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बाबा सिद्दीकी की हत्या में 10-15 लड़कों का ग्रुप शामिल:पूछा था- हमारे साथ दशहरा नहीं मनाएंगे? आतिशबाजी के बीच गोलियां मारीं; बेटा भी टारगेट था

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बाबा सिद्दीकी की हत्या में 10-15 लड़कों का ग्रुप शामिल:पूछा था- हमारे साथ दशहरा नहीं मनाएंगे? आतिशबाजी के बीच गोलियां मारीं; बेटा भी टारगेट था

बाबा सिद्दीकी की हत्या के केस में नया एंगल सामने आया है। NCP अजित गुट के नेता सिद्दीकी की हत्या में 4 आरोपी नहीं, बल्कि 10-15 लोगों का एक ग्रुप शामिल था।

बाबा सिद्दीकी के करीबी सूत्रों ने यह जानकारी दी है। उन्होंने बताया कि सिर्फ बाबा सिद्दीकी ही नहीं, उनका बेटा और कांग्रेस विधायक जीशान सिद्दीकी भी टारगेट था।

सूत्र ने फोन पर बताया कि बाबा सिद्दीकी शनिवार रात बेटे जीशान के दफ्तर से घर जा रहे थे। सड़क पर दशहरे की आतिशबाजी हो रही थी। इसी दौरान 10-15 लड़कों का एक ग्रुप आया और बाबा सिद्दीकी से पूछा कि हमारे साथ दशहरा नहीं मनाएंगे क्या?

बाबा सिद्दीकी अक्सर ऐसे आयोजनों में लोगों के बीच चले जाते थे। शनिवार रात भी उन्होंने ऐसा किया। वे लड़कों के कहने पर आतिशबाजी करने लगे। इसके बाद जब वे कार में आगे की सीट पर बैठने लगे, तभी पटाखों की आवाज के बीच 3 शूटर्स ने उन पर फायरिंग कर दी।

उन्हें Y-सिक्योरिटी मिली थी, लेकिन घटना के वक्त पुलिस की गाड़ी थोड़ी दूरी पर थी। एक सोशल मीडिया पोस्ट भी सामने आई है, जिसमें लॉरेंस गैंग ने हत्या की जिम्मेदारी ली है। इस पोस्ट की जांच कर रही है। पोस्ट करने वाले का नाम शुबू लोंकर है और उसने लॉरेंस बिश्नोई, अनमोल बिश्नोई को पोस्ट में टैग किया है।

तीन हमलावरों ने बाबा सिद्दीकी को उनके विधायक बेटे जीशान के ऑफिस के बाहर गोलियां मारी थीं।

तीन हमलावरों ने बाबा सिद्दीकी को उनके विधायक बेटे जीशान के ऑफिस के बाहर गोलियां मारी थीं।

जीशान सिद्दीकी फोन कॉल के चलते बचे हमलावर न सिर्फ बाबा सिद्दीकी बल्कि उनके बेटे जीशान सिद्दीकी की भी हत्या करने वाले थे। लेकिन जीशान बाल-बाल बच गए। सूत्रों ने बताया कि बाबा सिद्दीकी और जीशान सिद्दीकी एक साथ घर जाने के लिए ऑफिस से निकले थे। इसी दौरान जीशान को एक फोन आया और वह वापस ऑफिस चले गए।

जीशान ऑफिस में बैठकर फोन पर बात कर रहे थे। अचानक गोली चलने की आवाज आई। बाबा सिद्दीकी की हत्या हो चुकी थी और हमलावर तितर-बितर हो गए थे। सूत्रों ने बताया कि अगर जीशान सिद्दीकी को फोन नहीं आया होता तो उनकी भी हत्या हो सकती थी।

शूटर्स के निशाने पर न सिर्फ बाबा सिद्दीकी बल्कि उनका बेटा जीशान सिद्दीकी भी था।

शूटर्स के निशाने पर न सिर्फ बाबा सिद्दीकी बल्कि उनका बेटा जीशान सिद्दीकी भी था।

SRA री-डेवलेपमेंट को लेकर जीशान का विवाद चल रहा था सूत्रों ने बताया कि बेटे जीशान बांद्रा से ही कांग्रेस विधायक हैं। उनका विधानसभा क्षेत्र में SRA री-डेवलपमेंट को लेकर विवाद चल रहा था। इस री-डेवलपमेंट के तहत झुग्गियों को तोड़कर वहां रह रहे लोगों को हटाया जाना था। इसके विरोध में जीशान ने अनशन भी किया था।

सूत्रों के मुताबिक, री-डेवलपमेंट के विरोध को लेकर बाबा सिद्दीकी को धमकी भी दी गई थी। सूत्रों ने बताया कि बाबा सिद्दीकी हमेशा से ही सलमान के मददगार रहे हैं। ऐसे में हो सकता है कि लॉरेंस गैंग को बाबा सिद्दीकी और जीशान दोनों के मर्डर की जिम्मेदारी दी गई हो और इस हत्या की जड़ में SRA री-डेवलपमेंट का मुद्दा हो।

सलमान के घर की सिक्योरिटी बढ़ाई गई लॉरेंस गैंग ने 14 अप्रैल को सलमान खान के घर के बाहर फायरिंग की भी जिम्मेदारी ली थी। मुंबई क्राइम ब्रांच ने फायरिंग केस में 25 अप्रैल को अनुज (32) और सुभाष चंदर (37) को पंजाब से हिरासत में लिया था। सोशल मीडिया पोस्ट सामने आने के बाद सलमान खान की सिक्योरिटी बढ़ा दी गई है। उनके बांद्रा स्थित घर पर पुलिस की एक अतिरिक्त टीम तैनात की गई है।

