6 महीने की भतीजी का गला काटकर चूल्हे में फेंका:बेटी की लाश देख बोला बेसुध पिता- मेरी गोद में आजा…एक शक ने ली 4 जानें
6 महीने की मासूम मनीषा। पूरे परिवार की लाड़ली। रोती तो पूरा परिवार सारे काम छोड़कर उसे संभालने के लिए दौड़ा आता, लेकिन बुधवार सुबह मासूस ने वो दर्द झेला, जिसके जिक्र भर से किसी का भी कलेजा कांप जाए।
सुबह 4 बजे का वक्त था। एक राक्षस आया। उसने गहरी नींद में सो रही 6 महीने की मनीषा के गले पर पूरी ताकत से कुल्हाड़ी का वार किया। ऐसा वार, जो कोई हट्टा-कट्टा आदमी भी नहीं झेल सकता, फिर मनीषा तो सिर्फ 6 महीने की थी। कुल्हाड़ी के एक ही वार से गले की सारी नसें कट गईं। उन कुछ सेकेंड में मनीषा ने जितना दर्द झेला होगा, उसकी कल्पना भी नहीं की जा सकती। इसके बाद उस राक्षस ने मासूम को जलते चूल्हे में फेंक दिया।
जो परिवार मनीषा की एक आवाज पर दौड़ा आता था, वो कुछ नहीं कर पाया। क्योंकि मनीषा के साथ इस हैवानियत से पहले वो राक्षस उसकी मां धापू (24), दादी भंवरी (50) और दादा पूनाराम बैरड़ (55) को भी कुल्हाड़ी से वार कर मार चुका था। हंसते-खेलते परिवार को कुछ ही सेकेंड में एक राक्षस के पागलपन ने तबाह कर दिया।
राक्षस भी कोई अनजान नहीं, अपना था। मनीषा के दादा के भाई का बेटा 19 साल का पप्पूराम।
जोधपुर शहर से 100 किलोमीटर दूर ओसियां के चैराई स्थित रामनगर ढाणी में हुए सामूहिक हत्याकांड से पूरा राजस्थान सदमे में है। फिलहाल पुलिस ने आरोपी को हिरासत में ले लिया है। पुलिस कस्टडी में जाते ही उसने स्वीकार कर लिया था कि उसी ने अपने चाचा पूनाराम और उसके परिवार की हत्या की है।
इधर, इस हत्याकांड के बाद TIN टीम ढाणी पहुंची और जानने की कोशिश की कि आखिर इस हत्याकांड की वजह क्या थी? टीम पहुंची तो पूरा गांव पूनाराम के घर के बाहर जुटा हुआ था।
महिलाएं और बच्चों को मनाही थी कि वे पूनाराम के घर तक नहीं जाएंगे। क्योंकि वो दृश्य ऐसा था कि पत्थर दिल आदमी भी अपने आंसू न रोक पाता। घर के आंगन में 6 महीने की मनीषा की जली हुई लाश थी।
घर के चारों तरफ पुलिस का पहरा था। आंगन के पास पूनाराम का बेटा रेवताराम चीख-चीख कर रो रहा था। इस हत्याकांड को लेकर हर कोई अपना-अपना अंदाज लगा रहा था। कोई जमीन तो कोई आपसी विवाद बता रहा था।
शक के आधार पर पुलिस ने पूनाराम के भतीजे पप्पूराम को हिरासत में लिया तो उसने पूरे हत्याकांड का खुलासा किया।
इस हत्याकांड के दो मुख्य कारण सामने आए
- पप्पूराम के भाई की मौत
- 12 किलोमीटर एरिया में फैली परिवार की जमीन
भाई के सुसाइड के लिए चाचा को जिम्मेदार मानता था हत्यारा
पूनाराम के तीन भाई हैं। अंदाराम, जिसकी मौत हो चुकी है, दूसरा मेहराराम और तीसरा भेराराम। चारों भाइयों का परिवार एक ही ढाणी में रहता है। हालांकि इनके घरों के बीच करीब 200 से 300 मीटर की दूरी है।
