अजमेर-मेरवाड़ा भारत का हिस्सा बने, लेकिन बाकी राजघराने सोच में थे, कोई पाकिस्तान के बहकावे में था तो कोई स्वतंत्र रियासत होना चाह रहा था।
पटेल के प्रयासों से 22 रियासतें शामिल हुईं। 18 मार्च, 1948 को पहले चरण में अलवर, भरतपुर, धौलपुर, करौली रियासतें विलय हुईं नाम मिला- मत्स्य संघ। 25 मार्च, 1948 को कोटा, बूंदी, झालवाड़, बांसवाड़ा, डूंगरपुर, प्रतापगढ़, किशनगढ़ टोंक, कुशलगढ़ और शाहपुरा रियासतें विलय हुईं तो राजस्थान संघ बना।
18 अप्रैल को उदयपुर रियासत के विलय के साथ ही संयुक्त राजस्थान बना। इसके बाद 30 मार्च 1949 को चौथे चरण में संयुक्त राजस्थान में जयपुर, जोधपुर, बीकानेर, जैसलमेर और शामिल हुए तब बना वृहत्तर राजस्थान संघ। जयपुर के महाराजा सवाई मानसिंह को राज प्रमुख बनाया गया।
पांचवें चरण में 15 मई 1949 को वृहद राजस्थान और मत्स्य संघ को मिलाकर संयुक्त वृहद् राजस्थान की स्थापना हुई। छठे चरण में 26 जनवरी 1950 को सिरोही रियासत को संयुक्त वृहद् राजस्थान में मिलाया गया। सातवें चरण में 1 नवंबर 1956 को आबू और देलवाड़ा मिलाए गए। आज राजस्थान क्षेत्रफल में देश में सबसे बड़ा राज्य है।
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