पाकिस्तान का गिड़गिड़ाना नहीं आया काम, टीटीपी पर नहीं पिघला तालिबान, खाली हाथ लौटे ISI चीफ
पाकिस्तान को तालिबान से तहरीक-ए-तालिबान आतंकियों को लेकर केवल कोरा आश्वासन मिला है। पाकिस्तानी रक्षा मंत्री और आईएसआई चीफ की अचानक हुई यात्रा कोई खास फायदा नहीं हुआ। तालिबान ने केवल इतना आश्वासन दिया है कि वह टीटीपी के खिलाफ कदम उठाएगा। इससे पहले भी तालिबान केवल कोरा वादा ही कर चुका है।
REPORT BY SAHIL PATHAN
इस्लामाबाद: तहरीक-ए-तालिबान आतंकियों के खूनी हमलों के बीच अचानक से काबुल पहुंचे पाकिस्तान के रक्षा मंत्री ख्वाजा आसिफ और आईएसआई चीफ नदीम अंजुम को अफगानिस्तान से खाली हाथ लौटना पड़ा है। तालिबानी नेताओं ने टीटीपी के खिलाफ पाकिस्तानी प्रतिनिधिमंडल को सिर्फ कोरा आश्वासन देकर वापस भेज दिया है। पाकिस्तानी मीडिया के मुताबिक तालिबान ने ‘एक बार फिर से वादा’ किया है कि वह टीटीपी की समस्या से निपटेगी। पाकिस्तान का दावा है कि यह यात्रा अच्छी रही और उसका परिणाम सकारात्मक रहा है। हालांकि विश्लेषक इससे सहमत नहीं हैं।पाकिस्तानी अधिकारियों ने दावा किया कि अफगान पक्ष ने टीटीपी को लेकर उनकी चिंताओं को माना है। तालिबान ने दावा किया कि उसने टीटीपी समेत अन्य आतंकी संगठनों के खिलाफ कई कदम उठाए हैं। तालिबान के संरक्षण में रह रहे टीटीपी आतंकी जहां पाकिस्तान में जमकर खून बहा रहे हैं, वहीं पाकिस्तानी अब तालिबान से मदद के लिए गिड़गिड़ा रहे हैं। अब तालिबान ने एक बार फिर से केवल आश्वासन देकर पाकिस्तानी रक्षा मंत्री और आईएसआई चीफ को विदा कर दिया है।
तालिबान की धमकी तो बिलावल भुट्टो के सुर बदले
इससे पहले भी तालिबानी आतंकी टीटीपी के खिलाफ ऐसे कोरे आश्वासन दे चुके हैं। पाकिस्तानी प्रतिनिधिमंडल का यह दौरा ऐसे समय पर हुआ है जब टीटीपी के आतंकी पेशावर की मस्जिद से लेकर कराची पुलिस मुख्यालय तक में खून की नदियां बहा चुके हैं। पेशावर की मस्जिद में हुए आत्मघाती हमले में 100 से ज्यादा पुलिसकर्मी मारे गए थे। इन हमलों से घबराया पाकिस्तान अब तालिबान की शरण में पहुंचा है। इससे पहले पाकिस्तान के गृहमंत्री ने दावा किया था कि तालिबान ने अगर ऐक्शन नहीं लिया तो पाकिस्तान हवाई हमला करेगा।
इसके बाद तालिबान ने पाकिस्तान को कड़ी चेतावनी दी तो पाकिस्तानी विदेश मंत्री बिलावल भुट्टो के सुर बदल गए और उन्होंने कहा कि हम हमला नहीं करना चाहते हैं। पाकिस्तान ने अब तालिबान से कहा है कि वह टीटीपी के साथ कोई बातचीत नहीं करेगा। इससे पहले इमरान खान और बाजवा की जोड़ी ने टीटीपी से बातचीत शुरू की थी जो पाकिस्तान को बहुत भारी पड़ी है। पाकिस्तान के अंदर बड़े पैमाने पर टीटीपी आतंकी पहुंच गए हैं और वे लगातार भीषण हमले कर रहे हैं। इससे पहले भी तालिबान के सत्ता में आने के बाद पाकिस्तान कई बार उन्हें निर्णायक कार्रवाई के लिए कह चुका है लेकिन उसका कोई फायदा नहीं हुआ है। तालिबान का मुखिया अभी भी टीटीपी को वैचारिक समर्थन देता है।
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