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डीआरडीओ ने हेलीकॉप्टर इंजन एप्लीकेशन के लिए सिंगल क्रिस्टल ब्लेड विकसित किए

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रक्षा अनुसंधान और विकास संगठन – डीआरडीओ ने सिंगल क्रिस्टल ब्लेड प्रौद्योगिकी विकसित की है और इनमें से 60 ब्लेड की आपूर्ति हिंदुस्तान एयरोनॉटिक्स लिमिटेड – एचएएल को हेलीकॉप्टर इंजन एप्लीकेशन के लिए स्वदेशी हेलीकॉप्टर विकास कार्यक्रम के हिस्से के रूप में की है। यह डीआरडीओ की प्रीमियम प्रयोगशाला डिफेंस मेटालर्जिकल रिसर्च लेबोरेटरी (डीएमआरएल) द्वारा शुरू किये गए एक कार्यक्रम का हिस्सा है, जिसमें निकल-आधारित उत्कृष्ट मिश्रित धातु का उपयोग करके सिंगल क्रिस्टल उच्च दबाव वाले टरबाइन (एचपीटी) ब्लेड के पांच सेट (300 की संख्या में) विकसित किए जा रहे हैं। शेष चार सेटों की आपूर्ति उचित समय पर पूरी की जाएगी।

रणनीतिक व रक्षा एप्लीकेशन्स में इस्तेमाल किए जाने वाले हेलीकाप्टरों को चरम स्थितियों में अपने विश्वसनीय संचालन के लिए कॉम्पैक्ट तथा शक्तिशाली एयरो-इंजन की आवश्यकता होती है। इस उद्देश्य की प्राप्ति के लिए, जटिल आकार और ज्यामिति वाले अत्याधुनिक सिंगल क्रिस्टल ब्लेड, जो ऑपरेशन के उच्च तापमान को सहन करने में सक्षम निकल आधारित उत्कृष्ट मिश्रित धातु से निर्मित हैं, का उपयोग किया जाता है। दुनिया के बहुत ही कम देशों जैसे अमरीका, ब्रिटेन, फ्रांस और रूस में ऐसे सिंगल क्रिस्टल (एसएक्स) पुर्जों को डिजाइन एवं निर्माण करने की क्षमता है।

डीएमआरएल ने पूर्व में एयरो-इंजन परियोजना के लिए इस तरह की तकनीक के विकास के दौरान प्राप्त की गई विशेषज्ञता के आधार पर यह कार्य किया था। ब्लेड को बनाने के लिए पूर्ण वैक्यूम निवेश कास्टिंग प्रक्रिया, जिसमें डाई डिजाइन, वैक्स पैटरिंग, सिरेमिक मोल्डिंग, पुर्जों की वास्तविक कास्टिंग गैर-विनाशकारी मूल्यांकन (एनडीई), ताप उपचार और आयामी माप शामिल है, को डीएमआरएल में स्थापित किया गया है।

विशेष सिरेमिक संघटक को मजबूत सिरेमिक मोल्ड बनाने के लिए तैयार किया जाना था, जो कास्टिंग ऑपरेशन के दौरान 1500 डिग्री सेल्सियस और उससे अधिक तापमान पर तरल सीएमएसएक्स -4 मिश्र धातु के दबाव का सामना कर सकता है। आवश्यक तापमान के उतार-चढ़ाव को बनाए रखने की चुनौती भी कास्टिंग मापदंडों को अनुकूलित करके दूर की गई है। जरूरी माइक्रोस्ट्रक्चर और यांत्रिक गुणों को प्राप्त करने के लिए जटिल सीएमएसएक्स -4 उत्कृष्ट मिश्रित धातु के लिए एक बहु-चरणीय वैक्यूम समाधान ताप उपचार शिड्यूल भी स्थापित किया गया है। इसके अलावा, ब्लेड के लिए एक कठोर गैर-विनाशकारी मूल्यांकन (एनडीई) पद्धति के साथ-साथ इनके क्रिस्टलोग्राफिक झुकाव का निर्धारण करने की तकनीक विकसित की गई है।

रक्षा मंत्री श्री राजनाथ सिंह ने डीआरडीओ, एचएएल और महत्वपूर्ण प्रौद्योगिकी के विकास में शामिल उद्योग को बधाई दी है।

रक्षा विभाग में अनुसंधान एवं विकास सचिव तथा डीआरडीओ के अध्यक्ष डॉ जी सतीश रेड्डी ने भी इस उपलब्धि पर बधाई दी और इस महत्वपूर्ण प्रौद्योगिकी के स्वदेशी विकास में शामिल लोगों के प्रयासों की सराहना की।

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