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बेटे का बदला मां से, गांव में न्यूड परेड कराई:400 चश्मदीद, आज भी चुप; कोर्ट बोला- ये द्रौपदी के चीरहरण से बदतर

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बेटे का बदला मां से, गांव में न्यूड परेड कराई:400 चश्मदीद, आज भी चुप; कोर्ट बोला- ये द्रौपदी के चीरहरण से बदतर

‘रात के 2 बजे थे। 15-16 लोग मेरे घर में घुस आए। बहू को घसीटते हुए बाहर ले गए। मैंने उनके पैर पकड़े, घर के आसपास खड़े लोगों से बचाने की गुहार लगाई, लेकिन कोई आगे नहीं आया। कुछ लोग तो हंस रहे थे। उन्होंने बहू के सारे कपड़े फाड़ दिए। बिना कपड़ों के उसे गांव में घुमाया। फिर एक खंभे से बांध दिया। वे बहू को पीटते रहे। देखने के लिए पूरे गांव के लोग खड़े थे, बचाने वाला कोई नहीं था।’

वंटामुरी गांव में एक घर के बाहर बैठीं 80 साल की बुजुर्ग महिला आपबीती बताते हुए रोने लगती हैं। वंटामुरी गांव कर्नाटक के बेलगावी जिले में आता है।

घटना के बाद से ही वंटामुरी गांव में सन्नाटा है। ज्यादातर युवा गांव से गायब हैं, बाकी लोग कुछ बोल नहीं रहे।

घटना के बाद से ही वंटामुरी गांव में सन्नाटा है। ज्यादातर युवा गांव से गायब हैं, बाकी लोग कुछ बोल नहीं रहे।

जिस महिला को पीटा गया, आरोप है कि उसका 22 साल का बेटा गांव की एक लड़की के साथ कहीं चला गया है। इसी गुस्से में लड़की के परिवार ने 12 दिसंबर, 2023 की रात महिला के घर पर हमला कर दिया। गांव के 400 से ज्यादा लोग घटना के वक्त मौजूद थे, लेकिन किसी ने महिला को बचाया नहीं। कुछ लोग तो वीडियो बनाते रहे।

19 दिसंबर को केस की जांच के लिए नेशनल ह्यूमन राइट्स कमीशन यानी NHRC की टीम गांव में आई थी। हालांकि, गांव के लोग गवाही के लिए तैयार नहीं हैं। NHRC के एक अधिकारी बताते हैं कि ज्यादातर लोग कह रहे हैं कि हम घटना वाले दिन गांव में नहीं थे। जो थे, वे भी रात में सोने की बात कहकर पीछा छुड़ा रहे हैं।

नेशनल ह्यूमन राइट्स कमीशन यानी NHRC की टीम ने गांव के लोगों के बयान लिए थे। हालांकि गांव के लोग कुछ भी बोलने से बच रहे हैं।

नेशनल ह्यूमन राइट्स कमीशन यानी NHRC की टीम ने गांव के लोगों के बयान लिए थे। हालांकि गांव के लोग कुछ भी बोलने से बच रहे हैं।

पहले जान लीजिए, 12 दिसंबर की रात हुआ क्या था
बेलगावी से करीब 22 किमी दूर वंटामुरी गांव में 12 दिसंबर की रात कुछ लोग एक घर में घुसे। उनके पास डंडे, रॉड, धारदार हथियार और पिस्टल थीं। इन लोगों ने पहले घर में तोड़फोड़ की, फिर 42 साल की सीमा से मारपीट शुरू कर दी। (सीमा बदला हुआ नाम है)

सीमा को पीट रहे लोगों ने उसकी साड़ी खींचकर फेंक दी। बीच-बचाव करने आई 80 साल की सास को भी पीटा। इसके बाद बाल पकड़कर खींचते हुए सीमा को घर के बाहर ले आए। शोरगुल सुनकर तब तक करीब 400 लोग जुट चुके थे।

मारपीट करने वाले सीमा को घसीटते हुए 100 मीटर दूर ले गए, फिर बिजली के एक खंभे से बांध दिया। यहां भी सीमा को पीटा, उसके बाल खींचे। पिटाई से सीमा बेहोश हो गई। इस दौरान गांव के कुछ लोग वीडियो बनाते रहे।

इसी दौरान किसी ने पुलिस को फोन कर दिया। करीब एक घंटे बाद पुलिस आई और बेहोश हो चुकी सीमा को हॉस्पिटल पहुंचाया। पुलिस ने गांव के ज्यादातर लोगों के मोबाइल से वीडियो डिलीट करा दिए। सिर्फ एविडेंस के लिए कुछ वीडियो अपने पास रखे।

सीमा को इसी खंभे से बांधा गया था। फोटो में BJP की फैक्ट फाइंडिंग टीम में शामिल महिला सांसद दिख रही हैं, जो घटना के बाद गांव में जांच के लिए आई थीं।

