एक और चीनी साजिश बेनकाब:लोन एप से मनी लॉन्ड्रिंग, भारतीयों के ₹2 लाख करोड़ रु. क्रिप्टोकरंसी से चीन भेजे
देश में मोबाइल एप से फटाफट लोन के नाम पर मनी लॉन्ड्रिंग का चीनी रैकेट सक्रिय है। 1 हजार से ज्यादा एप के जरिए इकट्ठा की गई रकम में से ₹2 लाख करोड़ रु. क्रिप्टोकरंसी के जरिए चीन पहुंच चुके हैं। देश में मनी लॉन्ड्रिंग का यह संभवत सबसे बड़ा मामला है। जांच एजेंसियों के अनुसार, यह आंकड़ा शुरुआती है। असल राशि कई गुना हो सकती है।सीरियस फ्रॉड इन्वेस्टिगेशन ऑफिस (एसएफआईओ) के वरिष्ठ अधिकारी ने बताया कि ये एप कंपनियां भारतीयों के नाम से रजिस्टर्ड हैं। रकम चीन भेजने से पहले शेल कंपनियों के लंबे नेटवर्क में घुमाई जा रही है, ताकि पकड़ में न आ सके। तेलंगाना, यूपी, गुजरात, दिल्ली, पंजाब और ओडिशा की सरकार ने गृह मंत्रालय को शिकायत दी थी कि लोन एप निजी डेटा में सेंध लगाकर ब्लैकमेलिंग से वसूली कर रहे हैं। इसके बाद जांच शुरू हुई थी।
रिजर्व बैंक लोन एप का लाइसेंस भारतीय कंपनी को ही देता है, इसलिए चीनी कनेक्शन वाली कंपनियां दिल्ली, गुरुग्राम, बेंगलुरू और हैदराबाद में किराए के पते पर रजिस्टर्ड हैं। एप से लोन लेते ही मोबाइल में सेव फोटो-वीडियो लीक हो जाते हैं। फिर वसूली के कॉल आने लगते हैं। निजी फोटो-वीडियो परिचितों को भेजने की धमकी दी जाती है। फिर कई गुना वसूली का सिलसिला शुरू होता है।
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