भारत-कजाकिस्तान संयुक्त सैन्य अभ्यास काज़िंद 2024 में आतंकवाद विरोधी अभियानों पर विशेष ध्यान
औली, उत्तराखंड – भारत-कजाकिस्तान संयुक्त सैन्य अभ्यास काज़िंद का आठवां संस्करण 30 सितंबर 2024 को शुरू हुआ और वर्तमान में उत्तराखंड के औली स्थित सूर्या फॉरेन ट्रेनिंग नोड में चल रहा है। इस वर्ष का अभ्यास संयुक्त राष्ट्र जनादेश के अध्याय सात के तहत संयुक्त उप पारंपरिक संचालन के विषय पर केंद्रित है, जिसका मुख्य उद्देश्य आतंकवाद विरोधी अभियानों में दोनों देशों की सेनाओं के बीच अंतरसंचालनीयता को बढ़ाना है।
इस अभ्यास में भारतीय बलों का प्रतिनिधित्व 120 कर्मियों की एक टुकड़ी द्वारा किया जा रहा है, जिसमें मुख्य रूप से कुमाऊं रेजिमेंट की एक बटालियन और भारतीय वायु सेना के कर्मी शामिल हैं। इस अभ्यास का उद्देश्य न केवल सामरिक कौशल को बढ़ाना है, बल्कि दोनों देशों के बीच सैन्य सहयोग को भी मजबूत करना है।
योग: शारीरिक और मानसिक स्वास्थ्य का संगम
इस अभ्यास का एक महत्वपूर्ण हिस्सा योग सत्र था, जिसमें दोनों देशों के सैनिकों ने भाग लिया। यह सत्र शारीरिक कल्याण, मानसिक स्वास्थ्य और आध्यात्मिक संतुलन को बढ़ावा देने के लिए आयोजित किया गया था। योग के माध्यम से, सैनिकों ने एक-दूसरे के साथ जुड़ने का अवसर पाया, जो कि उनके बीच भाईचारे और एकता को प्रोत्साहित करता है। यह पहल सैनिकों की मानसिक लचीलापन और स्वास्थ्य में सुधार के लिए महत्वपूर्ण है।
मार्शल आर्ट: नजदीकी मुकाबले की तैयारी
भारतीय सैनिकों ने कजाकिस्तान दल के समक्ष आर्मी मार्शल आर्ट रूटीन का प्रदर्शन किया, जिसमें हाथों-हाथ मुकाबला करने की तकनीकों को प्रदर्शित किया गया। इस प्रशिक्षण से दोनों देशों के सैनिकों को नजदीकी मुकाबले के कौशल में सुधार करने और एक-दूसरे से सीखने का अवसर मिला। यह प्रशिक्षण आतंकवाद विरोधी अभियानों के दौरान अत्यधिक आवश्यक है, जहाँ सैनिकों को त्वरित निर्णय लेने और प्रभावी ढंग से लड़ने की आवश्यकता होती है।
रॉक क्राफ्ट ट्रेनिंग: पहाड़ी इलाकों में संचालन के लिए तैयारी
रॉक क्राफ्ट प्रशिक्षण के दौरान, सैनिकों को ऊबड़-खाबड़ और पहाड़ी क्षेत्रों में कार्य करने के लिए आवश्यक कौशल प्रदान किए गए। यह प्रशिक्षण सैनिकों को कठिन परिस्थितियों में संचालन करने में सक्षम बनाता है, जो कि आतंकवाद विरोधी अभियानों के दौरान बहुत महत्वपूर्ण होता है। दोनों सेनाओं के कर्मियों ने विभिन्न अभ्यास किए, जिससे उनकी क्षमता और आत्मविश्वास में वृद्धि हुई।
विशेष हेलिबॉर्न ऑपरेशंस: त्वरित तैनाती की कला
अभ्यास का एक और महत्वपूर्ण हिस्सा विशेष हेलिबॉर्न ऑपरेशंस था, जिसमें सैनिकों को हेलीकॉप्टरों के माध्यम से दुश्मन के क्षेत्रों में तेजी से तैनात करने का अभ्यास कराया गया। इस प्रशिक्षण ने सैनिकों को कठिन परिस्थितियों में त्वरित और प्रभावी प्रतिक्रिया देने की क्षमता विकसित करने में मदद की, जो किसी भी आतंकवाद विरोधी मिशन के लिए अत्यंत आवश्यक है।
द्विपक्षीय संबंधों को मजबूत करना
काज़िंद अभ्यास केवल सामरिक कौशल को बढ़ाने तक सीमित नहीं है, बल्कि यह भारत और कजाकिस्तान के बीच द्विपक्षीय संबंधों को मजबूत करने का भी एक महत्वपूर्ण मंच है। आतंकवाद और क्षेत्रीय स्थिरता के खिलाफ साझा प्रतिबद्धता को देखते हुए, दोनों देशों ने सहयोग और संयुक्त अभ्यासों के माध्यम से एक मजबूत साझेदारी बनाने का संकल्प लिया है।
जैसे-जैसे यह अभ्यास आगे बढ़ रहा है, इसमें अधिक जटिल सिमुलेशन और संयुक्त अभ्यास शामिल होंगे, जो कि भारत और कजाकिस्तान की सेनाओं के बीच रणनीतिक सहयोग को और मजबूत करेगा। यह संयुक्त प्रयास आतंकवाद से निपटने और क्षेत्र में शांति और स्थिरता को बढ़ावा देने की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम है।
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