NATIONAL NEWS

मूर्ति विसर्जन कुंडों में कराकर न्यायालय के निर्देशों की पालना सुनिश्चित करवाने की मांग

FacebookWhatsAppTelegramLinkedInXPrintCopy LinkGoogle TranslateGmailThreadsShare

गौ संरक्षण के लिए गौबर से बनी मूर्तियां उपयोग में लाए जाने के लिए प्रोत्साहन की महती आवश्यकता

लूणकरणसर। श्री गणेश मूर्ति विसर्जन नेशनल ग्रीन ट्रिब्यूनल व राजस्थान उच्च न्यायालय की ओर से झील जलाशयों को प्रदूषण मुक्त रखने के लिए आदेशों के अनुरूप करवाने की मांग को लेकर भारतीय जीव जंतु कल्याण बोर्ड के मानद प्रतिनिधि श्रेयांस बैद ने केंद्रीय वन एवं पर्यावरण मंत्री भूपेंद्र यादव, अध्यक्ष भारतीय जीव जंतु कल्याण बोर्ड , मुख्यमंत्री अशोक गहलोत, एवम अध्यक्ष अमृता देवी राज्य जीव जंतु कल्याण बोर्ड को लिखे पत्र में बताया की झील जलाशयों के बजाय अलग से बनाए गए कुंडों व टांकों में मूर्ति विसर्जन करवाने के निर्देश प्रदान करावाये जाए । मूर्तियों के निर्माण में बाई कार्बोनेट, कॉपर, सल्फर, सोडियम,एन्फास्फोरस सहित अन्य घातक रसायन व पेंट उपयोग में लिये जाने से जलाशयों में पानी की सतह पर सूर्य की रोशनी व ऑक्सीजन का प्रवेश नहीं हो पता है ।ऑक्सीजन की मात्रा 0% से भी नीचे चली जाती है, जिससे पानी में रहने वाले जीव जंतु दम तोड़ देते हैं ।पानी जहरीला होने के कारण पक्षी वहां पर पानी भी नहीं पी पाते हैं ।देश भर में श्री गणेश मूर्ति विसर्जन को जलाशय, तालाबों, नहरों, नदियों में विसर्जित किया जाता है जिससे जीव जंतुओं पर प्रतिकूल प्रभाव पड़ता है । दूसरी ओर गणेश मूर्ति बनाने के लिए गोबर से बनी मूर्तियां अगर देश भर में बनने लग जाए उनको प्रोत्साहन मिले तो यह गौ रक्षा की दृष्टि से गाय के गोबर के उपयोग में भी महत्वपूर्ण साबित होगी ।

FacebookWhatsAppTelegramLinkedInXPrintCopy LinkGoogle TranslateGmailThreadsShare

About the author

THE INTERNAL NEWS

Add Comment

Click here to post a comment

error: Content is protected !!