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चीन का ‘जासूस’ बर्दाश्‍त नहीं… भारतीय नौसेना चीफ की श्रीलंका को कड़ी चेतावनी, सुधरेंगे धोखेबाज राजपक्षे?

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चीन का ‘जासूस’ बर्दाश्‍त नहीं… भारतीय नौसेना चीफ की श्रीलंका को कड़ी चेतावनी, सुधरेंगे धोखेबाज राजपक्षे?
श्रीलंका के दौरे पर गए भारतीय नौसेना प्रमुख एडमिरल हरी कुमार ने श्रीलंका के राष्‍ट्रपति रानिल विक्रमसिंघे से मुलाकात कर श्रीलंकाई जासूसी जहाज पर कड़ी आपत्ति जताई है। यही नहीं भारत ने राजपक्षे परिवार के इशारे पर रद किए गए प्रॉजेक्‍ट को फिर से शुरू करने के लिए कहा है।
कोलंबो: श्रीलंका में जन विद्रोह के बाद सत्‍ता से बाहर हुए चीन समर्थक महिंदा राजपक्षे को भारत ने कड़ी चेतावनी दी है। दरअसल, सत्‍ता से बाहर होने के बाद भी राजपक्षे परिवार राष्‍ट्रपति रानिल विक्रमसिंघे के जरिए श्रीलंका में अदृश्‍य सरकार चला रहा है। यही वजह है कि श्रीलंका में भारतीय इन्‍फ्रा प्रॉजेक्‍ट को अभी तक मंजूरी नहीं मिल पा रही है। यही नहीं राजपक्षे परिवार के इशारे पर चीन के जासूसी जहाज को हंबनटोटा बंदरगाह पर रुकने की मंजूरी दी गई। श्रीलंका सरकार के इस रुख को देखते हुए पिछले दिनों भारतीय नौसेना प्रमुख कोलंबो पहुंचे और उन्‍होंने राष्‍ट्रपति रानिल विक्रमसिंघे से मुलाकात की। बताया जा रहा है कि इस दौरान इंड‍ियन नेवी चीफ ने चीनी जासूसी जहाज की यात्रा पर ‘गंभीर चिंता’ जताई।
एबीपी की रिपोर्ट के मुताबिक भारतीय नौसेना प्रमुख ने श्रीलंका से भारत के रणनीतिक महत्‍व के कई लंब‍ित इन्‍फ्रास्‍ट्रक्‍चर प्रॉजेक्‍ट को प्राथमिकता देने का अनुरोध किया। इन प्रॉजेक्‍ट को राजपक्षे परिवार मंजूरी देने से किनारा कर रहा है। भारत ने श्रीलंका से कहा कि समुद्र में चीन के कदम से भारतीय राष्‍ट्रीय सुरक्षा के प्रति खतरा पैदा हो गया है और वह इसका विरोध करे। चीन का जासूसी जहाज यूआन वांग अब तक दो बार हंबनटोटा बंदरगाह पर शरण ले चुका है। बताया जा रहा है कि पूर्व राष्‍ट्रपति गोटाबाया राजपक्षे ने चीनी जासूसी जहाज को मंजूरी दी थी। यही जहाज अभी अग्नि 5 मिसाइल टेस्‍ट के दौरान भी हिंद महासागर में आया था।
चीनी जासूसी जहाज को दी मंजूरी पर ड्रैगन दे रहा ‘धोखा’
इससे पहले भारतीय राष्‍ट्रीय सुरक्षा सलाहकार अजीत डोभाल ने भी श्रीलंका को कड़ा संदेश दिया था। श्रीलंका में भारत की जो विकास परियोजनाएं फंसी हुई हैं, उनमें त्रिंकोमाली तेल टैंक भी शामिल है। भारत व्‍यापारिक लाभ की बजाय सुरक्षा के लिहाज से इस प्रॉजेक्‍ट को पूरा करना चाहता है। यह प्रॉजेक्‍ट पिछले कई दशक से लंबित है। इसके अलावा भारत कोलंबो पोर्ट पर वेस्‍ट कंटेनर टर्मिनल बनाना चाहता है जिसे राजपक्षे सरकार ने रद कर दिया था। भारत जापान के साथ मिलकर इस प्रॉजेक्‍ट को पूरा करना चाहता था।
सूत्रों के मुताबिक श्रीलंका ने भारत से कहा है कि उसने इसलिए चीनी जासूसी जहाज को मंजूरी दी ताकि चीन लोन को रीस्‍ट्रक्‍चर करने के लिए तैयार हो जाए। श्रीलंका आईएमएफ के साथ लोन लेना चाहता है और इसके लिए चीन का कर्ज को रीस्‍ट्रक्‍चर करना अनिवार्य है। इस बीच चीन ने श्रीलंका को बड़ा झटका दिया है और जासूसी जहाज को मंजूरी देने के बाद भी अब तक कर्ज के पुर्नगठन को मंजूरी नहीं दी है। इसके बाद भी राजपक्षे की अदृश्‍य सरकार अभी भी चीन की गोद में बनी हुई है।
दक्षिण एशिया में भारत को घेरने की कोशिश कर रहा चीन
भारतीय नौसेना प्रमुख एडमिरल आर हरी कुमार ने अब इस पूरे मुद्दे को राष्‍ट्रपति रानिल विक्रमसिंघे से उठाया है। उनका यह दौरा शनिवार को खत्‍म हुआ। विशेषज्ञों के मुताबिक चीन न केवल सीमा पर बल्कि पूरे दक्षिण एशिया में चीन भारत को घेरने की कोशिश कर रहा है। श्रीलंका यह रवैया तब अपना रहा है जब भारत ने उसे जनवरी 2022 से लेकर अब तक 4 अरब डॉलर की मदद दी है। भारत ने तेल से लेकर दवा तक की सप्‍लाइ की है। इसके बाद भी श्रीलंका यह रवैया अपना रहा है।

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