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12वीं फेल बदमाशों ने यूट्यूब से सीखे हैकिंग के तरीके:ठगी की रकम को क्रिप्टो करेंसी में किया निवेश, ट्रांजैक्शन के लिए किराए पर लिए बैंक खाते

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12वीं फेल बदमाशों ने यूट्यूब से सीखे हैकिंग के तरीके:ठगी की रकम को क्रिप्टो करेंसी में किया निवेश, ट्रांजैक्शन के लिए किराए पर लिए बैंक खाते

पकड़े गए चारों बदमाश जयपुर के विद्याधर नगर स्थित किराए के मकान में एक साथ रहते थे। - Dainik Bhaskar

पकड़े गए चारों बदमाश जयपुर के विद्याधर नगर स्थित किराए के मकान में एक साथ रहते थे।

पुलिस ने अंतरराष्ट्रीय साइबर ठगों के ऑफिस में दबिश देकर 4 बदमाशों को गिरफ्तार किया है। इन चारों बदमाशों के कब्जे से एक हाईटेक मॉडिफाइड कम्प्यूटर सिस्टम, एक लैपटॉप, 3 आईफोन, कई महंगे स्मार्टफोन, जियो फाइबर राउटर, 2 हेडफोन, 2 इयरबड और 7 क्रेडिट/डेबिट कार्ड बरामद किए। मामला जयपुर के विद्याधर नगर का है।

कई राज्यों से जुड़े तार

डीसीपी नॉर्थ राशि डोगरा ने बताया कि 12वीं फेल बदमाश करोड़ों रुपए की साइबर ठगी कर चुके हैं। इन बदमाशों ने बिहार, तेलंगाना, जामताड़ा (झारखंड) के साइबर ठगों से संपर्क कर हैकिंग के गुर सीखे और फिर साइबर ठगी करना शुरू कर दिया। इन बदमाशों ने यूट्यूब में वीडियो देख कर ठगी-हैकिंग के तरीके सीखे। ये इतने शातिर हैं कि अलग-अलग ऐप के माध्यम से खुद की ऑनलाइन लोकेशन को बार-बार बाउंस करवाते हैं, ताकि इनकी सही लोकेशन को ट्रेस नहीं किया जा सके।

डोगरा ने बताया- इन बदमाशों ने विभिन्न वेबसाइट्स और ऐप को अलग-अलग साफ्टवेयर/एप्स के माध्यम से क्रैक करके चुराया। फिर अंतरराष्ट्रीय डेबिट/केडिट कार्ड डाटा व अन्य निजी जानकारियां निकाली। इन चारों बदमाशों ने पूछताछ में बताया कि करीब 15 करोड़ लोगों के डेबिट-क्रेडिट कार्ड की वैध तिथि और सीवीवी की जानकारी उनके डाटा में सेव है। 2 करोड़ से ज्यादा लोगों के फेसबुक और इंस्टाग्राम के पासवर्ड को हैक किया हुआ है। 1 करोड़ से अधिक लोगों के आधार कार्ड का डाटा इनके सिस्टम में सेव मिला है।

डीसीपी नॉर्थ राशि डोगरा ने बताया कि बदमाश ट्रांजैक्शन के लिए अपने रिश्तेदारों और जानकारों के बैंक खातों को किराए पर लेकर इस्तेमाल कर रहे थे।

डीसीपी नॉर्थ राशि डोगरा ने बताया कि बदमाश ट्रांजैक्शन के लिए अपने रिश्तेदारों और जानकारों के बैंक खातों को किराए पर लेकर इस्तेमाल कर रहे थे।

किराए के मकान में रहते थे चारों बदमाश
गिरफ्तार बदमाश अभिषेक कुमार (22) पुत्र राजेश रोशन निवासी रोड नंबर 03 ज्वाला सिंह हाउस के पास पोस्टल पार्क कॉलोनी, कंकड़बाग, जिला पटना (बिहार), बाबानी (19) पुत्र महेश बाबानी निवासी मकान नंबर 44 ग्रीन वाटिका नागल जैसा बोहरा, करधनी (जयपुर), राहुल कुमार सिंधी (21) पुत्र मनोज निवासी वार्ड नंबर-09 रामपुरा बस्ती, शाहपुरा (भीलवाड़ा), रोहित कुमार सिंधी (19) पुत्र मनोज कुमार निवासी वार्ड नंबर-09 रामपुरा बस्ती, शाहपुरा (भीलवाड़ा) वर्तमान में विद्याधर नगर में किराए का मकान लेकर रह रहे थे।

मकान पर दिनभर आता रहा था ऑनलाइन सामान
राशि डोगरा ने बताया- ये चारों बदमाश अभी विद्याधर नगर में मकान नंबर ए-281 में रहते थे। स्थानीय लोगों ने पुलिस को सूचना दी थी कि इस मकान में रहने वाले युवक कुछ काम नहीं करते हैं, लेकिन इनके घर में आए दिन ऑनलाइन सामान देने वालों की भीड़ लगी रहती है। ये लोग कौन हैं और क्या काम करते हैं, इसकी किसी को जानकारी नहीं है। इस पर पुलिस टीम एक्टिव हुई। करीब 10 दिन तक इनके मकान और इनके आसपास रेकी की गई। इसके बाद पुलिस ने छापेमारी कर इन चारों बदमाशों को पकड़ लिया। इनके पास से मिले कम्प्यूटर-लैपटॉप और अन्य डिवाइस से जानकारी सामने आई कि ये लोग साइबर ठगी और हैकिंग का काम करते हैं।

लोगों के डेबिट-क्रेडिट कार्ड से करते खरीदारी
गिरफ्तार बदमाशों ने पुलिस पूछताछ में बताया के ये लोग डिसकोर्ड ऐप के माध्यम से ऑनलाइन स्क्रीन शेयर करके ठगी करते थे। साइबर ठग लोगों के डेबिट/क्रेडिट कार्ड से विदेशी साइटों से खरीदारी करते थे और फिर खरीदे गए सामान को वापस बेचकर अवैध कमाई करते थे। इसके बाद साइबर ठगी से मिले रुपए को विभिन्न तरीकों से खातों में लेकर अवैध क्रिप्टो करेंसी में निवेश कर रहे थे।

रिश्तेदारों से किराए पर लिए बैंक खाते
ये बदमाश ठगी के काम में इस्तेमाल की जाने वाली अलग-अलग ऐप्स को डाउनलोड करने के लिए क्रिप्टों करेंसी में भुगतान करते थे। इन साइबर ठगों और इनके जानकारों के खातों में करोड़ों रुपए के ट्रांजैक्शन मिले हैं। यह अपने रिश्तेदारों और जानकारों के बैंक खातों को किराए पर लेकर इस्तेमाल कर रहे थे। पुलिस ने सभी बैंक खातों को फ्रिज करवा दिया है। गिरफ्तार बदमाशों के खिलाफ तेलंगाना, महाराष्ट्र, गुजरात और उत्तर प्रदेश समेत कई राज्यों में साइबर क्राइम की शिकायतें भी दर्ज हैं। इन बदमाशों ने टेलीग्राम ऐप पर खुद के चैनल भी बना रखे हैं। ओटीटी प्लेटफार्मों के पासवर्ड क्रैक करके मूवी और वेब सीरीज डाउनलोड करते और कम कीमत में खुद के टेलीग्राम चैनलों को चलाते थे।

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