1 करोड़ का घाेटाला…बीमारी का बहाना बना असिस्टेंट मैनेजर फरार:रिश्तेदारों के डॉक्युमेंट से 20 क्रेडिट कार्ड लिए, दोस्तों के बिल जमा करा उनसे वसूला कैश
जोधपुर में यूनियन बैंक ऑफ इंडिया की बासनी और जालोरी गेट ब्रांच में क्रेडिट कार्ड से एक करोड़ का फ्रॉड करने वाला असिस्टेंट मैनेजर 2 साल से ऐसा कर रहा था। उसने गलत तरीके से क्रेडिट कार्ड जारी किए थे। आरोपी आकाश वर्मा (33) क्रेडिट कार्ड जारी करने के लिए अपने रिश्तेदारों के पेन कार्ड, आधार कार्ड और अन्य दस्तावेज की फोटो कॉपी बैंक में लगाता था। फाइल खुद अप्रूव करता था।
लेकिन, डॉक्युमेंट्स की ऑनलाइन फीडिंग के दौरान वह जानकारी गलत भर देता था। ताकि जांच हो तो रिश्तेदारों की जानकारी सामने न आए। उसने अपने पिता, भाई, पत्नी, चाचा, बुआ और रिश्तेदारों व उनके बच्चों के नाम पर क्रेडिट कार्ड इश्यू किए थे। जब तक बैंक प्रशासन को उसकी करतूत का पता चला, तब तक वह एक करोड़ का गबन कर चुका था। वह अपने बॉस यानी सोजती गेट ब्रांच के मैनेजर को ईमेल पर बीमारी की एप्लिकेशन देकर फरार हो गया।
शास्त्री नगर थाना प्रभारी मोहम्मद शरीफ खान का कहना है- आरोपी असिस्टेंट मैनेजर आकाश वर्मा के खिलाफ पुलिस ने रिपोर्ट दर्ज कर ली है। उसने गलत तरीके से क्रेडिट कार्ड जारी किए। दस्तावेज में हेरफेर कर गबन किया। जांच की जा रही है।
आरोपी असिस्टेंट मैनेजर आकाश वर्मा।
20 क्रेडिट कार्ड से गबन की पूरी कहानी
आकाश अप्रैल 2023 से सोजती गेट बैंक में असिस्टेंट मैनेजर के पद पर था। इससे पहले वह 2021 में बासनी ब्रांच में पोस्टेड था। यहां से उसका ट्रांसफर जालोरी गेट ब्रांच में हो गया था। 2021 से अप्रैल 2023 तक इन दोनों ब्रांच में आकाश ने कुल 20 क्रेडिट कार्ड से घपला किया। इनमें 7 कार्ड बासनी और 13 कार्ड जालोरी गेट ब्रांच में रहते हुए जारी किए। प्रत्येक कार्ड की लिमिट 5 लाख थी। इन दोनों ब्रांच में उसे बैंक के क्रेडिट कार्ड जारी करने का अधिकार था। उसे क्रेडिट कार्ड जारी करने, अमाउंट लिमिट, पैसा उठाने और जमा कराने की पूरी प्रोसेस पता थी। अप्रैल 2021 में उसने तीन कार्ड इश्यू किए थे। इसके बाद दो महीने के गैप से तीन-चार कार्ड और उठाए। इस तरह आकाश कुछ महीने का गैप रखते हुए कार्ड इश्यू करता रहा।
हर कार्ड से उसने पूरे 5 लाख की लिमिट खर्च कर दी। इसके लिए वह दोस्तों के अलग-अलग तरह के बिल और शॉपिंग अमाउंट क्रेडिट कार्ड से जमा करता था। बदले में उनसे कैश ले लेता था।
ऑडिट में खुला राज तो छुट्टी लेकर फरार
पिछले 2 महीने से कुछ कार्ड का मिनिमम पैसा जमा नहीं हो रहा था। बैंक की ओर से ऑडिट कराई गई तो आकाश राज खुलने के डर से घबरा गया। उसने मैनेजर को ईमेल कर बीमार होने का हवाला दिया और छुट्टी का प्रार्थना पत्र दिया। इसके बाद से वह फरार है। उसके बारे में न बैंक को कोई जानकारी है, न सहकर्मियों और पुलिस को।
फ्रॉड का पता चलते ही बैंक की सोजती गेट ब्रांच के मैनेजर चेतन कुमावत ने आकाश को सस्पेंड कर दिया। इसके बाद शास्त्रीनगर थाना में 30 नवंबर को रिपोर्ट दर्ज कराई।
यह यूनियन बैंक की सोजती गेट ब्रांच की तस्वीर है। यहीं पर आरोपी कार्यरत था। मामला खुलने के डर से वह बीमारी की एप्लिकेशन देकर फरार हो गया।
20 कार्ड का पेमेंट नहीं आ रहा था
मैनेजर चेतन कुमावत ने बताया- बैंक में सभी कर्मचारियों की जिम्मेदारी अलग होती है। विश्वास पर बैंक में काम किया जाता है। कस्टमर को क्रेडिट कार्ड किस लिमिट तक इश्यू करना है, इसका पूरा अधिकार असिस्टेंट मैनेजर आकाश वर्मा को दे रखा था। उसने इसी का फायदा उठाया। दो महीने से 20 कार्ड का पेमेंट नहीं आ रहा था। इस पर बैंक ने ऑडिट की तो आकाश द्वारा दस्तावेजों में की गई हेरफेर और एक करोड़ का गबन सामने आया। ऑडिट के बाद पुलिस को अन्य जानकारी भी उपलब्ध करवा दी है।
