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बीएसएफ की महत्वपूर्ण पहल: सीमावर्ती क्षेत्र के आनंदगढ़ गांव में नशामुक्ति और सोशल मीडिया जागरूकता कार्यक्रम का आयोजन

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बीएसएफ की महत्वपूर्ण पहल: सीमावर्ती क्षेत्र के आनंदगढ़ गांव में नशामुक्ति और सोशल मीडिया जागरूकता कार्यक्रम का आयोजन

बीकानेर। बीकानेर के सीमावर्ती क्षेत्रों में रहने वाले लोगों के बीच नशामुक्ति और सोशल मीडिया के सुरक्षित उपयोग को लेकर जागरूकता फैलाने के उद्देश्य से सीमा सुरक्षा बल (BSF) ने एक सराहनीय पहल की है। इस पहल के अंतर्गत बीएसएफ ने आनंदगढ़ गांव के राजकीय उच्च माध्यमिक विद्यालय में एक जागरूकता कार्यक्रम का आयोजन किया। इस कार्यक्रम में स्कूल के बच्चों और ग्रामवासियों को नशे के दुष्प्रभावों और सोशल मीडिया के सही इस्तेमाल के बारे में जानकारी दी गई।

कार्यक्रम की अध्यक्षता बीएसएफ के उपसमादेष्टा इंटेलिजेंस ब्रांच के अधिकारी श्री महेश चंद जाट ने की। उन्होंने उपस्थित लोगों को संबोधित करते हुए कहा कि नशा एक ऐसी बुराई है जो न केवल व्यक्ति और उसके परिवार को बल्कि पूरे समाज और देश को भी हानि पहुंचाता है। उन्होंने बताया कि वर्तमान समय में नशा हमारे देश के लिए एक गंभीर समस्या बन चुका है, खासकर युवा पीढ़ी के बीच इसका प्रचलन बढ़ता जा रहा है। उन्होंने कहा, “युवा पीढ़ी हमारे देश का भविष्य है, लेकिन नशे की लत के कारण यह पीढ़ी अपने जीवन और देश के भविष्य को खतरे में डाल रही है।”

श्री महेश चंद जाट ने उपस्थित लोगों को नशे से बचने के उपायों के बारे में विस्तार से बताया और कहा कि नशे की लत से बचने के लिए सबसे महत्वपूर्ण है जागरूकता और दृढ़ इच्छाशक्ति। उन्होंने बताया कि बीएसएफ का यह प्रयास है कि सीमावर्ती क्षेत्रों के लोग नशे से दूर रहें और एक स्वस्थ और सुरक्षित जीवन जीएं।

इसके साथ ही, श्री जाट ने सोशल मीडिया के सुरक्षित उपयोग पर भी चर्चा की। उन्होंने बच्चों और ग्रामीणों को बताया कि सोशल मीडिया का सही इस्तेमाल कैसे किया जाए और इससे जुड़े खतरों से कैसे बचा जाए। उन्होंने कहा कि आजकल सोशल मीडिया पर फ्रॉड और गलत सूचनाओं का प्रचलन बढ़ता जा रहा है, जिससे लोग कई बार धोखे का शिकार हो जाते हैं। उन्होंने उपस्थित लोगों को सोशल मीडिया पर सतर्क रहने और किसी भी प्रकार की संदिग्ध गतिविधियों से बचने की सलाह दी। इसमें आजकल के बढ़ते साइबर फ्रॉड केसेज जैसे हनी ट्रैपिंग, वीडियो कॉल के माध्यम से फ्रॉड, साइबर फ्रॉड , सोशल मीडिया का सही उपयोग सहित अन्य मामलों पर भी जानकारी दी गई ताकि बॉर्डर क्षेत्र के युवा इस प्रकार के झांसो में ना आए। साथ ही किसी प्रकार के अंतरराष्ट्रीय कॉल्स आने पर ध्यान रखें और कोई भी ऐसी गतिविधि होने पर तुरंत बीएसएफ को इन्फॉर्म करें।
कार्यक्रम में आनंदगढ़ गांव के सरपंच श्री दृष्ट दान ने भी हिस्सा लिया और बीएसएफ की इस पहल की सराहना की। उन्होंने कहा कि सीमा सुरक्षा बल न केवल देश की सीमाओं की सुरक्षा करता है, बल्कि समाज के प्रति अपनी जिम्मेदारियों को भी बखूबी निभा रहा है। उन्होंने इस कार्यक्रम के लिए बीएसएफ का आभार व्यक्त किया और इस प्रकार के जागरूकता कार्यक्रमों को भविष्य में भी जारी रखने का आग्रह किया।

विद्यालय के प्रिंसिपल और अध्यापक भी इस अवसर पर उपस्थित रहे और उन्होंने बीएसएफ के इस सामाजिक योगदान की सराहना की। उन्होंने कहा कि ऐसे कार्यक्रमों से बच्चों और ग्रामीणों को नशे और सोशल मीडिया के खतरों के प्रति जागरूक किया जा सकता है, जो उनके बेहतर भविष्य के लिए आवश्यक है।

गांव के अन्य उपस्थित लोगों ने भी बीएसएफ की इस पहल की प्रशंसा की और इसे एक सकारात्मक कदम बताया। उन्होंने कहा कि इस तरह के कार्यक्रम सीमावर्ती क्षेत्रों के लोगों के लिए बेहद फायदेमंद हैं और इससे समाज में सकारात्मक बदलाव आएगा।

इस कार्यक्रम के माध्यम से बीएसएफ ने यह संदेश दिया कि देश की सीमाओं की सुरक्षा के साथ-साथ समाज के प्रति अपनी जिम्मेदारियों को निभाना भी उनकी प्राथमिकता है। बीएसएफ की इस पहल को देखकर यह कहा जा सकता है कि वह समाज की भलाई के लिए भी प्रतिबद्ध है और आने वाले समय में भी इस प्रकार के जागरूकता कार्यक्रमों के आयोजन के लिए तत्पर रहेगा।

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