NATIONAL NEWS

सृजन- संवाद कार्यक्रम में डाॅ. चारण का हुआ भव्य अभिनंदन

FacebookWhatsAppTelegramLinkedInXPrintCopy LinkGoogle TranslateGmailThreadsShare

तंत्र अर तकनीक रै बिचाळै सबद नै सै सूं बड़ौ खतरौ: डाॅ.अर्जुनदेव चारण

कोटा । भाषा एवं पुस्तकालय विभाग राजस्थान सरकार एवं महाकवि सूर्यमल्ल मीसण साहित्य-शोधार्थी पाठक मंच के संयुक्त तत्वावधान में राजकीय मंडल पुस्तकालय स्थित रंगनाथन सभागार में ‘सृजक-संवाद’ का कार्यक्रम सम्पन्न हुआ। इस अवसर पर ख्यातनाम कवि-आलोचक, आधुनिक राजस्थानी नाटक के प्रणेता एवं साहित्य अकादेमी में राजस्थानी भाषा के संयोजक प्रोफेसर (डाॅ.) अर्जुनदेव चारण ने अपने साहित्यिक उदबोधन एवं कविता पाठ से सबको मंत्रमुग्ध कर गौरवान्वित किया। प्रतिष्ठित रचनाकार डाॅ.चारण ने कोटा के साहित्यकारों की भव्य उपस्थिति में साहित्य में शब्दबोध एवं उन्हें बरतने के विषय में विस्तृत चर्चा की। युवा पीढ़ी को आगे आने एवं राजस्थानी साहित्य में रचना करने के लिए भी प्रेरित करते हुए कहा कि राजस्थानी भाषा-साहित्य में युवाओं का भविष्य बहुत उज्जवल एवं सुरक्षित है । पाश्चात्य शिक्षा से हमें अपनी भाषा एवं सांस्कृतिक परम्परा से काट दिया गया है इसलिए हमारा यह कर्तव्य है आने पीढी को अपनी जड़ो से पुनः जोड़े। डाॅ.चारण ने कहा कि वर्तमान तंत्र एवं तकनीक के बीच में शब्द को सबसे ज्यादा खतरा है। इस संबंध में उन्होंने श्रीमदभगवत गीता में वर्णित कवि उष्ण जो कि हमारी स्मृति से लोप हो गया । कबीर री उलटबांसियां प्राचीन भारतीय ज्ञान परम्परा भाव बोध है । उन्होंने गीता और महाभारत के प्रसंगों पर आधारित साहित्य चेतना और प्रसंगों की नए संदर्भों में व्याख्या की। चारण ने कहा कि निरंतर अध्ययन से हर बार एक नई बात सामने आती है। इस अवसर पर ख्यातनाम कवि-आलोचक डाॅ.अर्जुनदेव चारण का राजस्थानी परम्परानुसार भव्य अभिनंदन किया गया । कार्यक्रम के संयोजक राजस्थानी के प्रसिद्ध कवि ओम नागर ने बताया कि सृजक – संवाद कार्यक्रम राजस्थानी कवियों के विचारों को जानने की एक श्रृंखला है जिसमें समय-समय पर प्रख्यात कवियों के विचारों से समाज को विचारों को समृद्ध किया जा सकता है। कार्यक्रम में जयनारायण व्यास विश्वविद्यालय के राजस्थानी भाषा विभागाध्यक्ष डाॅ.गजेसिंह राजपुरोहित विशिष्ट अतिथि के रूप में मौजूद रहे । सार्वजनिक पुस्तकालय अध्यक्ष दीपक श्रीवास्तवराजस्थानी भाषा के वरिष्ठ कवि मुकुट मणिराज, विश्वामित्र दाधीच, अंबिकादत्त चतुवेर्दी, किशन लाल वर्मा, धांसू अन्नू सिंह धाकड़, अश्विनी त्रिपाठी, धाकड़ भगत सिंह, खुशवंत मेहरा, कुलदीप विद्यार्थी, जमुनाशंकर सुमन, पूर्णिमा जायसवाल आदि उपस्थित रहे।

FacebookWhatsAppTelegramLinkedInXPrintCopy LinkGoogle TranslateGmailThreadsShare

About the author

THE INTERNAL NEWS

Add Comment

Click here to post a comment

error: Content is protected !!