जेल में कैद इमरान ने AI से दिया भाषण:वर्चुअल रैली से जुड़े 60 लाख लोग; खान बोले- मुल्क के लिए जान देने को तैयार

फुटेज इमरान खान की वर्चुअल रैली की है, इसमें उनकी AI जेनरेटेड तस्वीरों का इस्तेमाल किया गया था।
पाकिस्तान के पूर्व प्रधानमंत्री इमरान खान 136 दिनों से जेल में कैद हैं। उनकी पार्टी पाकिस्तान तहरीक ए इंसाफ (PTI) के रैली करने पर पाबंदी लगी है। इसके बावजूद 17 दिसंबर की रात उन्होंने भाषण दिया। ये उनकी सोशल मीडिया टीम के चलते संभव हो पाया।
साउथ एशिया में पहली बार ऐसा हुआ जब किसी नेता ने जेल में रहते हुए आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस (AI) से जनरेटेड आवाज में भाषण दिया हो। PTI ने दावा किया है कि उनकी वर्चुअल रैली में 60 लाख से ज्यादा लोग शामिल हुए।

इमरान की रैली के वक्त हजारों लोगों ने इंटरनेट डाउन होने की शिकायत की थी।
इमरान ने जेल में लिखा भाषण
इमरान ने जो भाषण दिया उसे उन्होंने ही जेल में लिखा था। पार्टी के मुताबिक उसे वकीलों ने भी जांचा था। इमरान खान खुद वीडियो में भाषण देते नजर आ रहे थे, हालांकि यह वीडियो AI द्वारा बनाया गया था। चार मिनट लंबे भाषण में इंटरनेट के कारण काफी रुकावटें आईं।
पार्टी के लोगों का मानना है कि ये रुकावटें जानबूझ कर पैदा की गई थीं। इंटरनेट की निगरानी करने वाली अंतरराष्ट्रीय संस्था नेटब्लॉक्स के मुताबिक ये रुकावटें वैसी ही थीं जैसे इमरान खान के भाषणों के दौरान पहले भी होती रही हैं।
जेल से इमरान ने क्या कहा?
- आप सब शायद सोच रहे होंगे कि जेल में मेरा क्या हाल है। सबसे पहले मैं ये बता देना चाहता हूं कि मैं देश की खातिर जेल में रहना मेरे लिए इबादत के जैसा है।
- मैं मुल्क और लोगों के लिए जान कुरबान करने को तैयार हूं। जेल में मैनें तारीख, मजहब और साहित्य को मैनें कुरान के साथ पढ़ा है। उससे मुझे हिम्मत मिली है। उन तमाम किताबों को पढ़ने के बाद मैं खुद को मजबूत महसूस कर रहा हूं।
- मेरे लिए आजादी का मतलब ये है कि हमारा मुल्क का निजाम हमारे आईन के मुताबिक चले और कानून का पालन हो। जिस पार्टी को 75% लोगों का साथ हासिल है। उसे सत्ता से बाहर रखा जा रहा है।

इस्लामाबाद कोर्ट से सजा सुनाए जाने के बाद कुछ ही देर में इमरान खान को गिरफ्तार कर लिया गया।
क्रिकेट से राजनीति में आए इमरान खान को अदालत ने 5 अगस्त को तीन साल की जेल की सजा सुनाई थी। उन पर 2018 से 2022 के अपने प्रधानमंत्री कार्यकाल के दौरान मिले तोहफों को बेचने और उससे मिले धन को उजागर ना करने के आरोप थे। सजा होने के कारण उन पर पांच साल तक चुनाव लड़ने का प्रतिबंध लग गया था।
Add Comment