सीमा को इसी खंभे से बांधा गया था। फोटो में BJP की फैक्ट फाइंडिंग टीम में शामिल महिला सांसद दिख रही हैं, जो घटना के बाद गांव में जांच के लिए आई थीं।

बेटे का गांव की लड़की से अफेयर था, लड़की के परिवार को ये बात पसंद नहीं आई
सीमा और उसके पति ने 2-2 शादियां की थीं। सीमा की पहली शादी से 22 साल का एक बेटा और बेटी है। बताया जाता है कि बेटे का आरोपियों की बेटी के साथ अफेयर था। लड़की के घरवालों को ये बात पता चली, तो उन्होंने लड़की के बाहर निकलने पर पाबंदी लगा दी। लड़की की शादी तय कर दी। लड़की का परिवार गांव में खासा रसूख रखता है। जमीन के विवाद में उन पर एक युवक के मर्डर का भी आरोप है।

वहीं, लड़के का परिवार गरीब है। सीमा के पति कर्नाटक से मुंबई के बीच ट्रक चलाते हैं। लड़की का परिवार नहीं चाहता था कि उनकी बेटी का रिश्ता सीमा के परिवार में हो। 16 दिसंबर को लड़की की सगाई होनी थी। 11 दिसंबर को सीमा का बेटा और लड़की गांव से कहीं चले गए। इससे भड़के उसके परिवार के लोग सीमा के घर पहुंच गए।

80 साल की बुजुर्ग बोलीं- मेरे पेट पर लात मारी, फिर डंडों से पीटा
घटना के बाद team वंटामुरी गांव पहुंचा। यहां सन्नाटा पसरा था। कई जगह पुलिस वैन खड़ी दिखीं। गलियों में पुलिसवाले तैनात हैं।

घटना के बाद से गांव में जगह-जगह पुलिस तैनात है। विक्टिम का परिवार भी पुलिस की सिक्योरिटी में है।

घटना के बाद से गांव में जगह-जगह पुलिस तैनात है। विक्टिम का परिवार भी पुलिस की सिक्योरिटी में है।

हम सबसे पहले सीमा के घर पहुंचे। घर के बाहर 6 महिला पुलिसकर्मी तैनात थीं। यहां हमें सीमा की बुजुर्ग सास मिलीं। वे बताती हैं, ‘उस दिन मेरी तबीयत खराब थी, इसलिए जल्दी खाना खाकर सो गई थी। रात करीब 2 बजे कुछ लोग दरवाजा पीटने लगे। मैं खड़े होने की हालत में नहीं थी, इसलिए बहू ने दरवाजा खोला। दरवाजा खुलते ही वे लोग अंदर घुस आए और डंडों से पीटने लगे।’

‘वे बोल रहे थे कि मेरी बहू ने ही अपने बेटे को भगाया है। वे मेरी बहू के साथ गलत हरकत करने लगे। ये सब देखकर मुझसे रुका नहीं गया। मैं हिम्मत करके बिस्तर से उठी और उन्हें रोकने लगी। एक लड़के ने मेरे पेट पर लात मारी और मैं घर के कोने में गिर गई। फिर मुझे भी डंडे से पीटा।’

ये सीमा की सास हैं। उम्र ज्यादा होने से ठीक से चल नहीं पातीं। घटना वाले दिन इनसे भी मारपीट की गई थी।

ये सीमा की सास हैं। उम्र ज्यादा होने से ठीक से चल नहीं पातीं। घटना वाले दिन इनसे भी मारपीट की गई थी।

दादी बोलीं- मुझे तो पता भी नहीं था कि पोता किसी लड़की को पसंद करता है
सीमा की सास बताती हैं, ‘वे लोग मेरी बहू को घसीटते हुए घर से बाहर ले गए। शोर सुनकर घर के बाहर भीड़ जुट गई थी। मैंने उनसे भी मदद मांगी, पर कोई बचाने नहीं आया। उनमें से कुछ लोग तो हंस रहे थे।’

‘मेरे पोते ने प्यार किया है, उसकी इतनी बड़ी सजा हमें क्यों दे रहे हैं। हमें तो पता भी नहीं था कि उसका किसी लड़की से अफेयर है। हमें पता होता तो पोते को रोक देते। हम लोग खुद ही उस परिवार से कोई रिश्ता नहीं रखना चाहते। उनकी बेटी गायब हुई है, तो हमारा बेटा भी तो गायब है। मुझे नहीं पता कि पोता अभी किस हाल में है। अगर वो इनके हाथ लग गया, तो ये उसे मार डालेंगे।’

