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सेमूनो इंटरनेशनल टेक्नो स्कूल का वार्षिक उत्सव

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बच्चों को संयम मय जीवन जीना चाहिए… उग्रविहारी तपोमूर्ति मुनि श्री कमल कुमार जी

बीकानेर: सेमूनो इंटरनेशनल टेक्नो स्कूल द्वारा आयोजित वार्षिक उत्सव ने सभी को एक नई ऊर्जा और उल्लास से भर दिया। इस कार्यक्रम का आयोजन कमल मुनि के सानिध्य में किया गया, जिसमें बच्चों ने अपनी प्रस्तुतियों से दर्शकों का दिल जीत लिया। कार्यक्रम की प्रमुख आकर्षण बिंदु में विशेष प्रस्तुति थी, जिसमें हरियल और नीलू की बच्चों के देश पत्रिका की लघु नाटिका ने स्वच्छता अभियान के संदेश को प्रभावशाली तरीके से प्रस्तुत किया। बच्चों ने इस नाटिका के माध्यम से सभी अभिभावकों और उपस्थित गणमान्य व्यक्तियों से संकल्प दिलवाया कि वे स्वच्छता को अपने जीवन का हिस्सा बनाएंगे।
संस्थापक डॉ.नीलम जैन ने बताया की मुख्य अतिथि के रूप में जिला न्यायाधीश श्री अतुल कुमार सक्सेना ने शिरकत की। उन्होंने बच्चों को अपने जीवन और करियर में सफलता पाने के लिए मार्गदर्शन दिया और उन्हें प्रेरित किया। कार्यक्रम में बीजेपी की बीकानेर जिला अध्यक्ष सुमन छाजेड़ भी उपस्थित रहीं।

कार्यक्रम के दौरान बच्चों ने ‘ बिजली हम बचाएंगे जैसे गीतों द्वारा संदेश दिया।, जो उनके बीच की रचनात्मकता और उत्साह को दर्शाता है। साथ ही, बच्चों ने अपने आत्मविश्वास और कला के माध्यम से सभी का मन मोह लिया।

इको-फ्रेंडली बैग और बच्चों के देश पत्रिका का वितरण किया गया। मुनि श्री कमल व मुनि श्री श्रेयांश द्वारा गीतिका के माध्यम से बच्चों को प्रेरणा दी गई। कार्यक्रम में गणमान्य व्यक्तियों में श्री जतन दुग्गड , श्रीमती कीरण गौड़, श्री रतन छलानी, श्री बसंत नौलखा, इंदर चंद जी सेठिया, चंद्र प्रकाश जी नौलखा, भंवरी देवी नौलखा, प्रेम देवी नौलखा, हीरामणि नौलखा और निर्मला बेद शामिल रहे।

कमल मुनि ने अपने संवाद में बच्चों को संयम और सकारात्मक जीवन जीने का महत्व समझाया। कमल मुनि व श्रेयांश मुनि ने अपनी गीतिका के माध्यम से बच्चों को प्रेरित किया। इस आयोजन में हीरे की खोज प्रतियोगिता में आए प्रथम नमन मोदी, द्वितीय प्रतीक प्रजापत, तृतीय वेदांत लखोटिया रहें व बच्चों को ओलंपियाड और अन्य पुरस्कारों का वितरण किया गया। ऑल इंडिया लेवल पर ओलंपियाड में मानवेंद्र टाक, आदित्य अग्रवाल , पूर्वी राज टाक, सम्राट नौलखा को विशेष पुरस्कार प्राप्त हुआ। तेरापंथ भवन के लिए श्री लूणकरण छाजेड़ का विशेष सहयोग रहा।

शिक्षा और संस्कारों के साथ-साथ कला और संस्कृति भी बच्चों के जीवन का अहम हिस्सा है।

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