गोगामेड़ी की हत्या के बाद सड़क पर भी की फायरिंग:स्कूटी सवार बोला- पहले मेरी कनपटी पर बंदूक रख फायर किया, फिर दूसरी गोली कमर के नीचे मारी
जयपुर

श्री राष्ट्रीय राजपूत करणी सेना के राष्ट्रीय अध्यक्ष सुखदेव सिंह गोगामेड़ी की हत्या के मामले में चश्मदीद सामने आए हैं। हत्यारे जिस युवक की स्कूटी लेकर भागे थे, उन्होंने उस पर भी 2 गोली चलाई थी। अस्पताल में भर्ती घायल हेमराज सोयल ने बताया कि बदमाशों ने मेरी कनपटी पर बंदूक लगाकर सीधे फायर कर दिया, जो छूते हुए निकल गई। फिर दूसरी गोली कमर के नीचे मारी। इसके बाद मैं और मेरा दोस्त नीचे गिर गए। वहीं, पड़ोसियों ने बताया- पटाखों जैसी आवाज आई, हमें तो पता ही नहीं चला कि गोलियां चली है। आगे पढ़िए घटना से जुड़े लोगों की आपबीती…

नितिन फौजी और रोहित राठौड़ बातचीत के बहाने सुखदेव सिंह गोगामेड़ी के घर गए थे। कुछ देर बातचीत के बाद उन्होंने गोगामेड़ी पर फायरिंग कर दी।
गोली लगने से घायल स्कूटी सवार हेमराज सोयल (40) ने बताया- मैं सूर्य नगर, निर्माण नगर (श्याम नगर) में रहता हूं। मेरा पुरानी चुंगी पर कबूतरों का दाना बेचने का काम है। मंगलवार दोपहर करीब 1:30 बजे पुरानी चुंगी से स्कूटी लेकर घर जा रहा था। जनपथ स्थित गुलाब मैरिज गार्डन पर मेरा दोस्त निशांत शर्मा मिला। देवी नगर स्थित उसके घर छोड़ने के लिए लिफ्ट मांगी। मैं उसे स्कूटी पर पीछे बैठाकर छोड़ने जा रहा था। दानापानी से आगे चलते ही मोड़ पर मेरे आगे कार चल रही थी। दो लड़कों ने कार को रुकवाने की कोशिश की।
कार रुकवाने के लिए एक बदमाश ने फायर किया, लेकिन कार ड्राइवर रुका नहीं और गाड़ी को भगा ले गया। उसके बाद दोनों लड़कों ने मेरी स्कूटी को रुकवाया। स्कूटी रोकते ही एक बदमाश ने मुझे आकर पकड़ लिया। उसने सीधे मेरी कनपटी के पास पिस्तौल लगाकर फायर किया। गोली कनपटी को छूते हुए निकल गई। उन्होंने स्कूटी छीनने के बाद एक और गोली मुझ पर चलाई, जो मेरी कमर के नीचे लगी। गोली लगने से हम दोनों नीचे गिर गए। इसके बाद दोनों बदमाश मेरी स्कूटी लेकर भाग गए। लोग मुझे उठाकर तुरंत बंसल हॉस्पिटल ले गए, जहां से मुझे SMS हॉस्पिटल रेफर कर दिया गया।

गोगामेड़ी के मर्डर के बाद दोनों बदमाश कॉलोनी की सड़क पर भागे और एक कार को रुकवाने की कोशिश की।
स्कूटी रोकते ही बदमाशों ने पिस्तौल तान दी
स्कूटी के पीछे बैठे निशांत शर्मा ने बताया- मैं देवी नगर में रहता हूं। मंगलवार दोपहर मैं जनपथ से पैदल अपने घर जा रहा था। गुलाब मैरिज गार्डन के पास स्कूटी लेकर आ रहे हेमराज से लिफ्ट मांगी। स्कूटी के पीछे बैठाकर हेमराज मुझे घर छोड़ने के लिए रवाना हो गया। स्कूटी पर बैठकर दानापानी से लक्ष्मण पथ पर जाते समय 2 लड़कों ने हाथ दिखाकर स्कूटी रोकी। हेमराज के स्कूटी रोकते ही 1 बदमाश ने मेरे सिर पर भी पिस्तौल लगा दी। मैं कुछ समझ पाता उससे पहले ही हेमराज की कनपटी पर गोली चला दी। दोस्त को लहूलुहान हालत में देखकर मेरे होश उड़ गए। मुझे कुछ समझ ही नहीं आया। बदमाशों के स्कूटी छीनकर भागने के बाद मैंने तुरंत पुलिस कंट्रोल रूम को कॉल कर वारदात की सूचना दी।
फायरिंग की आवाज सुन लगा जैसी कहीं पटाखे चले हैं
कॉलोनी के नुक्कड़ पर रहने वाले मुखर्जी परिवार ने बताया- मैं अपने ऑफिस के काम में बिजी था। दोपहर को अचानक हुई फायरिंग के दौरान एक बार लगा की कहीं पर पटाखे चले हैं। घर के बाहर परिवार का कोई आदमी नहीं होने के कारण इतना बड़ा हत्याकांड होने के बारे में भी पता नहीं चला। भीड़ इकट्ठा होने पर सुखदेव गोगामेड़ी के घर में फायरिंग होने की जानकारी मिली।

कार सवार ने गाड़ी नहीं रोकी तो बदमाशों ने पीछे आ रहे स्कूटी सवार को रुकवाया और उसको गोली मार दी।
मशीनों की आवाज के कारण नहीं आई गोली की आवाज
गोगामेड़ी के घर के सामने दो मकान छोड़कर एक मकान में निर्माण काम चल रहा है। मकान में मिले व्यक्ति से बात की तो बोला- मकान के निर्माण काम के दौरान चल रही आवाजों के चलते पता ही नहीं चला। मकान में चल रही मशीनों के चलते गोली की आवाज नहीं सुनाई दी। भीड़ इकट्ठा होने के बाद पता चला कि आगे वाले घर में फायरिंग हुई है।
नवीन ने गोगामेड़ी की किसी से फोन पर कराई थी बात
सिक्योरिटी गार्ड नरेंद्र ने कहा- नवीन शेखावत 5 दिसंबर को सुखदेव गोगामेड़ी से मिलने आया था। उसके साथ 2 और लोग भी थे। नवीन ने गोगामेड़ी की किसी से फोन पर बात करवाई। उसके बाद सुखदेव गोगामेड़ी ने नवीन को अंदर मिलने बुलाया। नवीन के साथ दोनों हमलावर भी अंदर गए। कुछ देर बाद हमलावरों ने नवीन और सुखदेव गोगामेड़ी पर फायरिंग शुरू कर दी। सुखदेव गोगामेड़ी के परिचित अजित को भी गोली मारी। बाहर निकलते समय हमलावरों ने उसे भी गोली मार दी।
गोगामेड़ी की पत्नी मंदिर जाती तो गनमैन साथ जाता
कॉलोनी के कुछ लोगों ने नाम नहीं बताने की शर्त पर बताया कि सुखदेव सिंह गोगामेड़ी को लगातार जान से मारने की धमकी मिल रही थी। दो-तीन बार उन्होंने पुलिस अफसरों को भी सुरक्षा दिलवाने के लिए बात की थी, लेकिन उनको टाला गया। सुखदेव सिंह गोगामेड़ी ने 3 महीने पहले भी सुरक्षा की मांग की थी। सुखदेव सिंह की पत्नी कॉलोनी में स्थित मंदिर जाती थी तो उनके साथ भी प्राइवेट गनमैन को भेजते थे।
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