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400 साल पुराने मठ पर कब्जा कर स्वर्ण मुद्राओं व स्वर्ण शिला चुराने का मामला दर्ज , गारबदेसर के आसण मठ जोगियासन महन्त ने तोडफ़ोड़ कर ऐतिहासिक धरोहर को लाखों का नुकसान का लगाया आरोप

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महन्त हनुमान नाथ ने एसपी से लगाई गुहार, संत-महंतों के साथ हो रही गुंडागर्दी
बीकानेर। लूणकरनसर के ग्राम गारबदेसर में स्थापित आसण मठ जोगियासन में तोडफ़ोड़ करने तथा स्वर्ण मुद्राओं एवं स्वर्ण शिला के चक्कर में जगह-जगह खोदने का मामला सामने आया है। इस सम्बन्ध में हनुमान नाथ ने जगमाल सिंह, रामकुमार ब्राह्मण, रामेन्द्र सिंह, कानसिंह के खिलाफ धारा 380, 381, 420, 429, 120 बी भादंसं व प्राचीन स्मारक एवं पुरातत्व स्थल और अवशेष अधिनियम 1958 के तहत मामला दर्ज करवाया है। परिवादी हनुमान नाथ शिष्य महन्त शिवनाथ ने पुलिस में रिपोर्ट दी है कि ग्राम गारबदेसर में करीब 400 वर्ष पहले श्री चेतननाथ जी आसण मठ जोगियासन की स्थापना की तथा भगवान शिव की मूर्ति स्थापित की। इसके साथ ही गौरख पंथ की रीति-रिवाज से वहां शिवजी के धूणे की भी स्थापना की। प्रार्थी ने बताया कि स्व. चेतननाथ की गुरु शिष्य परम्परा में गुरु बिरखानाथ तथा उनके शिष्य अन्नानाथ जी महन्त हुए। उनके बाद स्व. सोमनाथ महन्त हुए। प्रार्थी ने बताया कि मठ जोगियासन की धर्म साधना के कारण गांव में विशिष्ट पहचान हो गई थी। यह गद्दी अम्बाला गौरख पंथ के पीठ के तहत कार्यरत है। इसके चलते स्व. महन्त सोमनाथ ने परिस्थितियों को ध्यान में रखते हुए गारबदेसर निवासी जगमाल सिंह आदि के कहने पर जो तत्कालीन जागीरदार के रिश्तेदार होने के कारण श्री चेतननाथ चैरिटेबल ट्रस्ट गारबदेसर के नाम से ट्रस्ट डीड बना कर ट्रस्ट का गठन कर दिया तथा रजिस्ट्रेशन हेतु सहायक आयुक्त देवस्थान विभाग बीकानेर के समक्ष पंजीयन हेतु प्रस्तुत किया। ट्रस्ट डीड में प्रधान ट्रस्टी एवं अध्यक्ष महन्त को रखा गया, लेकिन भविष्य में प्रधान ट्रस्टी चुनाव से होने का लिखा गया, लेकिन सहायक आयुक्त देवस्थान बीकानेर ने ट्रस्ट रजिस्ट्रेशन के आदेश 3 फरवरी 2004 के पेज 6 में यह आदेश दिया कि उक्त प्रन्यास के महन्त उत्तराधिकार के तरीके का जहां तक प्रश्न है कि गुरु शिष्य परम्परा के अनुसार होता आया है व है। उसी अनुसार गद्दी पर जो महन्त बनेगा वह प्रन्यास का अध्यक्ष होगा। सहायक आयुक्त के इस आदेश को 3 फरवरी 2004 को उदयपुर के देवस्थान विभाग ने भी अपने निर्णय 25 मई 2009 में भी पुष्टि की है। आपको बता दें महन्त सोमनाथ का निधन 13 अप्रेल 2018 को हो गया था। श्रीनाथ नगर अम्बाला शहर रमन्या पंच नटेश्वरी के श्री पीर पारसनाथ द्वारा ब्रह्मलीन महन्त सोमनाथ के स्थान पर उनके शिष्य शिवनाथ को 15 अप्रेल 2018 को चादर ओढ़ा कर प्रक्रिया स्वरूप महन्त बनाया गया। तब से मठ जोगियासन गारबदेसर एवं श्री चेतननाथ चैरिटेबल ट्रस्ट के प्रधान ट्रस्टी महन्त शिवनाथ हो गए हैं। प्रार्थी महन्त शिवनाथ ने आरोप लगाया है कि 23 जनवरी 2023 को ट्रस्टी जगमालसिंह ने गलत तरीके से अपने आपको प्रधान ट्रस्टी बताकर ट्रस्ट के उद्देश्यों के विपरीत जाकर अन्य अभियुक्तगणों के साथ एकराय होकर ट्रस्ट की अचल सम्पत्ति को तोडफ़ोड़ कर नष्ट किया। ऐतिहासिक धरोहर में संत महात्माओं द्वारा स्वर्ण मुद्राओं एवं स्वर्ण शिला रखे होने के कारण उन्हें प्राप्त करने हेतु उसी जगह गढ्ढे कर दिए गए और जो भी स्वर्ण आदि सामान मिला उसको चुरा कर ले गए। प्रार्थी महंत ने बताया कि जब वह रायसिंहनगर व हिसार गए तब पीछे से षड्यंत्र पूर्वक उक्त आरोपियों ने मठ के सात कमरों में से पांच कमरों को तथा शिवजी के धूणे अतिक्रमण कर प्रधान ट्रस्टी को लाखों को नुकसान पहुंचाया। धूणे के नीचे मिले कीमती सामान को चुरा ले गए। इस संबंध में 1 फरवरी को पुलिस थाना कालू में रिपोर्ट दर्ज करवाई गई लेकिन आज तक कोई कार्यवाही नहीं हुई। इस संबंध में बीकानेर एसपी को भी प्रार्थना पत्र देकर कार्यवाही की मांग की गई। इस संबंध में पुन: मामला किया गया है तथा एएसआई रामनिवास को जांच सौंपी गई है।

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