रोने लगा अस्पताल में भर्ती जेल गार्ड :युवक बोला- अधिकारी बना रहे दबाव, महिला बोली- 2 साल के बच्चे को अब शायद नहीं उठा पाऊंगी
वेतन असमानता को दूर करने की लड़ाई लड़ रहे जेल गार्ड्स का प्रदेश भर में आंदोलन लगातार जारी है। आंदोलन के बीच राजस्थान की सबसे सुरक्षित हाई सिक्योरिटी जेल के जेल गार्ड विश्वनाथ प्रताप सिंह का रोते हुए एक वीडियो सामने आया है। वीडियो में जेल प्रहरी उच्च अधिकारियों पर दबाव बनाने का आरोप लगा रहा है। साथ ही वह हाथ जोड़कर रोते हुए अधिकारियों से मुख्यमंत्री तक बात पहुंचाने की मांग कर रहा है।
बता दे की जेल प्रहरी विश्वनाथ सिंह पिछले 3 दिनों से संभाग के सबसे बड़े जेएलएन हॉस्पिटल में भर्ती है। हॉस्पिटल में हाई सिक्योरिटी, सेंट्रल और महिला जेल के 156 जेल गार्ड भर्ती है। ऐसे में जेलों की सुरक्षा व्यवस्था को लेकर भी सवाल खड़े हो गए हैं।
अजमेर के जेएलएन हॉस्पिटल में एडमिट जेल प्रहरी
अधिकारियों पर दबाव बनाने का आरोप
वीडियो में जेल गार्ड विश्वनाथ प्रताप सिंह रोते हुए बोले- मेरा सभी साथियों से निवेदन है कि इस मुहिम में हम सब सबके सम्मान के लिए आगे आए। हमारे ऊपर अधिकारियों द्वारा दबाव बनाया जा रहा है। हमारे ऊपर उसके लिए एकजुटता दिखाएं। मैं 3 दिन से हॉस्पिटल में भर्ती हूं और मेरी तबीयत बहुत नाजुक है। 6 दिन से मैं सो नहीं पा रहा हूं। डीजी साहब हैं वह हमारे पिता तुल्य अधिकारी हैं। वह हमारे ऊपर तरस खाएं। मुख्यमंत्री सहित सचिव से डेलिगेशन की वार्ता करवाएं।
जेल गार्ड ने हाथ जोड़कर रोते हुए कहा- स्थिति बहुत बिगड़ती हुई जा रही है। मैं भी नहीं चाहता कि मेरे किसी भाई या बहन का नुकसान हो। हम टूट चुके हैं। धोखा खाए हुए हैं। हम मरना नहीं चाहते हैं। सर हम लड़ सकते हैं। हमारी बात को एक बार सीएम तक पहुंचाया जाए। यह मेरी नहीं हॉस्पिटल में भर्ती सभी भाई बहनों के अंतरात्मा की आवाज है। मेरा हाथ जोड़कर निवेदन है हमारी सुने और हमारे सम्मान जनक वेतनमान के लिए कोई लिखित आश्वासन हमें दिया जाए।
डीआईजी से बात करने के बाद आए आंसू
जेल गार्ड के वीडियो सामने आने के बाद विश्वनाथ सिंह प्रताप से बातचीत की। उन्होंने कहा- वीडियो मंगलवार का ही है। लगातार अधिकारियों द्वारा समझाइश की जा रही है। डीआईजी से बातचीत के बाद आंसू निकल आए। पिछले कई सालों से उनकी यह मांग चल रही है। अधिकारी सारे सपोर्ट में रहते हैं, लेकिन सरकार के कहने के बावजूद भी वित्त सचिव के द्वारा आदेशों की पालना नहीं किया गया। अभी भी उसे पेंडिंग रखा गया है।
विश्वनाथ ने कहा- हमारा सरकार या अधिकारी से विरोध नहीं है। हमारा सिर्फ मुख्यमंत्री अशोक गहलोत से निवेदन है। मुख्यमंत्री के द्वारा जनवरी में पुलिस के समान वेतन करने की मंजूरी दी थी। हमारी 25 सालों से चली आ रही मांग को जल्द दूर कर देंगे। आज तक वित्त सचिव के द्वारा कार्मिकों की फाइलों को रिटर्न कर दिया जाता है। मुख्यमंत्री के आदेशों की भी कोई पालना नहीं हो रही।
