LLB और NEET स्टूडेंट ने चीन के लोगों को ठगा:क्रिप्टो करेंसी में निवेश के नाम पर 3 महीने में 5 करोड़ ठगे; लग्जरी लाइफ जीना चाहते थे
जोधपुर
पुलिस ने गैंग के 6 सदस्यों को गिरफ्तार किया है।
स्कूल-कॉलेज में पढ़ने वाले स्टूडेंट्स ने चीन के लोगों को ठग लिया। चाइनीज बाइनेंस ऐप (चीन में प्रतिबंधित) के जरिए 3 महीने में करीब 5 करोड़ की ठगी की गई। ठग चाइनीज लोगों को डिस्काउंट रेट पर क्रिप्टो करेंसी USDT का झांसा देकर अपना शिकार बनाते थे।
जोधपुर कमिश्नरेट की सरदारपुरा पुलिस ने ऐसे ही 6 स्टूडेंट्स को 29 अगस्त को अरेस्ट किया। ये LLB, होटल मैनेजमेंट, नीट की तैयारी कर रहे थे। स्टूडेंट्स से पूछताछ में कई खुलासे हुए। हालांकि गैंग के दो मास्टरमाइंड है, जो अभी फरार है।
ठगी के लिए ऐप के इस तरह के लिंक का इस्तेमाल करते थे ठग।
सोशल मीडिया से ढूंढे स्टूडेंट्स, बनाई गैंग
एसआई विश्राम मीणा ने बताया- गैंग के मास्टरमाइंड जोधपुर के रहने वाले प्रथम सोनी (25) निवासी चौपासनी और प्रवीण खत्री निवासी बिलाड़ा है। दोनों दोस्त हैं और 3 महीने पहले ठगी के लिए गैंग बनाई थी। दोनों ने चाइनीज बाइनेंस ऐप के जरिए ठगी करने का प्लान बनाया था। यह ऐप चाइना में बैन है, जो क्रिप्टो करेंसी USDT में निवेश करवाता है।
ठगी के लिए मास्टरमाइंड को एक टीम की जरूरत थी। सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म टेलीग्राम के जरिए कोचिंग और स्कूल-कॉलेज के स्टूडेंट्स से दोस्ती करना शुरू किया। कई लड़के ऐशो आराम के लिए कम समय में ज्यादा पैसा कमाने चाहते थे। ऐसे लड़कों को दोनों ने झांसे में लिया। उन्हें रातों रात अमीर बनने के सपने दिखाए और गैंग में शामिल किया।
गैंग में शामिल नीट और होटल मैनेजमेंट स्टूडेंट
1. मोहम्मद आदिल (20) बिलाड़ा (जोधपुर) का रहने वाला है। इसने आईटीआई कर रखा है। जॉब नहीं मिलने पर कपड़े की शॉप पर काम करने लगा। 2. देव बोहरा (18) जैन डाली बाई मंदिर राजीव गांधी नगर का रहने वाला है। वर्तमान में होटल मैनेजमेंट में थर्ड ईयर का स्टूडेंट है। 3.रुद्राक्ष (18) मेघवालों का बास का रहने वाला है। रुद्राक्ष 12वीं क्लास में पढ़ रहा है। 4.आर्यन (19) जाटों का बास पिचियाक का रहने वाला है। जोधपुर में रहकर नीट की तैयारी कर रहा है। 5.मनीष (19) चौकड़ी खुर्द का रहने वाला है। फर्स्ट ईयर का स्टूडेंट है। 6.देव गोयल (21) जोधपुर के बोरानाडा थाना इलाके के सिलावटों का बास का रहने वाला है। वह एलएलबी सेकंड ईयर का स्टूडेंट है।
कैसे करते थे ठगी?
डाटा डार्क वेब के जरिए कस्टमर से करते थे संपर्क
गैंग के मास्टरमाइंड चाइना में रहने वाले क्रिप्टो इन्वेस्टर का डेटा डार्क वेब से खरीदते थे। डार्क वेब साइबर अपराध की दुनिया में चर्चित नाम है। जहां तरह-तरह की ठगी के लिए डेटा चुराया जाता है। डार्क वेब से चाइनीज लोगों के नंबर मिलने के बाद मास्टरमाइंड अपनी गैंग में शामिल स्टूडेंट्स को डिटेल शेयर कर देते थे। फिर उन्हें शिकार बनाने का टास्क दिया जाता था।
गैंग क्रिप्टो करेंसी की ट्रेडिंग के लिए पॉपुलर ऐप बाइनेंस (चाइना में फिलहाल बैन है) से ठगी को अंजाम देते थे। वॉट्सऐप की तरह वहां के मैसेजिंग ऐप से चैट कर चाइनीज लोगों को सस्ती दर पर USDT खरीदने का झांसा देते थे। जब कस्टमर तैयार होता तो उसे क्रिप्टो में निवेश के लिए बाइनेंस का फर्जी लिंक भेजते थे।
एक बार कोई कस्टमर क्रिप्टो करेंसी खरीदने के लिए वॉलेट में पैसे ट्रांसफर करता। ठग उन पैसों को किराए पर खरीदे गए भारतीय बैंकों के खाते में ट्रांसफर कर लेते थे। खाते में रुपए आते ही कस्टमर का नंबर ब्लॉक कर देते थे। जिनसे ठगी करते उनके खाते में किसी तरह की क्रिप्टो करेंसी क्रेडिट नहीं करते थे।
ठगी के पैसे ठिकाने लगाने के लिए बैंक खातों को किराए पर लिया
पुलिस जांच में सामने आया कि गैंग ने ज्यादातर चीन के लोगों को ठगा है। ठगी के पैसे ठिकाने लगाने के लिए गैंग के ठग किराए पर लिए हुए बैंक खातों का इस्तेमाल करते थे। पैसा ट्रांसफर होने के बाद अलग-अलग एटीएम से पैसा निकालकर दोनों मास्टरमाइंड तक पहुंचाते थे। गैंग हर दिन 5 से 7 लाख और कई बार 20 से 25 लाख रुपए तक की ठगी कर पैसा निकलवा लेती थी।
ठगी के बदले मिलता था कमीशन
जांच अधिकारी विश्राम मीणा ने बताया कि आरोपियों ने पिछले 3 महीने में करीब 5 करोड़ की ठगी की है। मास्टरमाइंड 1 लाख रुपए की ठगी पर गैंग के लड़कों को करीब 1 हजार रुपए कमीशन देते थे।
लग्जरी लाइफ जीने के लिए अपनाया शॉर्टकट
गैंग के पकड़े गए सदस्यों ने बताया- वे फिल्मों में दिखाई जाने वाली लग्जरी लाइफ जीना चाहते हैं। ऐसे में जल्द अमीर बनने का शॉर्टकट अपनाया। ठगों से अलग-अलग बैंकों के 13 एटीएम कार्ड, आठ बैंक की पासबुक, पैन कार्ड और आधार कार्ड भी बरामद किया था।
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