DEFENCE / PARAMILITARY / NATIONAL & INTERNATIONAL SECURITY AGENCY / FOREIGN AFFAIRS / MILITARY AFFAIRS

पाकिस्तान के सबसे शक्तिशाली इंसान की घोषणा जल्द, इस नाम पर लग सकती है मुहर

FacebookWhatsAppTelegramLinkedInXPrintCopy LinkGoogle TranslateGmailThreadsShare

REPORT BY SAHIL PATHAN
(एजेंसी इनपुट के साथ)

पाकिस्तान में जल्द ही नए सेना प्रमुख का ऐलान हो सकता है. पूरी दुनिया से इस हकीकत से वाकिफ है कि पाकिस्तान सेना का रुतबा राजनेताओं से ज्यादा है. यहां तक कि पड़ोसी मुल्क के सेना प्रमुख को वहां के प्रधानमंत्री से ज्यादा ताकतवर माना जाता है. देश से जुड़े हर अहम फैसले में पाकिस्तान के सेना प्रमुख की रजामंदी जरूर ली जाती है. अब आपको बताते हैं पाकिस्तान में अगला सेना प्रमुख कौन हो सकता है और इस शख्स के प्रभावशाली करियर के बारे में.

कौन होगा पाकिस्तान का अगला सेना प्रमुख?
रिपोर्ट के मुताबिक पाकिस्तान की मुस्लिम लीग-नवाज (पीएमएल-एन) के एक वरिष्ठ नेता ने संकेत दिए हैं कि प्रधानमंत्री शहबाज शरीफ अगस्त के अंत तक सेना प्रमुख की नियुक्ति पर चर्चा शुरू कर सकते हैं और उम्मीद है कि सितंबर के मध्य तक इसपर फैसला हो जाएगा. पाकिस्तान के सेना प्रमुख की रेस में लेफ्टिनेंट जनरल साहिर शमशाद मिर्जा का नाम सबसे आगे चल रहा है. डॉन की रिपोर्ट के मुताबिक, एक सैन्य सूत्र ने उनके प्रोफाइल पर चर्चा करते हुए कहा कि वह सीओएएस और सीजेसीएससी के दो पदों की रेस में सबसे आगे चल रहे हैं.

मिर्जा का सेना में प्रभावशाली करियर
लेफ्टिनेंट जनरल मिर्जा का सेना में प्रभावशाली करियर रहा है, विशेष रूप से पिछले सात वर्षों के दौरान वरिष्ठ नेतृत्व के पदों पर. वह जनरल राहील शरीफ के कार्यकाल के अंतिम दो वर्षों के दौरान सैन्य संचालन महानिदेशक (डीजीएमओ) के रूप में प्रमुखता से आए. उस भूमिका में, वह जनरल हेडक्वार्टर (जीएचक्यू) में जनरल राहील शरीफ की कोर टीम का हिस्सा थे. ये टीम तहरीक-ए-तालिबान पाकिस्तान (टीटीपी) और उत्तरी वजीरिस्तान में अन्य आतंकवादियों के खिलाफ सैन्य अभियान की निगरानी करता था.

पाक सेना प्रमुखों से रहा है ‘शरीफ’ कनेक्शन!
परंपरा यह है कि जीएचक्यू चार से पांच सबसे वरिष्ठ लेफ्टिनेंट-जनरलों की कार्मिक फाइलों के साथ एक सूची रक्षा मंत्रालय को भेजता है. फिर उन्हें प्रधानमंत्री को उस अधिकारी को चुनने के लिए अग्रेषित करता है जिसे वह इस भूमिका में सबसे उपयुक्त पाता है. 1972 के बाद से देश के 10 सेना प्रमुखों में से पांच को प्रधानमंत्री के रूप में अलग-अलग कार्यकाल में मौजूदा प्रधानमंत्री शहबाज शरीफ के बड़े भाई नवाज शरीफ द्वारा नियुक्त किया गया था. विडंबना यह है कि किसी भी नियुक्ति ने उनके लिए बहुत अच्छा काम नहीं किया.

क्या कहा पीएमएल-एन ने?
रिपोर्ट के मुताबिक, पीएमएल-एन के कुछ नेताओं ने कहा कि इसलिए उन्होंने कमोबेश फैसला किया है कि एक ‘आदर्श’ उम्मीदवार खोजने के प्रलोभन के आगे झुकने के बजाय, वे केवल वरिष्ठता के आधार पर ही नियुक्ति करेंगे. पार्टी के एक नेता ने कहा कि फिर, कोई फर्क नहीं पड़ता कि चीजें कैसे बदल जाती हैं, हम कम से कम इस बात से संतुष्ट होंगे कि कोई व्यक्तिगत विकल्प शामिल नहीं था.

जानें ये जरूरी बातें
हालांकि, पार्टी के भीतर एक अन्य समूह का अनुमान है कि शहबाज शरीफ मौजूदा प्रमुख की सलाह को आसानी से मान सकते हैं. चीफ ऑफ आर्म्ड स्टाफ (सीओएएस) जनरल कमर जावेद बाजवा नवंबर के अंतिम सप्ताह में सेवानिवृत्त होने वाले हैं. सेना प्रमुख की नियुक्ति तीन साल के लिए होती है, लेकिन जनरल बाजवा को राजनीतिक ड्रामा के बाद 2019 में तीन साल का अतिरिक्त कार्यकाल दिया गया था. पूर्व प्रधानमंत्री इमरान खान ने उन्हें अगस्त में सेवा विस्तार दिया था, लेकिन बाद में सुप्रीम कोर्ट ने सेवा प्रमुखों की फिर से नियुक्ति पर कानून बनाने की मांग की. संसद ने जनवरी 2020 में अनुपालन किया, जिससे प्रधानमंत्री को अपने विवेक पर सेवा प्रमुखों के कार्यकाल का विस्तार करने की अनुमति मिली. पाकिस्तान में सेना प्रमुख कि रिटायरमेंट उम्र 64 है. इसलिए 61 वर्षीय जनरल बाजवा एक और कार्यकाल के लिए पात्र हो सकते हैं.

FacebookWhatsAppTelegramLinkedInXPrintCopy LinkGoogle TranslateGmailThreadsShare
error: Content is protected !!