निर्वाण विश्वविद्यालय जयपुर में “स्वच्छता ही सेवा” अभियान के तहत स्वच्छता रैली और श्रमदान कार्यक्रम का आयोजन
जयपुर: गांधी जयंती के अवसर पर निर्वाण विश्वविद्यालय जयपुर के एनएसएस यूनिट ने “स्वच्छता ही सेवा” अभियान के तहत कई महत्वपूर्ण गतिविधियों का आयोजन किया। इस विशेष अवसर पर जागरूकता कार्यक्रम, स्वच्छता रैली और श्रमदान कार्यक्रम आयोजित किया गया, जिसमें विश्वविद्यालय के एनएसएस स्वयंसेवकों, संकाय सदस्यों और विद्यार्थियों ने सक्रिय रूप से भाग लिया।
कार्यक्रम का उद्देश्य स्वच्छता के प्रति जागरूकता फैलाना और “स्वच्छ भारत” के सपने को साकार करना था। एनएसएस यूनिट के सदस्यों ने गोद लिए गए गांवों में जागरूकता रैली का आयोजन किया, जहाँ विद्यार्थियों ने घर-घर जाकर स्थानीय लोगों को स्वच्छता के महत्व के बारे में बताया। इस रैली ने समुदाय में स्वच्छता के प्रति जागरूकता बढ़ाने का महत्वपूर्ण कार्य किया।
कार्यक्रम के दौरान पीएचसी जटवाड़ा में श्रमदान किया गया, जहाँ प्रतिभागियों ने सफाई अभियान में भाग लिया। स्वयंसेवकों ने न केवल परिसर की सफाई की, बल्कि स्थानीय समुदाय को भी स्वच्छता के महत्व के बारे में बताया। इसके साथ ही, उन्होंने विश्वविद्यालय परिसर में भी श्रमदान किया, जिससे छात्रों में स्वच्छता के प्रति जिम्मेदारी की भावना जागृत हुई।
इस अवसर पर विश्वविद्यालय के चेयरमैन डॉ. एस. एल. सिहाग ने स्वच्छता अभियान की सराहना करते हुए कहा कि महात्मा गांधी के स्वच्छता और सेवा के विचार आज भी उतने ही प्रासंगिक हैं। उन्होंने कहा, “गांधीजी का मानना था कि स्वच्छता से ही एक विकसित और समृद्ध समाज का निर्माण संभव है। उनके इसी विचार को आत्मसात करते हुए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी द्वारा शुरू किया गया स्वच्छता अभियान एक महान पहल है।”
वाइस चेयरमैन डॉ. आर. के. अरोड़ा ने कहा, “‘स्वच्छता ही सेवा’ अभियान न केवल स्वच्छता का संदेश फैलाने का प्रयास है, बल्कि यह समाज में जिम्मेदारी, सेवा भावना और एकजुटता को बढ़ावा देने का एक सशक्त माध्यम भी है।” उन्होंने आगे कहा कि यह अभियान हमें एक स्वच्छ, स्वस्थ और समृद्ध राष्ट्र के निर्माण की दिशा में प्रेरित करता है, जहाँ हर नागरिक का योगदान महत्वपूर्ण है।
कुलपति प्रो. एस. एल. गोदारा ने विद्यार्थियों और शिक्षकों के सक्रिय योगदान की प्रशंसा करते हुए कहा, “युवा पीढ़ी का यह समर्पण भविष्य में एक स्वच्छ और सतत समाज की नींव रखेगा।” उन्होंने उपस्थित सभी लोगों से पर्यावरण संरक्षण के प्रति जागरूक रहने और स्वच्छता के प्रति अपने दायित्वों को निभाने की अपील की।
कार्यक्रम का समापन महात्मा गांधी के विचारों को समर्पित करते हुए एक स्वच्छ और हरित पर्यावरण की दिशा में निरंतर प्रयास करने के संकल्प के साथ हुआ। उपस्थित सभी लोगों ने इस संकल्प को साझा किया और अपने-अपने दायित्वों को निभाने का वचन दिया।
यह आयोजन न केवल स्वच्छता के प्रति जागरूकता फैलाने में सहायक रहा, बल्कि इसने विश्वविद्यालय के विद्यार्थियों में सामाजिक जिम्मेदारी और सेवा भावना को भी प्रेरित किया, जो भविष्य में एक स्वच्छ और स्वस्थ भारत के निर्माण में महत्वपूर्ण भूमिका निभाएगा।
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