कुवैत की इमारत में आग में झुलसे 42 भारतीय:विदेश राज्य मंत्री बोले- शवों की पहचान मुश्किल, इन्हें भारत लाने के लिए तैयार एयरफोर्स वन प्लेन
कुवैत सिटी
इस इमारत में करीब 195 मजदूर रह रहे थे, जिनमें से अधिकतर करेल, तमिलनाडु के हैं।
कुवैत के मंगाफ शहर की 6 मंजिला इमारत में आग लगने से 49 मजदूरों की मौत हो गई। 50 से ज्यादा लोग घायल हैं। भारत के विदेश मंत्रालय के मुताबिक, मरने वालों में करीब 42 भारतीय हैं। अन्य मृतक पाकिस्तान, फिलिपींस, मिस्र और नेपाल के हैं।
हादसे के बाद कुवैत गए भारत के विदेश राज्य मंत्री कीर्ति वर्धान सिंह ने बताया है कि इमारत में आग लगने की वजह से कुछ शव इतनी बुरी तरह से जल गए हैं, कि उनकी पहचान नहीं हो पा रही है। भारत का एयरफोर्स वन प्लेन शवों को वापस लाने के लिए तैयार खड़ा है।
मंत्री ने कहा, “जैसे ही शवों की पहचान हो जाती है, उनके परिजनों को इसकी सूचना दी जाएगी। इसके बाद शव वापस भारत लाए जाएंगे।” कुवैत के समयानुसार ये हादसा बुधवार सुबह करीब 4:30 बजे हुआ। 6 मंजिला इमारत के ग्राउंड फ्लोर के किचन में लगी आग तेजी से पूरी इमारत में फैल गई। कई लोग इमारत के अंदर ही फंसे रह गए और धुएं में दम घुटने से उनकी मौत हो गई।
घटना को देखते हुए बुधवार को PM मोदी ने दिल्ली में हाई-लेवल मीटिंग की। बैठक में घोषणा की गई कि मरने वाले भारतीयों के परिवारों को प्रधानमंत्री राहत कोष से 2 लाख रुपए का मुआवजा दिया जाएगा। PM मोदी ने शोक संतप्त परिवार के प्रति संवेदनाएं जताईं।
अब 5 तस्वीरों में देखिए उस जगह को जहां आग लगी…
कुवैत के समय के मुताबिक, आग सुबह करीब 4:30 बजे किचिन में लगी।
आग को बुझाने के लिए फायर ब्रिगेड की कई गाड़ियां लगी रहीं।
ग्राउंड फ्लोर के किचन में लगी आग तेजी से पूरी इमारत में फैल गई।
आग बुझाने के बाद बिल्डिंग का फ्रंट एरिया।
ये बिल्डिंग 6 मंजिला थी।
मरने वालों की उम्र 20 से 50 साल के बीच
विदेश मंत्री एस जयशंकर ने कुवैत के के विदेश मंत्री अली अल-याह्या से फोन पर बात की। कुवैत ने आश्वासन दिया है कि मामले की जांच करके गुनहगारों को सजा दी जाएगी। जयशंकर ने मारे गए लोगों के शवों को जल्द जल्द भारत भेजने की अपील की है।
विदेश मंत्रालय ने बताया कि घायलों का इलाज कुवैत के 5 अस्पतालों- अदान, जाबेर, फरवानिया, मुबारक अल कबीर और जाहरा में चल रहा है। घायल भारतीयों की हालत अब पहले से बेहतर है।
अरब टाइम्स के मुताबिक, मरने वालों की उम्र 20 से 50 साल के बीच है। इनमें ज्यादातर केरल, तमिलनाडु और नॉर्थ इंडियन हैं। सभी NBTC कंपनी में काम करते थे। कुवैत की कुल आबादी में 21%(10 लाख) भारतीय हैं। कुवैत के कुल कामगारों में भारतीयों की हिस्सेदारी 30% यानी 9 लाख है।
इमारत में 195 मजदूर रह रहे थे
कुवैती मीडिया के मुताबिक, इस बिल्डिंग को कंस्ट्रक्शन कंपनी NBTC ग्रुप ने किराए पर ले रखा था। इसमें 195 से ज्यादा मजदूर रह रहे थे, जिसमें से अधिकतर लोग केरल और तमिलनाडु के लोग होने की आशंका जताई जा रही है। NBTC ग्रुप के मालिक मलयाली व्यापारी केजी अब्राहम हैं।
केजी अब्राहम केरल के तिरुवल्ला के व्यवसायी हैं। केजी अब्राहम, जिन्हें केजीए के नाम से भी जाना जाता है, केजीए समूह के संस्थापक और अध्यक्ष हैं। यह कंपनी 1977 से कुवैत के ऑयल एंड इंडस्ट्रीज का हिस्सा है।
नेताओं ने हादसे पर दुख जताया
पीएम मोदी के अलावा कांग्रेस नेता राहुल गांधी, पश्चिम बंगाल की CM ममता बनर्जी ने इस घटना पर दुख जताया। उधर, कुवैत के गृह मंत्री शेख फहद अल-यूसुफ ने कहा कि इमारत में कई देशों के लोग अवैध रूप से रह रहे थे। इसलिए अभी मरने वालों के बारे में पुख्ता जानकारी नहीं है।
भारतीय राजदूत ने अस्पताल पहुंचकर घायलों से मुलाकात की।
भारतीय राजदूत आदर्श स्वाइका ने घटनास्थल का दौरा किया।
भारतीय राजदूत ने घटनास्थल पर पहुंचकर घायलों से मुलाकात की
विदेश मंत्री एस जयशंकर ने अपनी पोस्ट में कहा, “कुवैत में हुए हादसे से स्तब्ध हूं। वहां करीब 40 लोगों की मौत हुई है। हम डीटेल्स सामने आने का इंतजार कर रहे हैं। जिन लोगों ने अपने परिजनों को खोया है, उनके प्रति मेरी संवेदनाएं हैं।” भारतीय राजदूत आदर्श स्वाइका ने भी घटनास्थल पर पहुंचकर घायलों से मुलाकात की है।
कुवैत सरकार ने बिल्डिंग के मालिक की गिरफ्तारी का आदेश दिया
कुवैत के अमीर शेख मेशल अल-अहमद अल-जाबेर अल-सबह ने अधिकारियों को आदेश दिया है कि मामले की जांच करके इसके जिम्मेदार लोगों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई की जाए। कुवैत के गृह मंत्री शेख फहद अल-यूसुफ अल-सबह ने बिल्डिंग के मालिक को गिरफ्तार करने का आदेश दिया है।
उन्होंने कहा कि दुर्भाग्य से रियल एस्टेट मालिक के लालच की वजह से ऐसी घटनाएं होती हैं। ज्यादा किराए के लालच में बिल्डिंग ओनर्स एक ही कमरे में कई लोगों को ठहराते हैं और इमारत की सुरक्षा व्यवस्था नजरअंदाज कर देते हैं।
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