जयपुर। भाजपा प्रदेश महामंत्री श्रवण सिंह बागड़ी की पुत्री दिया शेखावत ने राजस्थान विधानसभा में शनिवार को अध्यक्ष वासुदेव देवनानी की पहल पर आयोजित युवा संसद में दल बदल विरोधी कानून पर बहुत शिद्दत से अपनी बात रखी।
महारानी गायत्री देवी स्कूल में अध्यनरत दसवीं कक्षा की छात्रा दिया शेखावत ने कहा कि पार्टी बदलने से नेताओं के सिद्धांत बदल जाते हैं और जनता के सपने पीछे रह जाते हैं। हाल ही में घोषित कर्नाटक विधानसभा उप-चुनाव के नतीजो के साथ ही दल-बदल विरोधी कानून की प्रासंगिकता पर भी प्रश्नचिह्न लग गया है। दिया ने अपनी बात रखते हुए याद दिलाया कि अक्तूबर 1967 में हरियाणा के एक विधायक गया लाल ने 15 दिनों के भीतर 3 बार दल-बदलकर इस मुद्दे को राजनीतिक मुख्यधारा में ला खड़ा किया था।
इसी के साथ जल्द ही दलों को मिले जनादेश का उल्लंघन करने वाले सदस्यों को चुनाव में भाग लेने से रोकने तथा अयोग्य घोषित करने की ज़रूरत महसूस होने लगी और दल बदल विरोधी कानून के अस्तित्व में आने की राह अग्रसर हुई। अंततः वर्ष 1985 में संविधान संशोधन के ज़रिये दल-बदल विरोधी कानून लाया गया। उन्होंने देश के सबसे बड़े राज्य राजस्थान की विधानसभा से दल बदल विरोधी कानून पर जब अपनी बात रखी तो अनेक राजनेता आकलन को मजबूर हो गए।
उल्लेखनीय है कि युवा सांसद में 41 स्कूलों से जुटे 181 विद्यार्थियों ने शिक्षा में सुधार के लिए तीखे सवालों के साथ समाधान के लिए भी सुझाव दिए। जब युवा बोले तब हर सदस्य की आंखों में उम्मीद की चमक और दिल में बदलाव की चाहत साफ दिखी। युवाओं ने मौजूदा शिक्षा तंत्र, कोचिंग व्यवस्था, पेपर लीक और विद्यार्थियों में डिप्रेशन के कारण बढ़ती आत्महत्या की घटनाओं पर निशाना साधने के साथ देश के बड़े मुद्दों पर भी अपनी बात रखी। साथ ही अपने तीखे सवालों से बच्चों ने मौजूदा तंत्र और सत्ताधीश पक्ष एवं विपक्ष को बखूबी आइना दिखाया। किशोर उम्र के विद्यार्थियों ने मुख्यमंत्री, नेता प्रतिपक्ष और विधायक की भूमिका में समूचे तंत्र में बदलाव के तर्क रखे।
प्रश्नकाल में विद्यार्थियों ने विधायकों की तरह ही सवाल पूछे तथा मंत्री की भूमिका निभाने वाले विद्यार्थियों ने जवाब दिए। इसके बाद कोचिंग पर नियामक संस्था बनाने को लेकर प्रस्ताव पर बहस हुई। राजस्थान विधानसभा अध्यक्ष वासुदेव देवनानी की पहल पर इसका आयोजन हुआ। इस दौरान देवनानी, नेता प्रतिपक्ष टीकाराम जूली और विधायक संदीप शर्मा मौजूद रहे।
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