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बीकानेरी कलाकारों ने भारतीय सेना से बीकानेर की सांस्कृतिक विरासत सूरसागर को बचाने की पहल में मदद की लगाई गुहार

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बीकानेरी कलाकारों ने भारतीय सेना से बीकानेर की सांस्कृतिक विरासत सूरसागर को बचाने की पहल में मदद की लगाई गुहार

Bikaner artists appealed to the IA for help in the initiative to save Bkn cultural heritage Sursagar

बीकानेर। बीकानेर के कलाकारों ने शहर की सांस्कृतिक धरोहर को संरक्षित करने के उद्देश्य से एक अनूठे आर्ट शो का आयोजन किया। यह आयोजन सूरसागर पर हुआ, जिसमें शहर के प्रसिद्ध चित्रकारों, संगीतकारों और कला प्रेमियों ने भाग लिया। उनकी कला कृतियों ने बीकानेर की धरोहरों के संरक्षण का संदेश दिया, जिसमें सूरसागर, सहित विभिन्न ऐतिहासिक स्थल शामिल हैं।
चित्रकार डॉ. मोना सरदार डूडी ने कहा कि यह आयोजन बीकानेर की सांस्कृतिक धरोहर सूरसागर की बदहाली को देखते हुए किया गया। उन्होंने भारतीय सेना से भी अनुरोध किया कि वह इस विरासत को संरक्षित करने में मदद करें। डूडी ने कहा कि बीकानेर जैसे अंतरराष्ट्रीय उत्सवों के शहर में सूरसागर का संरक्षण अत्यंत आवश्यक है। उन्होंने कहा कि भारतीय सेना बीकानेर की सांस्कृतिक धरोहरों की संरक्षण में महत्वपूर्ण भूमिका निभा सकती है यहां के जिला प्रशासन द्वारा सहयोग न मिलने से उपेक्षित कलाकारों की मांग है कि भारतीय सेना का सहयोग बीकानेर के विकास में महत्ती भूमिका का निर्वहन कर सकता है।
चित्रकार राम भादानी ने भी इस पहल का समर्थन करते हुए कहा कि बीकानेर, जो अपनी ‘हजार हवेलियों’ के लिए प्रसिद्ध है, को अपनी सांस्कृतिक विरासत के संरक्षण के लिए विशेष कदम उठाने की आवश्यकता है। भादानी ने कहा, “सूरसागर को बचाने के लिए सामूहिक प्रयासों की जरूरत है। यह हमारे इतिहास और संस्कृति का एक महत्वपूर्ण हिस्सा है।”
इस आयोजन में बीकानेर के विभिन्न कलाकारों ने अपनी कृतियों के माध्यम से सूरसागर की वर्तमान स्थिति को दर्शाया और जनता को इसके संरक्षण के लिए जागरूक किया। शो में विभिन्न माध्यमों से बनाई गई कला कृतियों ने दर्शकों को आकर्षित किया और इस मुद्दे पर सोचने के लिए प्रेरित किया।
आर्ट शो में आए दर्शकों ने भी इस पहल की सराहना की। शो के बाद, कलाकारों ने सूरसागर के संरक्षण के लिए विभिन्न सरकारी और गैर-सरकारी संगठनों से समर्थन मांगने का निर्णय लिया तथा मांग की कि इस सांस्कृतिक स्थल को संरक्षित कर इसे एक प्रमुख पर्यटन स्थल के रूप में विकसित किया जाए।
बीकानेर की सांस्कृतिक धरोहर को बचाने की यह पहल न केवल एक आर्ट शो तक सीमित है, बल्कि इसे एक व्यापक आंदोलन में बदलने का लक्ष्य है। कलाकारों का मानना है कि इस दिशा में सही कदम उठाकर बीकानेर को उसकी पुरानी गरिमा लौटाई जा सकती है।

बीकानेर के कलाकारों की यह पहल शहर की सांस्कृतिक विरासत को बचाने की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम है। यह न केवल सूरसागर को संरक्षित करने में मदद करेगी, बल्कि आने वाली पीढ़ियों को भी अपनी संस्कृति और इतिहास के प्रति जागरूक बनाएगी।
इस अनोखे आर्ट शो ने बीकानेर की सांस्कृतिक धरोहर को बचाने के अभियान में एक नई उम्मीद जगाई है।

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