रंधावा बोले-राजस्थान में कांग्रेस का प्रदर्शन दूसरे राज्यों से बेहतर:कहा- अब लोकसभा चुनावों की तैयारी करेंगे, फिलहाल बदलाव के संकेत नहीं
दिल्ली/जयपुर

विधानसभा चुनावों में कांग्रेस की हार को लेकर दिल्ली कांग्रेस मुख्यालय में समीक्षा बैठक की गई। इसके बाद राजस्थान के नेताओं को लोकसभा चुनाव की तैयारियों में जुटने का टास्क दिया गया है। शनिवार को दिल्ली में राहुल गांधी और मल्लिकार्जुन खड़गे ने हार के कारणों को लेकर विस्तार से बात की। कम अंतर से हारी सीटों के साथ भितरघात पर भी चर्चा की गई। बैठक के बाद कांग्रेस के प्रदेश प्रभारी सुखजिंदर सिंह रंधावा ने कहा- आज से हम लोकसभा चुनाव की तैयारियों में जुटेंगे। रंधावा ने प्रदेश प्रभारी और प्रदेशाध्यक्ष के इस्तीफों से इनकार करते हुए तर्क दिया कि राजस्थान में कांग्रेस का प्रदर्शन बेहतर रहा है। बैठक में राहुल गांधी और खड़गे के अलावा अशोक गहलोत, गोविंद सिंह डोटासरा, सचिन पायलट, सीपी जोशी, भंवर जितेंद्र सिंह, गोविंद मेघवाल मौजूद थे।
बीजेपी-कांग्रेस के बीच वोटों का अंतर कम
रंधावा ने कहा- मीटिंग में काफी लंबी चर्चा हुई। हमारा वोट शेयर और बीजेपी को मिले वोट में बहुत कम अंतर है। हमारे बहुत से कैंडिडेट्स बहुत कम वोटों से हारे हैं। ऐसे कैंडिडेट भी हैं। जिनका अंतर 1500 से भी कम है। उन सबके ऊपर चर्चा हुई। हमने आज से ही उनको बोल दिया है कि हम पार्लियामेंट की तैयारी करेंगे। जहां-जहां हमारी खामी रह गई, कमियां थीं। उनको हम पूरा करेंगे। एकजुट होकर चुनाव लड़ेंगे।

दिल्ली कांग्रेस मुख्यालय में समीक्षा बैठक की गई। यहां लोकसभा चुनाव की तैयारियों में जुटने का टास्क दिया गया।
कांग्रेस में फिलहाल बदलाव के संकेत नहीं
रंधावा ने फिलहाल प्रदेशाध्यक्ष से लेकर प्रभारी के पदों पर बदलाव नहीं होने के संकेत दिए। रंधावा से जब चुनावी नतीजों के बाद इस्तीफा देने के बारे में पूछा तो उन्होंने साफ कहा कि राजस्थान का प्रदर्शन दूसरे राज्यों से बेहतर रहा है, बदलाव तो तब होता जब प्रदर्शन खराब होता।
विधानसभा चुनावों में पूरी कांग्रेस एकजुट थी
रंधावा ने कहा- विधानसभा चुनावों में पूरी कांग्रेस एकजुट थी। एक आवाज में पूरी कांग्रेस ने वहां इलेक्शन लड़ा। हमारा जो बूथ लेवल का या मंडल अध्यक्ष थे, दूसरे ब्लॉक प्रेसिडेंट थे, डिस्ट्रिक्ट प्रेसिडेंट उन्होंने खूब काम किया। कांग्रेस के वर्कर्स ने भी बहुत मेहनत की। हमारे नेताओं ने भी आज कहा है लोकसभा चुनाव की आज से ही तैयारी करनी है। हमें फाइट करनी है और लोगों को बताना है कि हम जीतकर आएंगे।
इस्तीफे पर बोले- मैं तो विधानसभा चुनाव तक ही रहना चाहता था
राजस्थान चुनावों में कांग्रेस की हार के बाद प्रभारी या प्रदेशाध्यक्ष के इस्तीफे के सवाल पर रंधावा ने कहा- हमने उनको कहा कि जो हैं, वो कर देंगे। राजस्थान में बाकी राज्यों की तुलना में बहुत बेटर परफॉर्मेंस रही है। आपने देखा है कि बहुत समय बाद कांग्रेस इतनी सीटों पर पहुंची है। वोट शेयर हमारा डाउन नहीं आया है। हम 0.44 परसेंट पहले से आगे बढ़े हैं। मैंने तो पहले भी कई बार कहा था कि मैं असेंबली तक यहीं रहना चाहता हूं, उसके बाद पंजाब में जाकर वापस काम करना है। जो इंचार्ज होते हैं, जो अध्यक्ष होते हैं, जो सीएम होते हैं। उनका काम इलेक्शन लड़ना है। वहां हम पता नहीं कैसे पीछे रह गए? इसके बारे में भी हम सोचेंगे कि क्यों रहे? और इतने कम वोटों पर कई कैंडिडेट हमारे जो हारे हैं, उनके ऊपर भी हम चर्चा करेंगे।

राहुल गांधी और मल्लिकार्जुन खड़गे ने हार के कारणों को लेकर चर्चा की।
गहलोत का तर्क- धार्मिक ध्रुवीकरण की वजह से हारे
कार्यवाहक सीएम अशोक गहलोत ने विधानसभा चुनावों में कांग्रेस की हार के लिए धार्मिक मुद्दों पर चुनाव होने को कारण बताया है। गहलोत ने कहा- विधानसभा चुनावों में बीजेपी के पास कोई इश्यू नहीं था, इन्होंने धार्मिक तनाव बढ़ाने वाले भाषण दिए। चुनाव का ध्रुवीकरण कर दिया। राष्ट्रीयता, ध्रुवीकरण, हिंदू मुस्लिम तो फिर आप देख सकते हो क्या होता है? वहीं हुआ। हमने कहा था जनता माई बाप होती है वो जो फैसला करेगी उसे विनम्रता से स्वीकार करेंगे।
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