एक पड़ोसी सीमा को बचाने आए, उन्हें हाथ-पैर बांधकर पीटा
सीमा की सास से बात करके हम घर से बाहर निकले। गांव के चौराहे पर हमें जहांगीर मिले। वे बताते हैं, ‘सीमा के पति के साथ मैं भी ट्रक चलाता हूं। उस रात करीब एक बजे मेरे पास फोन आया कि कुछ लोग सीमा के घर में घुसकर हंगामा कर रहे हैं।’

‘मैं सीमा के घर गया। मैं उसे बचाने लगा, तो भीड़ ने मुझे भी पकड़ लिया। कहने लगे कि लड़की के गायब होने में इसका भी हाथ है। मैं कुछ कहता, तब तक उन्होंने मुझे पीटना शुरू कर दिया। मैं उनसे छूटकर भागा, तो उन्होंने मुझे फिर पकड़ लिया। मेरे हाथ-पैर बांधकर घसीटते हुए ले गए। सीमा के घर से करीब 100 मीटर दूर बिजली का खंभा है। वहां तक दोनों तरफ रास्ते में 50 से ज्यादा घर हैं, लेकिन किसी ने हमें बचाने की कोशिश नहीं की।’

जहांगीर बताते हैं, ‘वे लोग पूरे रास्ते मुझे डंडे और लात-घूंसों से पीटते ले गए। मुझे डर है कि कैमरे पर अगर कुछ बोलूंगा तो वे फिर से मुझे पीटेंगे। मैं भी इस घटना का पीड़ित हूं, लेकिन मेरी कोई मदद नहीं कर रहा है।’

जहांगीर की पत्नी बोलीं- डंडे, चाकू और कुल्हाड़ी लेकर 10 महिलाएं भी आई थीं
हम जहांगीर के साथ उनके घर गए। उनकी पत्नी हिना इस केस की चश्मदीद गवाह हैं। हिना बताती हैं, ‘मेरे पति सीमा के घर पहुंचे, तब दरवाजा अंदर से बंद था। उन्होंने गेट खुलवाया तो घर में छिपे लोगों ने अटैक कर दिया। मुझे समझ नहीं आ रहा था कि वे मेरे पति को क्यों पीट रहे हैं। मैंने उनके हाथ जोड़े, फिर पूछा कि क्यों मार रहे हैं, इन्होंने क्या बिगाड़ा है। तब लड़की के भाई ने कहा कि मेरी बहन को गायब करने में जहांगीर भी शामिल है।’

‘मेरे पति का इस केस से कोई लेना-देना नहीं है। मेरा ऑपरेशन हुआ है, इसलिए बड़ी मुश्किल से चल पाती हूं। फिर भी मैंने पति को बचाने की बहुत कोशिश की। पड़ोस के लोगों ने बताया कि मेरे पति को डंडों से बुरी तरह पीटा है। उनका मोबाइल तोड़ दिया, इतना पीटा कि वे ठीक से चल नहीं पा रहे।’

हिना ने बताया, ‘मेरे पति के सिर और पैर में चोट लगी थी। लगातार खून बह रहा था। फिर पुलिस आई और उन्हें हॉस्पिटल ले गई। वे डर से कांप रहे थे। उनकी आंखों के सामने ही सीमा को बांधकर पीटा गया था। हमला करने वालों में 10 महिलाएं भी थीं। वे डंडा, चाकू और कुल्हाड़ी लेकर आई थीं।’

हिना कहती हैं, ‘जब ये घटना हुई तो कई लोग तमाशा देखने के लिए जुटे थे, कोई भी सीमा या मेरे पति को बचाने के लिए आगे नहीं आया। गांव के चेयरमैन और अध्यक्ष भी खड़े थे। कोई पीटने से रोकता, तो मारपीट करने वाले उसे पिस्टल दिखाकर गोली मारने की धमकी दे रहे थे। मेरी 2 बेटी और एक बेटा है। हमें डर है कि हमला करने वाले जेल से छूटने के बाद फिर मारपीट कर सकते हैं।’

सीमा हॉस्पिटल से डिस्चार्ज, पुलिस ने गेस्ट हाउस में हाई सिक्योरिटी में रखा
पुलिस ने सीमा को डिस्ट्रिक्ट हॉस्पिटल में एडमिट कराया था। उन्हें हॉस्पिटल से डिस्चार्ज कर दिया गया है, लेकिन वे अब भी घर नहीं गई हैं। उन्हें हॉस्पिटल के बाहरी हिस्से में बने एक गेस्ट हाउस में हाई सिक्योरिटी में रखा गया है।

कर्नाटक हाईकोर्ट ने आदेश दिया है कि कोर्ट की अनुमति के बगैर जांच टीम भी सीमा से नहीं मिल सकती। कोर्ट के आदेश के बाद राज्य सरकार ने इस मामले की जांच क्राइम इन्वेस्टिगेशन डिपार्टमेंट यानी CID को दी है।