साथी कर्मचारी भी हैरान
आकाश ने रिश्तेदारों के दस्तावेज लगाकर खुद 20 कार्ड अप्रूव किए। इन कार्ड को वह अपने पास रखता था। उसके साथ काम करने वाले कर्मचारी और अधिकारी भी इस फ्रॉड से हैरान हैं। किसी को भनक भी नहीं लगी कि 2 ब्रांच में वह 2 साल से क्या करतूत कर रहा था।
तस्वीर सोजती गेट बैंक शाखा की है, जहां केस दर्ज होने के के बाद पुलिस जांच के लिए पहुंची थी।
2 साल तक इसलिए नहीं पकड़ा गया आरोपी
बैंक के एक कर्मचारी ने बताया- क्रेडिट कार्ड पर क्रेडिट लिए गए अमाउंट की मिनिमम यानी करीब 10 प्रतिशत राशि को अगर कस्टमर समय पर जमा करवा दे तो बैंक को विश्वास रहता है कि पैसा आ जाएगा। इस बात की आकाश को पूरी जानकारी थी। आकाश ने शुरू में कार्ड से जो पैसा उठाया, उसका मिनिमम अमाउंट वह जमा करवाता रहा। पिछले दो से तीन महीने से आकाश इस अमाउंट को भी जमा नहीं करवा रहा था। ऐसे में बैंक को शक हुआ और ऑडिट शुरू कराई।
आरोपी आकाश वर्मा बैंक की बासनी ब्रांच में भी रहा था। यहां भी उसने क्रेडिट कार्ड का फ्रॉड किया था।
पिता, भाई और पत्नी को भी धोखा दिया
आकाश ने अपने पिता, भाई, पत्नी, चाचा, बुआ और रिश्तेदारों व उनके बच्चों के नाम पर क्रेडिट कार्ड उठाए। फाइल में इन रिश्तेदारों के दस्तावेज लगाए। दस्तावेज को ऑनलाइन फीड करने में उसने गड़बड़ी की। ताकि उसके परिजनों और रिश्तेदारों को भी फ्रॉड का पता न लगे।
आकाश ने 20 क्रेडिट कार्ड से शॉपिंग की, बिल जमा कराए और होम रेंट के नाम पर पैसा उठाया। उसने हर बार अलग-अलग कार्ड से 30 से 40 हजार रुपए तक होम रेंट के नाम पर पैसा उठाया। यह पैसा फोन-पे और पेटीएम से उठाया गया। उसने पेमेंट को किसी भी अकाउंट में ट्रांजैक्शन नहीं किया।
बैंक प्रबंधन ने 20 क्रेडिट कार्ड और आकाश के अकाउंट की जानकारी शास्त्री नगर पुलिस को सौंपी है।
परिजनों-रिश्तेदारों से होगी पूछताछ
पुलिस का कहना है कि सभी क्रेडिट कार्ड परिजनों-रिश्तेदारों के नाम से उठाए गए हैं। मोबाइल नंबर भी उन्हीं परिजनों के हैं। आकाश के परिजनों और रिश्तेदारों को बुलाकर पूछताछ करेंगे। दस्तावेज जब बैंकिंग प्रोसेस में काम में लिए जाते हैं तो मोबाइल नंबर पर ओटीपी आता है। ऐसे में परिजनों को जरूर आकाश की करतूत की जानकारी होगी। फिलहाल जांच कर रहे हैं।
फोटो भी क्लिक नहीं करवाता था
आरोपी आकाश यह भी जानता था कि वह एक दिन पकड़ा जाएगा। ऐसे में वह कभी अपने साथी कर्मचारियों के साथ फोटाे नहीं खिंचाता था। राज सामने आते ही उसने सोशल मीडिया अकाउंट भी प्राइवेट कर दिया। वॉट्सऐप पर भी वह डमी प्रोफाइल पिक्चर लगाता था।
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जोधपुर में यूनियन बैंक में क्रेडिट कार्ड से असिस्टेंट मैनेजर आकाश वर्मा के गबन के मामले में शास्त्री नगर पुलिस की जांच आगे नहीं बढ़ पा रही है। वर्मा ने फर्जी दस्तावेज से 20 क्रेडिट कार्ड जारी किए और उनसे 1 करोड़ का घपला किया था।
बैंक के असिस्टेंट मैनेजर ने किया 1 करोड़ का घपला:फर्जी डॉक्युमेंट्स से बनाए क्रेडिट कार्ड; दोस्तों-रिश्तदारों के बिल चुकाए, बदले में लेता था कैश
जोधपुर में यूनियन बैंक ऑफ इंडिया में करीब एक करोड़ रुपए के गबन का मामला सामने आया है। आरोपी बैंक का ही असिस्टेंट मैनेजर है, जो करीब 2 साल से बैंक को चूना लगा रहा था। उसने फर्जी डॉक्युमेंट के जरिए 5 लाख की लिमिट वाले 20 क्रेडिट कार्ड इश्यू करवाए।
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