जयपुर हेरिटेज नगर निगम महापौर पद से मुनेश गुर्जर सस्पेंड:रिश्वत लेते पकड़ा गया मेयर पति बोला- डिप्टी मेयर बनने के लिए कांग्रेसी नेता साजिश कर रहा
कोर्ट में पेशी के दौरान शनिवार को मेयर पति सुशील गुर्जर ने कई आरोप लगाए।
जयपुर हेरिटेज नगर निगम महापौर पद से मुनेश गुर्जर को सस्पेंड कर दिया गया है। शनिवार देर रात सरकार ने यह कार्रवाई की है। मुनेश गुर्जर के पति सुशील गुर्जर को एसीबी ने शुक्रवार को रिश्वत लेते गिरफ्तार किया था। इसकी वजह से जांच के घेरे में मुनेश गुर्जर भी हैं।
उधर, रिश्वत लेते पकड़े गए जयपुर हेरिटेज मेयर मुनेश गुर्जर के पति सुशील गुर्जर को शनिवार को एसीबी कोर्ट में पेश किया गया। कोर्ट ने उसे 2 दिन की रिमांड पर भेज दिया है। इस दौरान मेयर पति सुशील गुर्जर ने खुद पर लगे भ्रष्टाचार के आरोपों को सिरे से खारिज कर दिया। कहा- कांग्रेस के एक बड़े नेता के इशारे पर मुझे फंसाने की साजिश की गई है। इससे मैं डरने वाला नहीं हूं।
सुशील गुर्जर ने कहा- जब से मुनेश मेयर बनी थी। तभी से सिविल लाइन से पार्षद मनोज मुद्गल (मंत्री प्रताप सिंह खाचरियावास का करीबी) डिप्टी मेयर बनने के चक्कर में हमारे खिलाफ प्रॉब्लम क्रिएट कर रहा था। मेरे खिलाफ मनोज मुद्गल और उसके घर पर रहने वाले सुधांशु नाम के लड़के ने साजिश रची है। जो पूरी तरह से फर्जी है।
ईमानदारी व्यक्ति को निडर बनाती है। ऑफिस में यह लिखकर रखने वाली मेयर मुनेश गुर्जर का पति दो लाख लेते पकड़ा गया। मुनेश गुर्जर अब एसीबी जांच के घेरे में है।
मौका आने पर खुलकर बात करूंगा
सुशील ने कहा- मनोज मुद्गल और सुधांशु ने भी कांग्रेस के एक बड़े नेता के कहने पर मेरे खिलाफ साजिश रची है। इस नेता का नाम लोग भी जानते हैं। फिलहाल मैं अपने मुंह से उस आदमी का नाम नहीं लूंगा। मौका आने पर मैं इस बारे में भी खुलकर बात करूंगा। मेरे और मुनेश के खिलाफ लगातार षड्यंत्र रचे जा रहे हैं। हम दोनों की जान को भी खतरा है।
सुशील गुर्जर ने कहा- वैशाली नगर में मेरा प्लॉट F-203 बेचा था। इसके 49 लाख रुपए मेरे घर पर ही रखे थे। इसके दस्तावेज भी मैंने कोर्ट में पेश कर दिया है। मुझे उम्मीद है कि इस पूरे मामले पर निष्पक्ष जांच होगी और मुझे न्याय मिलेगा।
एसीबी की टीम नगर निगम हेरिटेज मुख्यालय भी पहुंची। मेयर मुनेश गुर्जर के ऑफिस में जांच की गई।
वहीं, इस पूरे मामले पर जब हमने पार्षद मनोज मुद्गल से बात की तो उन्होंने खुद पर लगे आरोपों को खारिज कर दिया। उन्होंने कहा- यहां पर तो उल्टा चोर कोतवाल को डांटे जैसी स्थिति पैदा हो गई है। इस पूरे मामले में मैं न वादी हूं, न परिवादी हूं। फिर भी बेवजह खुद की खुन्नस निकालने के लिए मेरे नाम का इस्तेमाल किया जा रहा है। जबकि मेरा इस मामले से कोई लेना-देना नहीं है।
मैं न एसीबी में गया, न ही मैं किसी व्यक्ति से मिला, न ही मैंने किसी को पट्टा देने की बात की और न ही मैंने रिश्वत ली। जब रिश्वत सुशील ने ली। एसीबी ने सबूत के आधार पर उसे पकड़ा। तो फिर वह बिना बात मेरा नाम न जाने क्यों इस्तेमाल कर रहे हैं? यह पूरी तरह से कपोल कल्पित बातें हैं। जिससे मेरा कोई लेना-देना नहीं है। चोरी तो सुशील गुर्जर खुद ने की है। मैंने उससे कोई चोरी नहीं करवाई। न ही इस तरह का गंदा काम करने की बात कही कभी। मैं तो उससे बात तक नहीं करता हूं।
एसीबी की रेड के दौरान मेयर मुनेश गुर्जर के घर 41 लाख से ज्यादा की नकदी मिली थी।
आमने-सामने बैठाकर हुई पूछताछ
इससे पहले शनिवार को एसीबी की टीम ने सुशील गुर्जर और दलाल नारायण और अनिल दुबे को एक साथ बिठाकर पूछताछ की। इसमें एसीबी की टीम ने रिश्वत की राशि और पूर्व में जारी किए गए पट्टों को लेकर भी सवाल किए। जिस पर सुशील गुर्जर ने खुद को पाक साफ करार दिया। जिस पर एसीबी ने नारायण और अनिल दुबे से भी सवाल पूछे। हालांकि नारायण ने इस पूरे मामले पर चुप्पी साध रखी थी। ऐसे में एसीबी नारायण की घर और दस्तावेजों की जांच में जुटी हुई है।
पूछताछ के दौरान सुशील ने घर पर मिली नकदी पर भी सफाई पेश की। उन्होंने कहा- मैंने वैशाली नगर के दो प्लॉट बेचने के लिए रख रखे थे। उन्हीं में से एक प्लॉट की रजिस्ट्री के बाद नकद मुझे मिला था। जो मेरे घर पर रखा था।
क्या है मामला
बता दें कि शुक्रवार शाम ACB की टीम ने जयपुर हेरिटेज नगर निगम मेयर मुनेश गुर्जर के घर छापा मारा था। टीम ने पट्टा जारी करने की एवज में 2 लाख रुपए मांगे जाने पर मेयर के पति सुशील गुर्जर और दो दलाल नारायण सिंह और अनिल दुबे को गिरफ्तार किया था। सुशील पर पट्टे बनाने की एवज में 2 लाख रुपए की घूस मांगने का आरोप थे। मेयर के घर सर्च में 41 लाख रुपए नकद मिले थे। इसके बाद ACB की टीम इस पूरे मामले को लेकर अब नगर निगम की पुरानी फाइलों की जांच कर रही है।
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