शातिर ठगों के निशाने पर IAS-IPS, सीएम-मंत्री:असम, बंगाल, झारखंड के नंबर से अनजान का वॉट्सऐप चला रहे, पैसों की डिमांड
प्रदेश के मंत्री सहित IPS और IAS को साइबर क्रिमिनल खुद को पकड़ने की खुली चुनौती दे रहे हैं। असम, बंगाल, झारखंड और मध्यप्रदेश की आईडी से फर्जी मोबाइल नंबर के जरिए हाई प्रोफाइल लोगों से भी ठगी की जा रही है। किसी अनजान व्यक्ति से ओटीपी लेकर वॉट्सऐप अकाउंट चलाया जा रहा है। उस व्यक्ति को पता ही नहीं होता कि उसका वॉट्सऐप कोई और यूज कर रहा है।
इस वॉट्सऐप अकाउंट पर IAS-IPS, सीएम और मंत्रियों की डीपी लगाकर ठगी का नया फंडा अपनाया जा रहा है। साइबर ठग वॉट्सऐप डीपी लगी नंबरों से परिचितों-रिश्तेदारों को मैसेज भेजकर रुपए और गिफ्ट वाउचर की डिमांड करते हैं। कई लोग इनके झांसे में आकर पैसे भेज देते हैं।
यहां तक कि साइबर ठगों ने प्रदेश पुलिस के मुखिया डीजीपी एमएल लाठर, मुख्य सचिव ऊषा शर्मा सहित राजस्थान CM अशोक गहलोत की फेक डीपी लगाकर साइबर ठगी की कोशिश की। साइबर क्रिमिनल्स को पकड़ना तो दूर अभी तक पुलिस पहचान भी नहीं कर सकी है।

साइबर थाना एसएचओ सतीश चौधरी ने बताया कि 27 जुलाई की सुबह साइबर क्रिमनल ने ACB के ADG सीनियर IPS दिनेश एमएन की फोटो लगाकर उनके परिचितों को वॉट्सऐप मैसेज भेजे। मैसेज में खुद को एक मीटिंग में व्यस्त होना बताकर रुपयों और गिफ्ट वाउचर के जरिए ठगी की कोशिश की।
ये शातिर ठग कामयाब नहीं हुए तो इसी वॉट्सऐप नंबर पर ACB के DJ बीएल सोनी और फिर कैबिनेट मंत्री शांति धारीवाल की फोटो लगाकर ठगी की कोशिश की। यहां तक की CM अशोक गहलोत की वॉट्सऐप डीपी लगाकर 3 लाख रुपए मांगे गए। सचिवालय के डीएस प्रोटोकॉल नरेश विजय से दो लाख रुपए की मांग की गई है, जहां अमेजन गिफ्ट कार्ड मांगा गया है। मामला सामने आने के बाद इस संबंध में जानकारी मुख्यमंत्री ऑफिस को दी गई।
महज 30-40 हजार रुपए मांगने की बात परिचितों को समझ नहीं पाई। उन्होंने इन IPS और मंत्री को खबर कर दी। इस बीच ठगों ने देर शाम तक एक और कैबिनेट मंत्री शकुंतला रावत की वॉट्सऐप डीपी लगाकर परिचितों को मैसेज भेजे। खुद को मीटिंग में व्यस्त होना बताकर रुपयों व गिफ्ट वाउचर की डिमांड की। साइबर ठगों ने अलग-अलग मोबाइल नंबरों पर कैबिनेट मंत्री शाले मोहम्मद और CM अशोक गहलोत के सलाहकार विधायक राजकुमार शर्मा के नाम से भी इसी तरह ठगी करने का प्रयास किया।
सिर्फ अपील, नहीं दर्ज करवाई रिपोर्ट
परिचितों से साइबर ठगी की कोशिश होने की जानकारी मिलने पर सभी अफसरों व मंत्रियों ने अपने सोशल मीडिया अकाउंट और मैसेजों के जरिए सावधान रहने की अपील की है। वहीं, पुलिस ने भी अपील की है कि यदि ऐसे मैसेज आते है तो संबंधित व्यक्ति से बात जरूर करें। ताकि कोई साइबर ठगी का शिकार ना हो जाए। हालांकि, ज्यादातर मामलों में पुलिस को सूचना दी गई, लेकिन किसी भी तरह का मुकदमा इन अफसरों व मंत्रियों की तरफ से दर्ज नहीं करवाया गया।
वॉट्सऐप नंबर ब्लॉक करने में आती है परेशानी
सतीश ने बताया कि वॉट्सऐप नंबर पर फेक डीपी लगाकर ठगी का प्रयास करने वाले ठगों के मोबाइल नंबर की वॉट्सऐप प्रोफाइल को ब्लॉक करवाना आसान नहीं है। क्योंकि भारत में वॉट्सऐप का सर्वर मौजूद नहीं है। ऐसे में इन फेक प्रोफाइल का एक डेटाबेस तैयार कर उन प्रोफाइल को ब्लॉक करवाने के लिए वॉट्सऐप के मुख्यालय में मेल के जरिए संपर्क किया जाता है। इस प्रकिया में काफी वक्त लगता है। इसका फायदा साइबर ठगों को होता है।

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