NATIONAL NEWS

बीकानेर तकनीकी विश्वविद्यालय के संबद्ध इंजिनियरिंग कॉलेज सोभासरिया में प्रो. एस. एन. बोस के योगदान पर कार्यक्रम का आयोजन

FacebookWhatsAppTelegramLinkedInXPrintCopy LinkGoogle TranslateGmailThreadsShare

बीकानेर तकनीकी विश्वविद्यालय के कुलपति प्रोफेसर अंबरीश विद्यार्थी भी रहे उपस्थित

भारत विज्ञान के बल पर विश्वगुरू : कलराज मिश्र, राज्यपाल

बीकानेर, 19 अगस्त,बीकानेर तकनीकी विश्वविद्यालय के संबद्ध इंजिनियरिंग कॉलेज सोभासरिया ग्रुप ऑफ इंस्टीट्यूशंस में भारतीय स्वतंत्रता संग्राम में वैज्ञानिकों और वैज्ञानिक संस्थानों के योगदान : प्रो. एस.एन. बोस विषय पर कार्यक्रम आयोजित हुआ। जनसंपर्क अधिकारी विक्रम राठौड़ ने बताया कि भारत सरकार के संस्कृति मंत्रालय तथा विज्ञान भारती के संयुक्ततत्वाधान में आजादी का अमृत महोत्सव श्रृंखला के अंतर्गत आयोजित इस कार्यक्रम के मुख्य अतिथि राजस्थान के माननीय राज्यपाल कलराज मिश्र, सीकर सांसद सुमेधानन्द सरस्वती , सत्येन्द्र नाथ बोस नेशनल सेंटर फॉर बेसिक साइंसेज, कोलकाता के सीनियर प्रोफेसर रणजीत बिस्वास, केन्द्रीय विश्वविद्यालय, अजमेर के कुलपति प्रो. आनंद भालेराव बीकानेर तकनीकी विश्वविद्यालय के कुलपति प्रो. अम्बरीश एस. विधार्थी, सोभासरिया प्राचार्य डॉ एल सोलंकी, विज्ञान भारती के वाईस प्रेजिडेंट तथा इंडियन मेट्रोलॉजिकल विभाग के पूर्व निदेशक डॉ एल.एस राठौड़ नेशनल इनोवेशन के निदेशक तथा विज्ञान भारती के राष्ट्रीय सचिव डॉ अरविन्द एस रानाडे विज्ञान भारती के राष्ट्रीय उपाध्यक्ष डॉ लक्ष्मण सिंह राठौड़, विज्ञान भारती राजस्थान के सचिव डॉ मेघेन्द्र शर्मा तथा अरावली वेटनरी कॉलेज. सीकर के निदेशक पवन जोशी एवं अन्य सभी वक्ताओं ने प्रो. एस. एन बोस की जीवन यात्रा तथा स्वतंत्रता संग्राम में उनके योगदान से जुड़ी विभिन्न घटनाओं द्वारा उनके देश प्रेम से उपस्थित विद्यार्थियों एवं व्याख्याताओं को अवगत कराया।

महामहिम राज्यपाल कलराज मिश्र ने अपने उद्बोधन में कहा कि भारतीय स्वतंत्रता संग्राम में वैज्ञानिकों और वैज्ञानिक संस्थानों के योगदान एवं अन्य संबधित विषयों पर विमर्श को आज के समय की आश्यकता बताते हुए भारतीय संस्कृति ओ वैज्ञानिक सरोकारों से नई पिढ़ी से जोड़ने के महत्व पर प्रकाश डाला। ब्रिटिश राज द्वारा भारतीय विज्ञान के विकास तथा भारतीय वैज्ञानिकों के योगदान को सही पहचान न देने के बावजुद भारतीय वैज्ञानिको ने न केवल अपना कार्य जारी रखा बल्कि भारत को नई उपलब्धिया हासिल करने में सहायता की। जगदीश चन्द्र बसु महेन्द्र लाल सरकार तथा प्रफुल्ल चन्द रे जैसे अनेक महान वैज्ञानिकों का जिक्र करते हुए उन्होंने बताया की सत्येन्द्र नाथ बोस एवं अन्य वैज्ञानिको ने भारतीय गौरव को विश्व भर में स्थापित किया तथा हमारी प्राचीन विज्ञान परम्परा को फिर से जीवत किया।

कार्यक्रम का मुख्य उद्देश्य उपेक्षित वैज्ञानिकों को प्रकाश में लाना रहा। सरस्वती वंदना से आरम्भ हुए इस कार्यक्रम में ग्रुप प्राचार्य डॉ. एल सोलंकी के स्वागत भाषण के पश्चात प्रोफेसर एसएन बोस के जीवन पर डॉक्यूमेंट्री का प्रदर्शन किया गया डॉक्यूमेंट्री में उनके विज्ञान में योगदान के अलावा राष्ट्रीय संघर्ष में योगदान को भी दिखाया गया। की नोट स्पीकर डॉ रणजीत बिस्वास ने अपने प्रेजेटेशन में प्रोफेसर एस एन बोस का जीवन परिचय दिया उन्हें महान वैज्ञानिक के साथ-साथ समाज सुधारक तथा देशभक्त भी बताया। उन्होंने बताया कि वह रिसर्च पेपर की अपेक्षा इनोवेशन को अधिक महत्व देते थे वह संगीत सुनते नहीं देखते थे और उन्होंने स्वदेशी आदोलन में भी भाग लिया वह मातृभाषा के प्रबल समर्थक थे। कर्तव्य से अवगत करवाया।

महामहिम राज्यपाल कलराज मिश्र ने संविधान की उद्देशिका का वाचन किया एवं एवं नागरिकों को उनके मूल कर्तव्य से अवगत कराया।

सीकर सांसद द्वारा प्रदर्शनी का उद्घाटन

सीकर सांसद सुमेधानंद द्वारा विद्यार्थियों द्वारा विज्ञान पर तैयार किए गए विभिन्न प्रोजेक्ट्स का उद्घाटन किया गया। सीकर सांसद, बीटीयू वाइस चान्सलर ए एस विद्यार्थी एवं सोभासरिया ग्रुप प्रतिनिधि सीए सुनील मोर द्वारा अतिथियों के स्वागत के पश्चात् विज्ञान भारती सचिव डॉ मेचेंद्र शर्मा ने अपने उद्बोधन में उपेक्षित 22 वैज्ञानिकों का जिक करते हुए बताया कि यह अभियान उपेक्षित वैज्ञानिकों को प्रकाश में लाने के लिए चलाया जा रहा है।

सीकर सांसद ने प्राचीन ग्रंथो वेद, वेदांग तथा उपनिषद का वर्णन करते हुऐ प्राचीन ज्ञान को नवीन विज्ञान से जोड़ा। उन्होंने अपने उद्बोधन में वृहद विमान शास्त्र ग्रंथ का उल्लेख किया जिसमें ध्वनि रहित विमान का वर्णन किया गया है। साथ ही उन्होंने विज्ञान भारती के इस अभियान की प्रशंसा की।कार्यक्रम के अन्तर्गत विद्यार्थियों के लिए विज्ञान प्रदर्शनी, पोस्टर प्रतियोगिता, मॉडल कॉम्पिटिशन का आयोजन किया गया तथा विजेताओं को पुरस्कृत किया गया।

FacebookWhatsAppTelegramLinkedInXPrintCopy LinkGoogle TranslateGmailThreadsShare

About the author

THE INTERNAL NEWS

Add Comment

Click here to post a comment

error: Content is protected !!