‘प्रधानमंत्री कौशल विकास योजना’-3.0 को प्रभावी तौर पर लागू करने के लिए और राज्य कुशलता विकास मिशन (एसएसडीएमएस) और जिला कुशलता समितियों (डीएससी) को संवेदनशील बनाने के लिए सिक्किम के गंगटोक में 8 अप्रैल, 2021 को एक क्षेत्रीय कार्यशाला आयोजित की जाएगी। इस कार्यशाला में उत्तर पूर्वी आठों राज्यों – अरुणाचल प्रदेश, असम, मणिपुर, मेघालय, मिजोरम, नगालैंड, सिक्किम और त्रिपुरा की भागीदारी होगी।
इस कार्यशाला में कुशलता विकास एवं उद्यमिता मंत्रालय (एमएसडीई) के सचिव श्री प्रवीण कुमार, मंत्रालय के अपर सचिव श्री अतुल कुमार तिवारी, सिक्किम सरकार के कुशलता विभाग की सचिव श्रीमती गंगा देवी प्रधान, सिक्किम राज्य के कुशलता विभाग में सलाहकार श्री सतीश चन्द्र राय, सिक्किम कुशलता विकास मिशन के निदेशक श्री विशाल राय, एनएसडीसी के प्रबंध निदेशक एवं मुख्य कार्यकारी अधिकारी डॉ. मनीष कुमार और एमएसडीई के संयुक्त निदेशक (कुशलता विकास) श्री संजीव कुमार भी उपस्थित होंगे। इस कार्यशाला में वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के माध्यम से विभिन्न उद्योग प्रशिक्षण संस्थानों के छात्र और शिक्षक भी भाग लेंगे।
इस कार्यशाला का उद्देश्य पर्यावरण अनुकूल कुशलता विकास संबंधी चर्चा के लिए और समस्त भागीदारों के बीच विचारों और फीडबैक के आदान-प्रदान के लिए मंच उपलब्ध कराना है ताकि ‘प्रधानमंत्री कौशल विकास योजना’ के तहत सामने आने वाली पहलों के लिए रास्ता प्रशस्त किया जा सके।
यह क्षेत्रीय कार्यशाला ‘स्किल इंडिया मिशन’ के एजेंडा को पूरा करने में भी महत्वपूर्ण भूमिका निभाएगी जहां जिला प्रशासनों के साथ-साथ राज्यों की भागीदारी भी जरूरी है। अत: सभी आठों राज्यों के राज्य कुशलता विकास मिशनों ने सभी जिला कुशलता समितियों को इस कार्यशाला में भागीदारी के लिए आमंत्रित किया है।
प्रधानमंत्री कौशल विकास योजना’ की शुरुआत राज्यों/केन्द्र शासित प्रदेशों के सहयोग से 15 जनवरी, 2021 को की गई थी। जैसा कि परिकल्पना की गई थी प्रधानमंत्री कौशल विकास योजना 3.0 के दोनों महत्वपूर्ण कारकों के तहत प्रशिक्षण का कार्य ज्यादातर राज्यों/केन्द्र शासित प्रदेशों में शुरू हो चुका है। ‘प्रधानमंत्री कौशल विकास योजना’-2.0 (2016-2020) के तहत करीब 1.21 करोड़ उम्मीदवारों को प्रशिक्षण दिया जा चुका है और ‘प्रधानमंत्री कौशल विकास योजना’-3.0 का लक्ष्य योजना अवधि 2020-21 के दौरान 948.90 करोड़ रुपये की लागत से 8 लाख युवाओं को इसका लाभ पहुंचाना है।
‘प्रधानमंत्री कौशल विकास योजना’ की शुरुआत राज्यों/केन्द्र शासित प्रदेशों के सहयोग से 15 जनवरी, 2021 को की गई थी। जैसा कि परिकल्पना की गई थी प्रधानमंत्री कौशल विकास योजना 3.0 के दोनों महत्वपूर्ण कारकों के तहत प्रशिक्षण का कार्य ज्यादातर राज्यों/केन्द्र शासित प्रदेशों में शुरू हो चुका है। ‘प्रधानमंत्री कौशल विकास योजना’-2.0 (2016-2020) के तहत करीब 1.21 करोड़ उम्मीदवारों को प्रशिक्षण दिया जा चुका है और ‘प्रधानमंत्री कौशल विकास योजना’-3.0 का लक्ष्य योजना अवधि 2020-21 के दौरान 948.90 करोड़ रुपये की लागत से 8 लाख युवाओं को इसका लाभ पहुंचाना है।
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