बाबा सिद्दीकी की हत्या के बाद उनके करीबी सलमान खान की भी सिक्योरिटी बढ़ दी गई है। सलमान पहले से ही लॉरेंस गैंग के निशाने पर हैं।

बाबा सिद्दीकी की हत्या के बाद उनके करीबी सलमान खान की भी सिक्योरिटी बढ़ दी गई है। सलमान पहले से ही लॉरेंस गैंग के निशाने पर हैं।

सोशल मीडिया पोस्ट में सलमान के मददगारों को धमकी जिस सोशल मीडिया पोस्ट में बाबा सिद्दीकी की हत्या की जिम्मेदारी ली गई। वो घटना के 28 घंटे बाद पोस्ट की गई। इसे शुबू लोनकर ने पोस्ट किया है। इसमें लिखा है, ‘सलमान खान, हम ये जंग चाहते नहीं थे पर तुमने हमारे भाई का नुकसान करवाया। आज जो बाबा सिद्दीकी के शराफत के पुल बांध रहे है, वह एक टाइम में दाऊद के साथ मकोका एक्ट में था।

इसके मरने का कारन अनुज थापन और दाऊद को बॉलीवुड, राजनीति, प्रॉपर्टी डीलिंग से जोड़ना था। हमारी किसी से कोई दुश्मनी नहीं है, पर जो भी सलमान खान और दाऊद गैंग की हेल्प करेगा, अपना हिसाब-किताब लगा के रखना। हमारे किसी भी भाई को कोई भी मरवाएगा तो हम प्रतिक्रिया जरूर देंगे। हम ने पहले वार कभी नहीं किया।’

सोशल मीडिया पर यह पोस्ट शेयर करते हुए लॉरेंस गैंग ने इस हत्या की जिम्मेदारी ली है।

सोशल मीडिया पर यह पोस्ट शेयर करते हुए लॉरेंस गैंग ने इस हत्या की जिम्मेदारी ली है।

3 शूटर्स ने गोलियां दागीं, 2 गिरफ्तार, एक ने खुद को नाबालिग बताया मुंबई पुलिस ने कॉन्ट्रैक्ट किलिंग की पुष्टि की है। हत्या में शामिल आरोपियों के नाम शिव, धर्मराज और गुरमैल हैं। शिव और धर्मराज यूपी के बहराइच के रहने वाले हैं, दोनों का कोई पुराना क्रिमिनल रिकॉर्ड नहीं है। गुरमैल हरियाणा का रहने वाला है। धर्मराज और गुरमैल को गिरफ्तार किया गया है। शिव फरार है। बताया जा रहा है कि उसे ही हत्या का कॉन्ट्रैक्ट दिया गया था।

शिव करीब 5-6 साल से पुणे में स्क्रैप व्यापारी के यहां काम कर रहा था। कुछ महीने पहले उसने धर्मराज को भी पुणे में बुला लिया। हत्या का कॉन्ट्रैक्ट देने वाले व्यक्ति ने शिव, धर्मराज की मुलाकात गुरमैल से कराई थी।

गुरमेल कैथल जिले का रहने वाला है। उसने अपने दोस्त के भाई की बर्फ के सुए से 52 वार कर हत्या कर दी थी। जेल में वह गैंगस्टर लॉरेंस के गुर्गों के संपर्क में आ गया। जमानत मिलने के बाद वह मुंबई चला गया। पुलिस सूत्रों के मुताबिक, लॉरेंस गैंग ने ही उसे मुंबई बुलाया था।

पुलिस ने धर्मराज और गुरमैल को कोर्ट में पेश किया। दोनों में से एक ने अपनी उम्र 17 साल बताई है। उसने अदालत से कहा कि उसके साथ नाबालिगों जैसा व्यवहार किया जाए। कोर्ट ने उम्र की पुष्टि के लिए आधार कार्ड मांगा है।

दाऊद इब्राहिम की तरह बढ़ा लॉरेंस का नेटवर्क NIA ने अपनी रिपोर्ट में लॉरेंस बिश्नोई की तुलना दाऊद इब्राहिम से की है। पेज नंबर 50 पर इसका जिक्र है। लिखा है कि दाऊद की तरह ही लॉरेंस ने अपना नेटवर्क बढ़ाया है।

D कंपनी का सरगना दाऊद इब्राहिम ड्रग्स कारोबार से लेकर टारगेट किलिंग, वसूली और टेरर सिंडिकेट चलाता है। 1980 के दशक में वो चोरी, लूटपाट जैसे क्राइम करता था। इसके बाद लोकल ऑर्गनाइज्ड क्राइम करने लगा। धीरे-धीरे अपनी गैंग बना ली। इसे नाम दिया गया D-कंपनी।

1990 के दशक तक उसकी गैंग में 500 से ज्यादा मेंबर्स बन गए। 10 से 15 साल में दाऊद इब्राहिम अंडरवर्ल्ड डॉन बन गया। इसमें टेरर सिंडिकेट से बड़ी मदद मिली।

NIA का मानना है कि लॉरेंस बिश्नोई भी नॉर्थ इंडिया में ऑर्गनाइज्ड टेरर सिंडिकेट चला रहा है। उसने भी छोटे-मोटे क्राइम से शुरुआत की थी। इसके बाद गैंग बनाई। जिसके बाद उसका नेटवर्क तेजी से बढ़ा है।

दाऊद इ्ब्राहिम ने छोटा राजन की मदद से गैंग को बढ़ाया। उसी तरह लॉरेंस बिश्नोई ने गोल्डी बराड़, सचिन बिश्नोई, अनमोल बिश्नोई, विक्रम बराड़, काला जठेड़ी, काला राणा के साथ मिलकर गैंग का नेटवर्क 13 राज्यों तक पहुंचा दिया।

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