उन्होंने बताया- 7 दिन हो चुके हैं भूख हड़ताल कर प्रदर्शन करते हुए। इससे पूर्व 7 दिनों तक काली पट्टी बांधकर प्रदर्शन किया गया था। अभी भी सिर्फ उच्च अधिकारी समझाइश का प्रयास कर रहे हैं। लेकिन हमारी सिर्फ यही मांग है कि उनकी मांग को लेकर मुख्यमंत्री से चर्चा की जाए।
जयपुर जेल में कार्यरत महिला जेल प्रहरी का भी रोते हुए आया वीडियो।
मेरा 2 साल का बच्चा है शायद उसे नहीं उठा पाऊंगी
केंद्रीय कारागृह जयपुर की जेल प्रहरी प्रिया कुमारी का भी रोते हुए वीडियो सामने आया है। वीडियो में महिला जेल प्रहरी ने कहा- 23 तारीख की शाम को कैंडल मार्च निकाला जा रहा था। इस दौरान वह चक्कर खाकर गिर गई। गिरने से उसकी कमर में चोट आई है। डॉक्टर के द्वारा उसे कहा गया कि उसकी कमर की हड्डी टूट चुकी है। पैरालाइज होने के 99% संभावना है। मां कैंसर पेशेंट है। अभी भी उनका इलाज चल रहा है। उनकी देखभाल मैं ही करती हूं। उसका 2 साल का बच्चा है शायद वह उसे कभी गोद में नहीं उठा पाएगी। महिला जेल प्रहरी ने रोते हुए सवाल किया कि उनके बाकी साथी उनके साथ क्यों नहीं खड़े हो रहे हैं? अधिकारियों से यही रिक्वेस्ट है कि उनकी जायज मांग को पूरा किया जाए।
गर्भवती महिला जेल प्रहरी मंजू देवी को अस्पताल में भर्ती करवाया गया।
2 गर्भवती जेल प्रहरीयों की बिगड़ी तबीयत
रविवार को सेंट्रल जेल में तैनात गर्भवती महिला जेल प्रहरी मंजू देवी और शकुंतला देवी की तबीयत बिगड़ने पर अस्पताल में भर्ती कराया गया था। लगातार भूखे पेट ड्यूटी कर रहे जेल प्रहरी की तबीयत बिगड़ रही है। दूसरी तरफ जेलों में स्टाफ कम होने की वजह से सुरक्षा व्यवस्था को लेकर भी दिक्कतें सामने आ रही है।
प्रदेश के 1000 से ज्यादा जेल प्रहरी बीमार
अन्न त्याग कर ड्यूटी कर रहे जेल प्रहरीयों का प्रदेश की सभी जिलों में आंदोलन जारी है। आंदोलन के दौरान अब तक प्रदेश भर के 1031 जेल प्रहरीयों की तबीयत बिगड़ चुकी है। जिनका हॉस्पिटल में इलाज जारी है।
क्या है विवाद जेल गार्ड वेतन विसंगति को लेकर विरोध कर रहे हैं। पिछले 7 दिनों से प्रदेश के सभी जेल कार्मिकों के द्वारा भूख हड़ताल कर अपना विरोध जाहिर किया जा रहा है। इससे पूर्व 7 दिनों तक जेल गार्ड ने काली पट्टी बांधकर ड्यूटी करते हुए विरोध जाहिर किया था। जेल कार्मिकों ने बताया- 1998 से पहले राजस्थान पुलिस और जेल कार्मिकों का वेतन समान होता था। 1998 में ही 5वां वेतन आयोग लागू होने के बाद वेतन विसंगति उत्पन हो गई। 2019 में मुख्य गार्ड की सैलरी को हेड कॉन्स्टेबल के बराबर कर दिया, लेकिन जेल गार्ड को कॉन्स्टेबल के बराबर नहीं किया।
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