NATIONAL NEWS

कर्नल रमेश राठौड़ के अंतिम संस्कार में उमड़ी भीड़:20 KM की तिरंगा यात्रा निकाली, शिलांग में सड़क हादसे में हुए थे शहीद

FacebookWhatsAppTelegramLinkedInXPrintCopy LinkGoogle TranslateGmailThreadsShare

कर्नल रमेश राठौड़ के अंतिम संस्कार में उमड़ी भीड़:20 KM की तिरंगा यात्रा निकाली, शिलांग में सड़क हादसे में हुए थे शहीद

राजस्थान के कर्नल रमेश सिंह राठौड़ का उनके पैतृक गांव में सैन्य सम्मान से अंतिम संस्कार किया गया। उनके बड़े बेटे सूर्यवंश सिंह राठौड़ ने उनको मुखाग्नि दी। इस दौरान लोगों ने शहीद रमेश सिंह राठौड़ अमर रहे, भारत माता की जय और वंदे मातरम के नारे लगाए।

शहीद का उनके पैतृक गांव में अंतिम संस्कार किया गया। उनके बड़े बेटे सूर्यवंश सिंह ने उनको मुखाग्नि दी।

शहीद का उनके पैतृक गांव में अंतिम संस्कार किया गया। उनके बड़े बेटे सूर्यवंश सिंह ने उनको मुखाग्नि दी।

इससे पहले शहीद का पार्थिव शरीर गुरुवार शाम को दिल्ली से राजगढ़ के सिद्धमुख मोड़ पहुंचा, यहां से 20 KM की तिरंगा यात्रा के साथ उनके पैतृक गांव घणाऊ (सादुलपुर) पहुंचा। इस दौरान रास्ते में लोगों ने शहीद को श्रद्धांजलि दी। बच्चे भी हाथों में तिरंगा लिए शहीद के सम्मान में खड़े नजर आए। शाम करीब 4:30 बजे शहीद का पार्थिव शरीर उनके घर पहुंचा तो गांव के लोग उनके अंतिम दर्शनों के लिए उमड़ पड़े।

सादुलपुर विधायक कृष्णा पूनिया, पूर्व विधायक मनोज न्यांगली और सेना के अधिकारियों ने पुष्प चक्र अर्पित कर श्रद्धांजलि दी।

सादुलपुर विधायक कृष्णा पूनिया, पूर्व विधायक मनोज न्यांगली और सेना के अधिकारियों ने पुष्प चक्र अर्पित कर श्रद्धांजलि दी।

शव यात्रा प्रारंभ होने से पहले रेजिमेंट के जवानों ने शहीद को कंधा देकर अंतिम यात्रा शुरू की। भारत माता की जय और शहीद रमेश सिंह राठौड़ अमर रहे के नारों के साथ शहीद की अंतिम यात्रा श्मशान घाट पहुंची। यहां आर्मी जवानों ने गार्ड ऑफ ऑनर दिया।

शहीद कर्नल रमेश सिंह राठौड़ का सैन्य सम्मान से अंतिम संस्कार किया गया और उनको गार्ड ऑफ ऑनर दिया गया।

शहीद कर्नल रमेश सिंह राठौड़ का सैन्य सम्मान से अंतिम संस्कार किया गया और उनको गार्ड ऑफ ऑनर दिया गया।

जानकारी के अनुसार, चूरू जिले के निवासी कर्नल रमेश सिंह राठौड़ (49) सेना के शिलांग हेड क्वार्टर 101 एरिया में कर्नल-ए (12 आर्म्ड रेजिमेंट) के पद पर तैनात थे। मंगलवार देर शाम को ड्यूटी के बाद पैदल अपने घर लौट रहे थे। इस दौरान रास्ते में स्कॉर्पियो ने उनको टक्कर मार दी। कर्नल राठौड़ की मौके पर ही मौत हो गई। गांव में जैसे ही उनकी शहादत की खबर आई तो शोक छा गया। कर्नल का परिवार उनके साथ शिलांग में ही था, जो उनके पार्थिव शरीर के साथ ही गांव आया हैं। गांव में उनके रिश्तेदार रहते हैं। शहीद के गांव में सुबह से ही भीड़ जुटी थी।

