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बीकानेर में लागू नहीं होते रोड सेफ्टी नियम?:अंधे चौराहे, 90 डिग्री मोड़, उल्टी साइड एंट्री और रात में रिफ्लेक्शन वाले बोर्ड

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बीकानेर में लागू नहीं होते रोड सेफ्टी नियम?:अंधे चौराहे, 90 डिग्री मोड़, उल्टी साइड एंट्री और रात में रिफ्लेक्शन वाले बोर्ड

बीकानेर

फाइल फोटो। - Dainik Bhaskar

फाइल फोटो।

पूरे बीकानेर में एक ऐसा चाैराहा नहीं जिस चाैराहे से लेकर उससे जुड़ी चाराें सड़क का पैमाना इंडियन राेड़ कांग्रेस के पैमाने पर खरा उतरता हाे। उदाहरण भी हाई-वे और उससे जुड़े चाैराहाें के हैं। साेचिए जिस शहर में हाई-वे और उससे जुड़े चाैराहाें पर नियमाें की पालना नहीं हाे रहा उस शहर के भीतर की दशा क्या हाेगी। शहर के भीतर से गुजर रहे चाराें हाई-वे और उनसे जुड़े चाैराहे नियम विरुद्ध बने हैं। एक हाई-वे से जुड़े चाैराहे हल्दीराम प्याऊ काे देखें।

अचानक से तिरछा कर्व। ऊपर से सागर राेड़ से जुड़ी सड़क और उससे ठीक पास में ट्रैफिक पुलिस की चाैकी। बीकानेर से जाने वाले व्यक्ति काे भी अगर सागर राेड की ओर मुड़ना हाे ताे यहां अफरा-तफरी का माहाैल हाे ही जाता है। जहां सिक्स लेन बन गई वहां ऐसा काेई बदलाव नहीं दिख रहा जाे सिक्स लेन का अहसास कराए। सांगलपुरा में अक्सर सड़क पर ही सामान बिखरा रहता है। यही स्थिति सांगलपुरा से हल्दीराम प्याऊ तक है।

इंडियन रोड कांग्रेस के पैमाने पर बीकानेर का एक भी चौराहा खरा नहीं उतरता

1. अगर आप हल्दीराम प्याऊ से हाेते हुए म्यूजियम सर्किल से दीनदयाल सर्किल की और मुड़ना चाहते हैं ताे वाे माेड़ 90 डिग्री के एंगल पर है। उसमें थाेड़ा भी कर्व नहीं है जबकि शहर के भले भीतर हाे लेकिन वाे हाई-वे है। हाई-वे पर अचानक 90 डिग्री के माेड़ का प्रावधान इंडियन राेड कांग्रेस में सख्त मना है।

2. अगर आप म्यूजियम सर्किल से श्रीगंगानगर सर्किल की ओर जा रहे हैं ताे दीनदयाल सर्किल पर म्यूजियम चाैराहे से आने वाली गाड़ियाें की स्पीड तेज हाेती है। अंबेडकर भवन की दीवार ऊंची होने से म्यूिजयम सर्किल की ओर से आने वाले वाहन नहीं दिखते।

3. दीनदयाल सर्किल से अगर आप श्रीगगानगर चाैराहे की ओर जा रहे ताे आकाशवाणी के पास जाे चाैराहा है उसके दाे काेनाें की ओर वेटरनरी विवि की जमीन है। उसकी दीवार सड़क से सटी है बड़ी बस ना मुड़ सकती है ना चाैराहा पास कर सकती है।

4. अगर आप नाेखा से बीकानेर आ रहे ताे गाेगागेट चाैराहे काे नियमाें के तहत बाई तरफ से पार करते हुए रानीबाजार की ओर नहीं मुड़ सकते। हाई-वे से जुड़ा ये इकलाैता ऐसा चाैराहा है जिससे ज्यादा अच्छे चाैराहे गली-कूचाें के हैं।

क्या कहते हैं नियम: आईआरसी यानी इंडियन राेड कांग्रेस की स्थापना दिसंबर 1934 में भारतीय सड़क विकास समिति की सिफारिशों पर की गई थी। नियम बने 89 साल हो चुके हैं। जिसे सरकार की ओर से स्थापित जयकर समिति के नाम से जाना जाता है। आईआरसी काे सड़क, चाैराहाें से लेकर हाई-वे का संविधान कहा जाता है।

1. चाैराहाें का इंडियन राेड कांग्रेस के मुतािबक चाैराहे के चाराें माेड़ का व्यू वाहन चालक काे दूर से दिखना चाहिए।

2. 90 डिग्री के मोड नहीं होने चाहिए।

3. चौराहों से पहले स्पीड ब्रेकर होना चा​हिए अगर चौराहा किसी हाईवे पर न पड़ रहा हो।

4.चौराहों से पहले जेब्रा लाइनें होनी चाहिए।

5. सभी तरह के जरूरी इंडिकेटर लगाए जाने चाहिए।

6. चौराहों पर वाहनों के घूमने के लिए जरूरी स्थान होना चाहिए।

आपने जितने प्वाइंट बताए हैं वाे सारे मेरे और जिला प्रशासन के ध्यान में हैं। अभी एक कमेटी वर्क कर रही है जाे इन्हीं प्वाइंट काे ठीक करने की प्लानिंग कर रही है। इसमें गाेगागेट भी है, दुर्गादास सर्किल, म्यूजियम सर्किल समेत कई और चाैराहे हैं। मैने भी विजिट किया है जल्द ही इस पर काम शुरू करा दिया जाएगा। -नरेश जाेशी, एक्सईएन पीडब्ल्यूडी

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