खशोगी मर्डर केस में सऊदी प्रिंस को रियायत:अमेरिका मुकदमा नहीं चलाएगा, कहा- PM मोदी पर लगे प्रतिबंध भी तो हटाए थे
व्हाइट हाउस ने 18 नवंबर को कहा कि अमेरिका ने खशोगी मर्डर केस में सऊदी क्राउन प्रिंस मोहम्मद बिन सलमान को छूट दी है। यानी उन पर उस केस को लेकर मुकदमा नहीं चलाया जाएगा। इस फैसले के बाद बाइडेन सरकार की आलोचना होने लगी। जिसकी सफाई में अमेरिकी विदेश विभाग के प्रवक्ता ने कहा कि ये पहली बार नहीं है जब किसी राष्ट्राध्यक्ष को किसी तरह की छूट दी गई हो।
इसका दोनों देशों के बाइलैटरल रिलेशन से लेना-देना नहीं : व्हाइट हाउस
कुछ समय से अमेरिका और सऊदी अरब के रिश्ते ठीक नहीं चल रहे हैं। माना जा रहा है कि रिश्तों को पटरी पर लाने के लिए प्रिंस सलमान को छूट दी गई है। हालांकि व्हाइट हाउस के नेशनल सिक्योरिटी स्पोक्सपर्सन जॉन कर्बी का कहना है कि इन सब का दोनों देशों के रिश्तों से कोई लेना-देना नहीं है।
उन्होंने कहा- अमेरिका के राष्ट्रपति जो बाइडेन तो US और सऊदी अरब के रिलेशन पर दोबारा विचार कर रहे हैं। ऐसा इसलिए क्योंकि क्रूड ऑयल उत्पादक देशों के संगठन ओपेक (OPEC) ने 5 अक्टूबर को तेल उत्पादन में कटौती करने का फैसला किया था। इससे अमेरिका बेहद खफा है। सऊदी अरब इस समूह का प्रमुख सदस्य है।
अमेरिका चाहता है कि सऊदी अरब तेल का उत्पादन बढ़ाए, ताकि वैश्विक तेल कीमतों को काबू में किया जा सके।
सऊदी क्राउन प्रिंस ने दी थी खशोगी की हत्या की मंजूरी
पिछले साल अमेरिका की एक रिपोर्ट में दावा किया गया कि वॉशिंगटन पोस्ट के सऊदी पत्रकार जमाल खशोगी की हत्या की योजना को सऊदी क्राउन प्रिंस मोहम्मद बिन सलमान ने मंजूरी दी थी। रिपोर्ट में यह भी बताया कहा गया कि क्राउन प्रिंस खशोगी को सऊदी अरब के लिए खतरा मानते थे।
अमेरिकी रिपोर्ट में एक्सपर्ट एग्नेस कैलामार्ड ने कहा था कि खशोगी की हत्या से जुड़े सबूतों के आधार पर कहा जा सकता है कि सऊदी क्राउन प्रिंस मोहम्मद बिन सलमान और उनके उच्चाधिकारी हत्या से जुड़े हुए थे।
ट्रम्प जब सत्ता में थे तो उनके सऊदी प्रिंस से करीबी रिश्ते रहे और यही वजह है कि उस दौरान खशोगी की हत्या से जुड़ी अमेरिकी इंटेलिजेंस की रिपोर्ट जारी नहीं की गई। बाइडेन राष्ट्रपति बने और मानवाधिकारों पर उनका रुख हमेशा से सख्त रहा है। फिर रिपोर्ट जारी की गई। इस इंटेलिजेंस रिपोर्ट में सीधे तौर पर खशोगी की हत्या के लिए प्रिंस सलमान का नाम लिया गया था।
अक्टूबर 2018 में हुई थी खशोगी की हत्या
तुर्की में इस्तांबुल स्थित संयुक्त अरब अमीरात (UAE) के वाणिज्य दूतावास में 2 अक्टूबर 2018 को वॉशिंगटन पोस्ट के पत्रकार जमाल खगोशी की हत्या कर दी गई थी। इसमें वली अहद शहजादा मोहम्मद बिन सलमान की भूमिका को लेकर भी सवाल उठे थे।
अमेरिका कई नेताओं को छूट दे चुका है
अमेरिकी विदेश विभाग के प्रवक्ता वेदांत पटेल ने कहा- अमेरिका पहले भी की नेताओं के छूट दे चुका है। 1993 में हैती के राष्ट्रपति एरिस्टाइड, 2001 में जिम्बाब्वे के राष्ट्रपति मुगाबे, 2014 में भारत के प्रधानमंत्री मोदी और 2018 में कोंगो के राष्ट्रपति कबीला को भी छूट दी गई थी। दरअसल, अमेरिका ने गुजरात दंगों को लेकर नरेंद्र मोदी पर ट्रैवल बैन लगा दिया था। उस वक्त मोदी गुजरात के चीफ मिनिस्टर थे। लेकिन बाद में प्रधानमंत्री बनने पर उन्हें छूट दे दी गई थी। यानी उन पर लगा ट्रैवल बैन हटा दिया गया था।
अमेरिका ने पीएम मोदी को वीजा देने से इनकार कर दिया था।
10 साल तक लगा था प्रतिबंध
अमेरिकी सरकार ने मोदी पर करीब 10 साल तक यात्रा प्रतिबंध लगाया था। US ने ये प्रतिबंध गोधरा दंगों को कथित रूप से रोकने में फेल साबित होने के लिए मोदी पर लगाया था। अमेरिका ने पीएम मोदी के खिलाफ अंतरराष्ट्रीय धार्मिक स्वतंत्रता कानून लागू किया था। यह उन विदेशी अधिकारियों के खिलाफ लगाया जाता है जो धार्मिक अधिकारों के गंभीर उल्लंघन के जिम्मेदार माने जाते हैं।
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