भेराराम ढाणी में पूनाराम के घर से करीब 200 मीटर की दूरी पर रहता है। भेराराम के एक बेटे तेजाराम की मौत हो चुकी है और दूसरा पप्पूराम है।
आपसी विवाद की कहानी 7 महीने पहले शुरू हुई, जब भेराराम के बेटे तेजाराम ने सूरत (गुजरात) में सुसाइड कर लिया था। पूनाराम और भेराराम के बीच पहले से किसी न किसी बात को लेकर विवाद होता रहता था।
सूरत में जब तेजाराम ने सुसाइड कर लिया तो भेराराम को यह लगने लगा था कि उसके बेटे को पूनाराम ने मरवाया है। इसी के बाद से दोनों परिवारों के बीच विवाद बढ़ गया।
कुछ दिनों पहले ही इनके बीच इसी बात को लेकर विवाद हुआ था। भेराराम ने गांव के सामने पूनाराम को कहा था कि तूने ही मेरे बेटे को मरवाया है। इस पर पूनाराम भी तैश में आ गया और कह दिया कि हां, मैंने तेरे बेटे को मरवाया है।
यही बात भेराराम के बेटे पप्पूराम को बुरी लग गई और उसने अपने भाई की मौत का बदला लेने के लिए प्लान बनाया।
इसी घर में पप्पूराम ने पूरे परिवार को जला दिया था।
बेटा कटर मशीन पर गया था, पूरा परिवार घर के बाहर सो रहा था
पूनाराम के दो बेटे हैं। एक रेवताराम और दूसरा हरीश। धापू रेवताराम की पत्नी है।
रेवताराम ओसियां तहसील के ही घेवड़ा गांव में एक कटर मशीन (जोधपुरी पत्थर की फैक्ट्री) पर काम करता है। एक दिन पहले ही वह काम पर गया था। दूसरा बेटा हरीश चामू गांव में अपने परिवार के साथ अलग रहता है।
बेटे रेवताराम ने बताया कि 10 दिन से उनके घर में बिजली नहीं थी। वह जब घर पर था तो उसने इसकी शिकायत जीएसएस में भी की। लेकिन, इसके बाद भी बिजली सप्लाई शुरू नहीं हुई।
बिजली नहीं होने के कारण ही परिवार घर के बाहर सोता था। हत्या वाली रात भी पूनाराम और उनकी पत्नी भंवरी, दोनों घर के बाहर पलंग पर सो रहे थे।
इन्हीं पलंग पर आरोपी के चाचा-चाची सो रहे थे। यहीं पर कुल्हाड़ी से वार कर उनका गला काट दिया था।
सुबह 4 बजे कुल्हाड़ी लेकर आया, पहले चाचा-चाची और बाद में भाभी-भतीजी को मारा
पप्पूराम ढाणी में ही इलेक्ट्रिशियन का काम करता है। उसे इस बात की सनक चढ़ चुकी थी कि उसके भाई को मरवाने वाले चाचा पूनाराम और उसके पूरे परिवार को मौत के घाट उतारना है।
वह सुबह 4 बजे अपने घर से कुल्हाड़ी लेकर निकला था। चाचा पूनाराम और चाची भंवरी दोनों घर के बाहर सो रहे थे। इस पर पप्पूराम ने कुल्हाड़ी से सीधे उनके गले पर वार किया और गला काट कर हत्या कर दी।
कुल्हाड़ी के वार से दोनों चीख पड़े और तड़पते रहे। इधर, सास-ससुर की आवाज सुन घर के अंदर सो रही धापू जाग गई।
वह बाहर जाती इससे पहले ही पप्पूराम घर में चला गया और उस पर भी हमले का प्रयास किया। इस दौरान बीच-बचाव में दोनों के बीच झड़प भी हुई। पप्पूराम के हाथ में खरोंच के निशान मिले हैं।
