NATIONAL NEWS

अशोक गहलोत के कुशल नेतृत्व पर मुहर, राजस्थान को दो गोल्ड पुरस्कार; जानिए वजह

FacebookWhatsAppTelegramLinkedInXPrintCopy LinkGoogle TranslateGmailThreadsShare

अशोक गहलोत के कुशल नेतृत्व पर मुहर, राजस्थान को दो गोल्ड पुरस्कार; जानिए वजह

राजस्थान सरकार को कर प्रबंधन में सबसे अधिक सुधारवादी राज्य एवं एसजीएसटी/वैट कैटेगरी श्रेणियों में गोल्ड अवार्ड प्रदान किया गया। मुख्यमंत्री अशोक गहलोत के लिए यह बड़ी राहत भरी खबर है।

अशोक गहलोत के कुशल नेतृत्व पर मुहर, राजस्थान को दो गोल्ड पुरस्कार; जानिए वजह

राजस्थान के मुख्यमंत्री अशोक गहलोत के लिए यह गुड न्यूज है।  टैक्स इण्डिया ऑनलाईन द्वारा नेशनल टैक्सेशन अवार्ड-2022 की घोषणा करते हुए राजस्थान सरकार को कर प्रबंधन में सबसे अधिक सुधारवादी राज्य एवं एसजीएसटी/वैट कैटेगरी श्रेणियों में गोल्ड अवार्ड प्रदान किया गया। दिल्ली में आयोजित समारोह में हरियाणा राज्य के उप मुख्यमंत्री दुष्यन्त चौटाला एवं राज्य सभा सदस्य सुशील मोदी द्वारा दिये गये इस अवार्ड को राज्य सरकार की ओर से वित्त विभाग की संयुक्त शासन सचिव, वित्त (कर) द्वारा ग्रहण किया गया। उड़ीसा राज्य को इस श्रेणी में रजत तथा हरियाणा, तमिलनाडु तथा बिहार को जूरी अवार्ड प्रदान किया गया। राजस्थान सरकार को स्टेट वैट श्रेणी में भी प्रथम स्थान आने पर गोल्ड़ अवार्ड प्रदान किया गया है। उड़ीसा राज्य को इस श्रेणी में रजत तथा उत्तर प्रदेश, महाराष्ट्र तथा छत्तीसगढ़ को जूरी अवार्ड प्रदान किया गया।

जीएसटी कानून के करों की प्रभावी वसूली

मुख्यमंत्री अशोक गहलोत के कुशल नेतृत्व में राज्य सरकार द्वारा आई.एफ.एम.एस. प्लेटफॉर्म पर नवाचार करते हुये इसमें व्यवहारिक परिवर्तन किये है, प्रक्रियाओं का मानकीकरण एवं मानवीय हस्तक्षेप में कमी करने से इसे और अधिक जन उपयोगी बनाया गया, जिससे भुगतान एवं राजस्व एकत्र करने में मदद मिली है। इसी प्रकार राज्य कर विभाग द्वारा जीएसटी कानून के करों की प्रभावी वसूली की गई, जिससे गत वर्ष की तुलना में 26 प्रतिशत अधिक राजस्व एकत्रित हुआ है। राज्य सरकार द्वारा वर्षों से लम्बित बकाया राशि के निष्पादन के लिये एमनेस्टी योजना-2021 एवं 2022 की घोषणा कर लगभग 8.00 लाख रूपये से अधिक प्रविष्टियां समाप्त कर व्यवहारियों को राहत दी है। इसी क्रम में वर्ष 2022-23 के बजट में व्यवहारी सुविधा केन्द्र की स्थापना तथा जीएसटी कानून के तहत ई-वे बिल की सीमा एक लाख रूपये तक बढाकर व्यवहारियों को राहत प्रदान की है। 

कर कानूनों की पालना करने वाला राज्य

टैक्स इण्डिया ऑनलाईन नॉलेज फाउण्डेशन द्वारा यह अवार्ड कर प्रबंधन में सुधार करने वाले तथा कर दाताओं के योगदान को स्वीकार करने वाले राज्यों और कर कानूनों की पालना करने वाले कर दाताओं, प्रौद्योगिक सेवा प्रदाताओं, कर दाता हितैषी आयुक्तों एवं कर प्रबंधन के क्षेत्र में उत्कृष्ट कार्य करने वाले नीति निर्माताओं इत्यादि सहित नौ श्रेणियों में दिया जाता है। सर्वोच्च न्यायालय के सेवानिवृत जज, भारत सरकार के सेवानिवृत उच्च पदाधिकारी तथा केंद्रीय उत्पाद और सीमा शुल्क बोर्ड के सेवानिवृत सदस्य पुरस्कारों की जूरी में सदस्य के रूप में शामिल है। टैक्स इण्डिया ऑनलाईन की स्थापना वर्ष 2000 में की गई और ऑनलाईन मीडिया के रूप में यह प्रमुख स्टार्ट-अप कम्पनी के रूप में स्थापित है। टैक्स इण्डिया ऑनलाईन द्वारा वर्ष 2020 में इन पुरस्कारों की शुरूआत की गई थी।  

FacebookWhatsAppTelegramLinkedInXPrintCopy LinkGoogle TranslateGmailThreadsShare

About the author

THE INTERNAL NEWS

Add Comment

Click here to post a comment

error: Content is protected !!