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साइरस की कार की एक्सीडेंट मिस्ट्री:पुलिस ने कार की डेटा चिप जर्मनी भेजी; मर्सिडीज कंपनी से पैसेंजर सेफ्टी रिपोर्ट भी मांगी

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साइरस की कार की एक्सीडेंट मिस्ट्री:पुलिस ने कार की डेटा चिप जर्मनी भेजी; मर्सिडीज कंपनी से पैसेंजर सेफ्टी रिपोर्ट भी मांगी
टाटा ग्रुप के पूर्व चेयरमैन साइरस मिस्त्री का रविवार को रोड एक्सीडेंट में निधन हो गया। उनकी मर्सिडीज बेंज GLC 220 कार अहमदाबाद-मुंबई हाईवे पर रोड डिवाइडर से टकरा गई थी। इस हादसे के बाद मर्सिडीज की हाई एंड लग्जरी कार की सेफ्टी पर भी सवाल उठे। अब पुलिस ने इसे बनाने वाली जर्मन कंपनी मर्सिडीज बेंज से इसके सेफ्टी फीचर्स को लेकर जवाब तलब किया है।पुलिस का कहना है कि मर्सिडीज अपने सभी व्हीकल्स को प्रॉपर टेस्टिंग के बाद ही प्लांट से बाहर निकालने का दावा करती है। इसलिए कंपनी से पूछा गया है कि मैन्युफैक्चरर की तरफ से कराए गए टेस्ट और इन्वेस्टिगेशन में कोलिजन इम्पेक्ट की रिपोर्ट क्या है… और क्या कार में कोई मैकेनिकल फॉल्ट था? ये सवाल पुलिस ने इसलिए भी किए हैं, क्योंकि मर्सिडीज की GLC 220 को ग्लोबल NCAP टेस्ट में 5 स्टार सेफ्टी रेटिंग मिली है।

कार की डेटा रिकॉर्डर चिप डिकोडिंग के लिए जर्मनी जाएगी
पुलिस ने कार एक्सीडेंट के तुरंत बाद मर्सिडीज कंपनी को हादसे के बारे में जानकारी दी थी। इसके बाद कंपनी ने पालघर पुलिस को बताया कि कार में लगे डेटा रिकॉर्डर चिप को डिकोडिंग के लिए जर्मनी भेजा जाएगा। इसे डिकोड करने पर SUV के बारे में पूरी जानकारी मिल सकेगी, जिसे पुलिस से साझा किया जाएगा।

डेटा चिप से कार की स्पीड के बारे में सटीक जानकारी मिलेगी
पुलिस सूत्रों ने बताया कि कार की स्पीड का अनुमान वीडियो फुटेज या टाइम कैलकुलेशन के आधार पर लगाया जाता है। इससे कार की एवरेज स्पीड तो पता चल जाती है, लेकिन अलग-अलग समय पर अलग-अलग जगह कार की स्पीड का अंदाजा नहीं लग पाता है। एक्सीडेंट के समय कार की स्पीड के बारे में सटीक जानकारी भी डेटा रिकॉर्डर चिप से ही मिलेगी।

कार के ब्रेक, एयरबैग समेत बाकी डिटेल भी चिप में ही मौजूद
डेटा रिकॉर्डर चिप में कार के बारे में डिटेल में जानकारी मौजूद होगी। इससे कार की स्पीड के अलावा यह भी पता चलेगा कि हादसे के वक्त गाड़ी के ब्रेक, एयरबैग और बाकी मशीनरी कैसे काम कर रही थी। हालांकि इस प्रोसेस में कई दिन लग सकते हैं।