आखिर मौका देख उसने भाभी धापू का भी कुल्हाड़ी से गला काट दिया। इस दौरान धापू की 6 महीने की बेटी मनीषा भी वहीं सो रही थी। धापू को मारने के बाद आरोपी ने अपनी भतीजी की भी हत्या कर दी।
घर के आंगन में जली पड़ीं लाशें। ग्रामीणों ने देखा तो आग को बुझाया। सभी के शव एक के ऊपर एक पड़े थे।
घर में बने चूल्हे पर तेल गर्म किया, चूल्हे में भतीजी को डाला
पप्पूराम पर जमीन विवाद और भाई की मौत का पागलपन ऐसा सवार था कि उसे अंदाजा भी नहीं था कि वह कर क्या रहा है। अपने चाचा के पूरे परिवार को मौत के घाट उतारने के बाद आग के हवाले कर दिया।
पूनाराम के घर के आंगन में चूल्हा है। इस चूल्हे पर उसने खाद्य तेल को गर्म किया। इसके बाद अपने चाचा और चाची को घसीटते हुए आंगन में चूल्हे के पास लाया।
फिर दोबारा कमरे में गया, जहां उसकी भाभी का शव पड़ा था। उसे भी घसीटता हुआ वह चौक में लाया। इसके बाद पहले भाभी के शव को चौक में रखा, इसके बाद अपनी चाची और फिर अपने चाचा के शव को एक के ऊपर एक रखा।
इन तीनों पर गर्म तेल डाला और इसके बाद आरोपी अपनी 6 महीने की भतीजी को कमरे से लाया और चूल्हे की जलती हुई आग में फेंक दिया। तीनों को आग लगा दी और वहां से फरार हो गया।
बेटी का जला हुआ चेहरा देख पिता रेवताराम भी बेसुध हो गया। बताया वह मंगलवार को ही फैक्ट्री पर गया था। पता नहीं था कि उसके जाने के बाद इतना बड़ा हादसा हो जाएगा।
बेटी का चेहरा देख पिता हुआ बेहोश, बोला- कल ही उसके साथ खेल रहा था
रेवताराम को जब इस हत्याकांड की खबर मिली तो वह मौके पर पहुंचा। लेकिन, यहां उसने जो मंजर देखा वो सहन नहीं कर पाया। परिवार को इस हालत में देख वह जोर-जोर से रोने लगा और बेहोश हो गया।
वहां मौजूद लोगों ने उसे संभाला। जब होश आया तो वह बार-बार घर के आंगन में जाने की कोशिश कर रहा था। अपने हाथ को फैलाते हुए बेटी को पास आने का इशारा कर रहा था। लेकिन, आस-पास मौजूद ग्रामीण उसे बार-बार संभाल रहे थे।
रेवताराम का पूरा घर जलकर खाक हो गया। घर की दीवारें तक काली पड़ गई।
रेवताराम चीख-चीख कर यही कह रहा था- मेरा परिवार अब खत्म हो गया है। उसका गला इतना भर आया कि वह बोल भी नहीं पा रहा था।
बोला- मंगलवार की सुबह ही घर से निकला था। बेटी के साथ खूब खेला और कहकर गया था कि इस शनिवार या रविवार को दोबारा लौटूंगा। लेकिन, पता नहीं था कि वह आखिरी मुलाकात होगी।
6 महीने की मासूम इतनी बुरी तरह से जल गई कि उसका पूरा शरीर काला पड़ गया। उसका चेहरा भी पहचान में नहीं आ रहा है।
रेवताराम मंगलवार को ही काम पर गया था। सुबह परिवार को देख वह बेसुध हो गया।
अब घर में केवल चीख-पुकार, आग की लपटों से दीवारें काली
पूनाराम के घर के पास ही गांव के खींयाराम का खेत है। खींयाराम ने बताया कि वह सुबह करीब साढ़े पांच बजे अपने खेत पर जा रहा था। कुछ दूरी से पूनाराम की झोपड़ी में आग लगती हुई दिखाई दी।