शहीद रमेश सिंह की पार्थिव देह तिरंगा यात्रा के साथ घर पहुंची। घर पर लोगों की मौजूद भीड़।

शहीद रमेश सिंह की पार्थिव देह तिरंगा यात्रा के साथ घर पहुंची। घर पर लोगों की मौजूद भीड़।

सिद्धमुख मोड़ से गांव तक निकाली गई तिरंगा यात्रा
कर्नल रमेश सिंह का पार्थिव शरीर गुरुवार सुबह शिलांग से दिल्ली पहुंचा। इस दौरान उनके पिता कल्याण सिंह (80), पत्नी प्रियंका राठौड़ (45), बड़ा बेटा सूर्यवंश सिंह राठौड़ (18) और कीर्ति वर्धन राठौड़ साथ थे। उधर, गांव से शहीद के दोनों बड़े भाई दिल्ली पहुंचे और पार्थिव शरीर को लेकर गांव रवाना हुए थे।

कर्नल रमेश सिंह राठौड़ को श्रद्धांजलि देने के लिए बच्चे भी इकट्‌ठा हुए थे।

कर्नल रमेश सिंह राठौड़ को श्रद्धांजलि देने के लिए बच्चे भी इकट्‌ठा हुए थे।

पिता की रेजिमेंट में ही हुए थे भर्ती
शहीद के पिता कल्याण सिंह सेना में कैप्टन थे। वो 12 आर्म्ड रेजिमेंट से रिटायर्ड हुए थे। रमेश सिंह का जन्म 24 अप्रैल 1973 को हुआ था। साल 1996 में वह सेना में भर्ती हुए थे। साल 1999 में उनको प्रमोशन मिला और कैप्टन बने। इसके बाद 2010 में लेफ्टिनेंट कर्नल बने और 2013 में कर्नल पद की जिम्मेदारी संभाली।

शहीद रमेश सिंह तीन भाइयों में सबसे छोटे थे। उनके बड़े भाई रणजीत सिंह (58) भी आर्म्ड रेजिमेंट से रिटायर हैं। त्रिभवन सिंह (55) रावतसर (हनुमानढ़) में ग्राम विकास अधिकारी के पद पर कार्यरत हैं। दो बहनें पुष्पा (52) और अनिता (45) हैं, जिनकी शादी हो चुकी है। माता उम्मेद कंवर का 2017 निधन हो गया था।

कर्नल राठौड़ के निधन की सूचना मिलते ही गांव में शोक छा गया। उनके घर भीड़ जमा है। कर्नल रमेश सिंह का पार्थिव शरीर गुरुवार को शिलांग से दिल्ली पहुंचा था।

कर्नल राठौड़ के निधन की सूचना मिलते ही गांव में शोक छा गया। उनके घर भीड़ जमा है। कर्नल रमेश सिंह का पार्थिव शरीर गुरुवार को शिलांग से दिल्ली पहुंचा था।

नौकरी के बाद परिवार को ले गए थे साथ
रमेश साल 2000 में अपने माता-पिता को शिलांग ले गए थे। साल 2001 में जयपुर की प्रियंका के साथ उनकी शादी हुई थी। उनके 2 बेटे हैं। बड़ा बेटा सूर्यवंश सिंह राठौड़ 6 महीने पहले पुणे के नेशनल डिफेंस एकेडमी जॉइन की थी। छोटा बेटा कीर्ति वर्धन राठौड़ 10वीं क्लास में पढ़ता है। रमेश 24 अगस्त 2022 को ससुर नंदकिशोर की बरसी पर जयपुर आए थे। इस दौरान अपने पैतृक गांव में रुके थे। उनके ससुर नंदकिशोर भी आर्मी में थे।

FacebookWhatsAppTelegramLinkedInXPrintCopy LinkGoogle TranslateGmailThreadsShare

About the author

THE INTERNAL NEWS

Add Comment

Click here to post a comment

error: Content is protected !!