11 अरेस्ट, 2 नाबालिग भी पकड़े गए, पीड़ित पक्ष के 2 लोग लापता
डिस्ट्रिक्ट हॉस्पिटल के बाहर हमें CID के एक अधिकारी मिले। उन्होंने नाम न जाहिर करते हुए बताया कि पीड़ित पक्ष के 2 लोग जान बचाने के लिए घर से गायब हैं। हमला करने वाले आरोपियों में 2 पूर्व ग्राम पंचायत अध्यक्ष हैं। उन पर मर्डर और मारपीट के केस पहले भी दर्ज हुए हैं। अभी वे जमानत पर हैं। इस घटना में शामिल होने पर हम उनकी जमानत रद्द करने की मांग करेंगे।

CID अधिकारी ने बताया, ‘हमने ग्रामीणों के बयान दर्ज कर लिए हैं। आरोपियों के घर से कुछ हथियार भी बरामद किए हैं। हम लोग FIR की कॉपी को रिवाइज्ड करने के बारे में सोच रहे हैं। उसी आधार पर चार्जशीट दायर करेंगे। रूरल पुलिस स्टेशन में 13 लोगों के खिलाफ FIR दर्ज हुई है, जिनमें से 11 लोग अरेस्ट किए गए हैं। 2 नाबालिगों की भूमिका की जांच चल रही है।’

अभी सीमा की हालत कैसी है? CID अधिकारी ने बताया, ‘उन्हें कई जगह गंभीर चोट आई है। दो इंजरी ज्यादा सीरियस हैं। आरोपियों को सीमा ने पहचान लिया है। ज्यादातर हमलावर लड़की के रिश्तेदार ही हैं। हम फोरेंसिक टीम की मदद से एविडेंस तलाश रहे हैं।’

केस की जांच DIG सुधीर कुमार रेड्डी और SP रश्मि पारेड्डी के पास है। ADG सुनील कुमार मीणा ने भी सीमा और जांच टीम के अधिकारियों से बात की है।

हाईकोर्ट ने कहा- महिला को बचाने कोई नहीं आया, वहां मौजूद लोगों से जुर्माना वसूला जाना चाहिए
वंटामुरी गांव में हुई घटना पर कर्नाटक हाईकोर्ट ने कहा, ‘ये घटना महाभारत में द्रौपदी के अपमान से भी बदतर है। भगवान श्रीकृष्ण द्रौपदी की रक्षा के लिए आए, लेकिन वंटामुरी गांव की महिला को बचाने कोई नहीं आया।’

सुनवाई के दौरान चीफ जस्टिस प्रसन्ना बी. वारले ने कहा, ‘महिला जिस आघात से गुजर रही है, उसे ध्यान में रखते हुए उससे मिलने पर रोक लगाई जानी चाहिए। पीड़िता की हेल्थ कंडीशन खराब हो सकती है। ऐसे में उससे किसी के भी मिलने पर रोक लगाई जा रही है।’

कर्नाटक सरकार ने 2 एकड़ जमीन और 5 लाख रुपए की मदद की
कर्नाटक के डिप्टी CM डीके शिवकुमार ने इस घटना पर कहा, ‘एक आदिवासी महिला को निर्वस्त्र घुमाने के मामले में शामिल सभी दोषियों को गिरफ्तार कर लिया गया है। घटना की जानकारी मिलते ही हमारी सरकार एक्टिव हो गई।’

इस घटना पर BJP के नेशनल प्रेसिडेंट जेपी नड्डा ने कहा था कि ये कांग्रेस सरकार के गैरजिम्मेदाराना व्यवहार को दर्शाता है। कांग्रेस कर्नाटक की सत्ता में आई है, तब से महिलाओं के साथ होने वाले अपराध बढ़ गए हैं।

इसके जवाब में CM सिद्धारमैया ने कहा, ‘सिर्फ बेलगावी नहीं, हमारी सरकार हर जगह सख्त है। कोई भी अपराध हो, हम कड़ी कार्रवाई करेंगे। BJP वंटामुरी गांव की घटना पर राजनीति कर रही है।’

BJP ने 5 महिला सांसदों की टीम को वंटामुरी भेजा
जेपी नड्डा ने दिल्ली से 5 महिला सांसदों की एक फैक्ट फाइंडिंग टीम को वंटामुरी गांव में भेजा था। टीम में अपराजिता सारंगी, सुनीता दुग्गल, रंजीता कोली, लॉकेट चटर्जी और पार्टी की राष्ट्रीय महासचिव आशा लाकड़ा शामिल हैं। अपराजिता सारंगी ने बताया, ‘हमारी जांच में पता चला कि घटना रात करीब डेढ़ बजे हुई थी, लेकिन पुलिस 2-3 घंटे बाद पहुंची। इससे पता चलता है कि कर्नाटक में कानून-व्यवस्था बेपटरी हो गई है।’

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