मैं दौड़ा-दौड़ा वहां पहुंचा तो एक के ऊपर एक तीन शव पड़े थे और आग लगी थी। पूरे घर में आग फैल चुकी थी। मैं चिल्लाते हुए आस-पास के घरों में गया और लोगों को बुलाया।
गांव से ही टैंकर लेकर आए। आग बुझी तो अंदर गए। चूल्हे में मनीषा का शव था। सभी के शवों को अलग-अलग किया और पुलिस को कॉल किया।
अब घर के हालात ये हैं कि आग से दीवारें काली हो चुकी हैं। पूरा घर तहस-नहस हो चुका है। जिस घर में मनीषा की हंसी गूंजा करती थी, वहां अब मातम पसरा है। गांव में चूल्हा नहीं जला। पप्पूराम को देख हर कोई यही कह रहा है कि कैसे एक भतीजा अपने चाचा के परिवार को मार सकता है।
इस हत्याकांड के पीछे एक वजह जमीन विवाद भी बताया जा रहा है। हालांकि पुलिस सभी पहलुओं पर जांच कर रही है।
और, एक विवाद जमीन का भी
रेंज आईजी जयनारायण शेर ने बताया- इन भाइयों के बीच जमीन को लेकर भी विवाद था। पूनाराम के घर के पीछे ही भेराराम का घर है। एक भाई मेहराराम मानसिक रोगी है, जो पूनाराम के घर के पास बनी झोपड़ी में रहता है।
ग्रामीणों ने बताया कि दोनों भाई जहां रहते हैं उसके आस-पास 12 किलोमीटर में फैली जमीन इन्हीं की है। पूनाराम अपने मानसिक रोगी भाई मेहराराम की देखभाल करता था।
इधर, भेराराम को ये लगने लगा था कि कहीं वह उसके हिस्से की जमीन भी न रख ले। उन्होंने बताया कि साल भर पहले भी इस जमीन को लेकर विवाद हुआ था, लेकिन बाद में दोनों परिवार के बीच समझौता हो गया था।
हत्या के बाद आराम से घर गया, गांव वालों ने देखा तो पता चला
हत्या के बाद आरोपी पप्पूराम अपने घर चला गया था। वहां परिवार के साथ इस तरह से शामिल था कि किसी को अंदाजा भी नहीं लगा कि वह किसी की हत्या कर आया है।
सुबह 5 बजे जब ग्रामीणों ने पूनाराम के घर के बारह धुआं देखा तो वे उसके मकान के पास पहुंचे। यहां घर में झांकने पर पता चला कि चारों को किसी ने जला दिया।
हत्या के बाद आरोपी ने खेत में ही कुल्हाड़ी छुपा दी थी। पुलिस अधिकारियों ने जब ग्रामीणों से परिवार के बारे में जानकारी जुटाई तो जमीन विवाद और परिवार में मौत की कहानी सामने आई।
इस पर टीम भेराराम के यहां पहुंची। पप्पूराम के हाथ पर खरोंच के निशान थे। पुलिस को शक हुआ और उसे डिटेन कर पूछताछ की तो उसने पूरी कहानी बता दी।
पारिवारिक विवाद का शक गहराया
ग्रामीण एसपी धर्मेंद सिंह यादव ने बताया- मृतक पूनाराम के भतीजे तेजाराम ने सूरत में सुसाइड किया था। इधर, पूनाराम के भाई भेराराम को ये लगता था कि उसके बेटे को पूनाराम ने मरवाया है।
इस बात को लेकर कई बार दोनों भाइयों के बीच विवाद भी हुआ। हालांकि इस हत्याकांड में कौन-कौन शामिल हैं, इसकी जांच की जा रही है। आरोपी से पूछताछ की तो उसने सारी घटना बता दी।
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