आंबेडकर मानते थे RSS को डेंजर्स ऑर्गनाइजेशन -JLF में हिंदुज्म को लेकर उठे सवाल पर शशि थरूर के सामने बोले एंटी कास्ट स्कॉलर सुमित समोस
Shashi Tharoor JLF session on B R ambedkar : जेएलएफ के पहले दिन सर्द दोपहर में संविधान निर्माता बी आर आंबेडकर को लेकर चर्चा हुई। इस सेशन में कांग्रेस नेता शशि थरूर और एंटी कास्ट स्कॉलर के तौर पर अपनी पहचान रखने वाले सुमित समोस ने अपनी बात रखी। इस दौरान सुमित समोस ने आंबेडकर के हिंदूवादी विचारों पर प्रकाश डाला।

जयपुर: जयपुर लिटरेचर फेस्टिवल में ‘ बी आर आंबेडकर – लाइफ एंड टाइम्स’ में शशि थरूर और एंटी कास्ट स्कॉलर सुमित समोस ने हिंदुत्व के मुद्दे पर चर्चा की। दोनों वक्ताओं ने आंबेडकर की ओर से देश में ला गए सोशल रिफॉर्म को लेकर अपनी बात रखी। इस दौरान हिंदुत्व का मुद्दा भी उठा। शशि थरूर ने अपने संबोधन में सोशल रिफॉर्म को लेकर चर्चा की। साथ ही आंबेडकर और नेहरू की ओर से लाए गए हिंदू बिल कोड के पीछे उनकी क्या मंशा थी। यह भी बताने का प्रयास किया। थरूर ने कहा कि देश में वन पर्सन वन वोट का अधिकार तो मिल गया । लेकिन नेहरू और आंबेडकर चाहते थे कि ‘वन पर्सन वन वैल्यू’ की अवधारणा भी मजबूत हो। देश में समानता के अधिकार को मजबूत बनाने के लिए ही जवाहर लाल नेहरू और भीमराव आंबेडकर हिंदू कोड बिल लेकर आए थे, क्योंकि उनका मानना था कि देश में सभी को समान अधिकार मिले।
आंबेडकर ने माना था RSS जैसे ऑर्गनाइजेशन को डेंजर्स
सेशन में सुमित समोस ने भी आंबेडकर के विचार को बात करते हुए अपनी बात आगे रखी। समोस ने कहा कि आंबेडकर सिर्फ एक विचार को मानने वाले संगठन को सही नहीं मानते थे। सन 1950 में आंबेडकर ने RSS , अकाली दल और हिंदू महासभा जैसे संगठनों को लेकर उन्होंने बड़ी बात कही थी। समोस ने कहा कि इन संगठनों को आंबेडकर डेजर्स ऑर्गनाइजेशन मानते थे







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