1600 स्टूडेंट्स को फिर देनी होगी NEET UG 2024 परीक्षा, एनटीए ने पेपर लीक के आरोपों पर दी यह सफाई
एनटीए के महानिदेशक सुबोध कुमार ने कहा है कि नीट यूजी परीक्षा का पेपर लीक नहीं हुआ था। सिर्फ 6 सेंटर पर यह परीक्षा प्रभावित हुई थी जिससे 1600 बच्चे प्रभावित हुए।
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नीट यूजी परीक्षा 2024 के परिणाम में गड़बड़ी के आरोपों के बीच नेशनल टेस्टिंग एजेंसी यानि कि एनटीए ने एक प्रेस कॉन्फ्रेंस के जरिए पूरे मामले पर अपनी प्रतिक्रिया रखी है। दरअसल, 4 जून को आए नीट यूजी रिजल्ट पर उठ रहे सवालों का जवाब देते हुए एनटीए के महानिदेशक सुबोध कुमार ने पेपर लीक की बातों को खारिज किया है। उन्होंने कहा कि कोई पेपर लीक नहीं हुआ था।
1600 बच्चे दे सकते हैं दोबारा परीक्षा
सुबोध कुमार ने कहा है कि नीट का रिजल्ट आने के बाद से जिस तरह की चीजें चल रही हैं उसको लेकर हम यही कहना चाहेंगे कि पेपर लीक नहीं हुआ था। हमारे अधिकारियों ने सभी चीजों का विश्लेषण करके निष्कर्ष निकाला है कि मुद्दा केवल इतना है कि पेपर सिर्फ 6 सेंटर पर पेपर देरी से बंटा था जिसकी वजह से 1600 स्टूडेंट प्रभावित हुए। सुबोध कुमार ने बताया कि हमने एक पैनल का गठन किया है जो इन 1600 स्टूडेंट के रिजल्ट की जांच करेगा और फिर दोबारा परीक्षा आयोजित करेगा।
परीक्षा की अखंडता से कोई समझौता नहीं किया- सुबोध कुमार
सुबोध कुमार ने कहा,”हमने सभी चीजों का पारदर्शी तरीके से विश्लेषण किया है और परिणाम घोषित किए हैं।”उन्होंने कहा, “4750 परीक्षा केंद्रों में से समस्या छह केंद्रों तक सीमित थी और 24 लाख उम्मीदवारों में से केवल 1,600 उम्मीदवार प्रभावित हुए। पूरे देश में इस परीक्षा की अखंडता से समझौता नहीं किया गया।”
सुबोध कुमार ने कहा, “हमने अपने सिस्टम का विश्लेषण किया और पाया कि कोई पेपर लीक नहीं हुआ।” “उम्मीदवारों ने कुछ मुद्दे उठाए थे। यह दुनिया या देश की सबसे बड़ी प्रतियोगी परीक्षा है जो एक ही शिफ्ट में होती है जिसमें लगभग 24 लाख उम्मीदवार और 4,750 केंद्र होते हैं। इस परीक्षा का पैमाना सबसे बड़ा है। प्रश्नपत्रों के गलत वितरण के कारण लगभग छह केंद्रों पर समस्याएं थीं, जिससे लगभग 16,000 उम्मीदवार प्रभावित हुए।”
क्या दोबारा जारी होगा रिजल्ट?
सुबोध कुमार ने आगे बताया कि परीक्षा और रिजल्ट को लेकर जो आरोप एनटीए पर लग रहे हैं उसको लेकर एक चार सदस्यीय कमेटी बनाई गई है, जो शिकायत वाले सेंटरों पर विजिट करेगी। कमेटी के सुझाव के आधार पर देखा जाएगा कि क्या कोई दूसरा फॉर्मूला अपनाकर समाधान किया जा सकता है। जरूरत पड़ने पर देखा जाएगा कि रिजल्ट दोबारा जारी किया जाए या नहीं।
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