संभावित मीजल्स (खसरा) रोगियों की पहचान व सर्विलेंस की गतिविधियां अब कफ़, कोराइजा,कन्जेक्टिविटीज यानी कि खांसी, सर्दी जुकाम व आंख आना जैसे लक्षणों की बजाए बुखार व चकत्ते बनना (फीवर एंड रैशेज) जैसे लक्षणों के आधार पर किया जाएगा। भारत सरकार की एडवाइजरी के आधार पर राज्य सरकार ने जारी किए संशोधित निर्देश।

Add Comment