134 KMPH की स्पीड से दौड़ रही थी साइरस की कार
साइरस मिस्त्री जिस लग्जरी मर्सिडीज कार में थे, वह करीब 134 किलोमीटर प्रति घंटा की स्पीड से चल रही थी। इसका खुलासा कार के आखिरी CCTV फुटेज से हुआ है। कार ने रविवार दोपहर 2 बजकर 21 मिनट पर चरौती का चेक पोस्ट क्रॉस किया था। यहां से हादसे की जगह 20 KM दूर है। मर्सिडीज कार ने यह दूरी महज 9 मिनट में तय की।
साइरस रविवार दोपहर 1 बजकर 25 मिनट पर उदवाड़ा से निकले थे और हादसा 2:30 बजे हुआ। उन्होंने करीब 60 से 65 किलोमीटर की दूरी 1 घंटे 4 मिनट में तय की। अभी इन सवालों के जवाब बाकी हैं कि क्या वे सफर के दौरान कहीं रुके थे या बीच में बहुत तेज स्पीड से चल रहे थे।

मल्टीट्रॉमा बना साइरस की मौत की वजह
पोस्टमॉर्टम रिपोर्ट के मुताबिक एक्सीडेंट में साइरस मिस्त्री के शरीर के अंदरूनी अंगों में जबर्दस्त चोट पहुंची थी। मेडिकल टर्म में इसे पॉलीट्रॉमा (Polytrauma) कहते हैं। इसी वजह से साइरस मिस्त्री की मौके पर ही मौत हो गई थी। मुंबई के जेजे हॉस्पिटल में रविवार देर रात को साइरस और जहांगीर का पोस्टमॉर्टम हुआ था।

सीट बेल्ट नहीं लगाया था, पीछे वाले एयरबैग नहीं खुले
पुलिस ने बताया कि तेज रफ्तार और ओवरटेकिंग के समय जजमेंट में हुई गलती की वजह से कार रोड डिवाइडर से टकराई। एक्सीडेंट में जान गंवाने वाले मिस्त्री और जहांगीर दोनों ने सीट बेल्ट नहीं लगाई थी। डिवाइडर से टकराने के बाद कार के आगे के एयरबैग तो खुल गए, लेकिन पीछे वाले एयरबैग सही समय पर नहीं खुले।साइरस और जहांगीर पीछे ही बैठे थे। रविवार को एक चश्मदीद ने भी कहा था कि कार बहुत रफ्तार में थी और दूसरी गाड़ी को रॉन्ग साइड से ओवरटेक करते समय डिवाइडर से टकराई थी।

मर्सिडीज GLC 220 बेहद सुरक्षित पर सीट बेल्ट लगाना जरूरी
मर्सिडीज बेंज GLC को यूरो NCAP ने हाईएस्ट 5-स्टार सेफ्टी रेटिंग दी है। 1950 CC इंजन वाली इस कार में 7 एयरबैग्स, क्रॉसविंड असिस्ट, पार्किंग असिस्ट, अटेंशन असिस्ट, अडैप्टिव ब्रेक लाइट्स, टायर-प्रेशर मॉनिटरिंग सिस्टम, हिल डिसेंट कंट्रोल और मर्सिडीज का प्री-सेफ ऑक्यूपेंट प्रोटेक्शन सिस्टम दिया गया है।इस कार को पहली बार 2016 ऑटो एक्सपो में इंडिया में पेश किया गया और 2 जून 2016 को इसे लॉन्च किया गया था। कार की एक्स शोरूम कीमत 62 लाख रुपए से शुरू है और ये 87 लाख रुपए तक जाती है। इसके मॉडल में GLC 200 प्रोगेसिव, GLC 220d 4MATIC प्रोगेसिव, GLC 300 4MATIC कूप, GLC 300d 4MATIC कूप और AMG GLC 43 4MATIC कूप शामिल हैं।
कार के प्री सेफ सिस्टम में किसी भी तरह के क्रैश से पहले विंडो ऑटोमेटिकली बंद हो जाती है और सीट सबसे फेवरेबल पोजिशन में एडजस्ट हो जाती हैं। इन सभी सेफ्टी सिस्टम्स के बावजूद सीट बेल्ट पहनना हादसे के समय पैसेंजर्स की जान बचाने में मदद करता है।

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