नई दिल्ली/बीकानेर।
राष्ट्रपति श्रीमती द्रौपदी मुर्मू ने 76वें गणतंत्र दिवस के अवसर पर सशस्त्र बलों और केंद्रीय सशस्त्र पुलिस बलों के कर्मियों को विभिन्न वीरता पुरस्कार और रक्षा अलंकरण प्रदान करने की स्वीकृति दी है। इन पुरस्कारों में दो कीर्ति चक्र (एक मरणोपरांत), 14 शौर्य चक्र (तीन मरणोपरांत), एक सेना पदक (वीरता) के लिए बार, सात मरणोपरांत सहित 66 सेना पदक, दो नौसेना पदक (वीरता), और आठ वायु सेना पदक (वीरता) शामिल हैं। इसके अतिरिक्त, राष्ट्रपति ने सशस्त्र बलों और अन्य कर्मियों को 305 रक्षा अलंकरणों की भी मंजूरी दी है।
इनमें 30 परम विशिष्ट सेवा पदक, पांच उत्तम युद्ध सेवा पदक, 57 अति विशिष्ट सेवा पदक, 10 युद्ध सेवा पदक, 15 वायु सेना पदक (कर्तव्य के प्रति समर्पण), चार बार विशिष्ट सेवा पदक और 132 विशिष्ट सेवा पदक शामिल हैं।
बीकानेर के लिए यह गर्व का क्षण है कि रणबांकुरा डिवीजन बीकानेर मिलिट्री स्टेशन के जीओसी (जनरल ऑफिसर कमांडिंग) मेजर जनरल ए के पुंडीर को विशिष्ट सेवा मेडल से सम्मानित किया गया है। यह पुरस्कार उन्हें भारतीय सेना और देश की सेवा में उनकी असाधारण प्रतिबद्धता और उत्कृष्ट योगदान के लिए प्रदान किया गया है।
मेजर जनरल ए के पुंडीर का शानदार करियर
मेजर जनरल ए के पुंडीर वर्तमान में रणबांकुरा डिवीजन बीकानेर मिलिट्री स्टेशन के जीओसी पद पर कार्यरत हैं। उनका सैन्य करियर भारतीय सेना के लिए गौरव का विषय रहा है। वे राष्ट्रीय रक्षा महाविद्यालय (एनडीसी), नई दिल्ली के 63वें कोर्स में कॉलेज सचिव के रूप में भी कार्य कर चुके हैं।
इस प्रतिष्ठित पद पर रहते हुए मेजर जनरल पुंडीर ने भारतीय सशस्त्र बलों का विभिन्न स्तरों पर प्रतिनिधित्व किया। उन्होंने भारतीय सेना, भारतीय पुलिस सेवा (आईपीएस), और श्रीलंका, म्यांमार, इंडोनेशिया और नाइजीरिया जैसे देशों के सैन्य अधिकारियों के साथ गहन संवाद और सहभागिता की। उनके नेतृत्व में बीकानेर क्षेत्र में रक्षा और सुरक्षा के क्षेत्र में कई उत्कृष्ट कार्य हुए हैं।
राष्ट्रीय रक्षा महाविद्यालय में योगदान
राष्ट्रीय रक्षा महाविद्यालय (एनडीसी) भारत सरकार के रक्षा मंत्रालय के अधीन एक प्रतिष्ठित और विश्व प्रसिद्ध अंतर्राष्ट्रीय प्रशिक्षण संस्थान है। यह संस्थान राष्ट्रीय सुरक्षा, रक्षा अध्ययन, और रणनीतिक मामलों में गहन प्रशिक्षण प्रदान करता है। मेजर जनरल पुंडीर का एनडीसी में योगदान उल्लेखनीय रहा है।
एनडीसी के 63वें कोर्स के दौरान, उन्होंने राष्ट्रीय और अंतर्राष्ट्रीय स्तर पर वरिष्ठ सैन्य अधिकारियों के साथ रणनीतिक और सुरक्षा संबंधित विषयों पर संवाद किया। उनकी विशेषज्ञता और नेतृत्व क्षमता ने उन्हें न केवल भारतीय सेना में बल्कि अंतर्राष्ट्रीय सैन्य समुदाय में भी विशेष स्थान दिलाया।
बीकानेर के लिए गौरव का क्षण
मेजर जनरल ए के पुंडीर का विशिष्ट सेवा मेडल से सम्मानित होना बीकानेर के लिए गर्व का विषय है। यह पुरस्कार न केवल उनके योगदान को मान्यता देता है, बल्कि बीकानेर के सैन्य इतिहास में एक सुनहरा अध्याय भी जोड़ता है। उनकी सेवाएं क्षेत्र की सुरक्षा और स्थिरता के लिए प्रेरणा का स्रोत हैं।
सेना के प्रति उनकी प्रतिबद्धता
मेजर जनरल पुंडीर का पूरा करियर भारतीय सेना के प्रति समर्पित रहा है। उनके नेतृत्व में रणबांकुरा डिवीजन बीकानेर मिलिट्री स्टेशन ने रक्षा और आपदा प्रबंधन के क्षेत्र में कई महत्वपूर्ण उपलब्धियां हासिल की हैं। उनका कार्यक्षेत्र न केवल सीमावर्ती इलाकों की सुरक्षा को मजबूत करता है, बल्कि राष्ट्रीय और अंतर्राष्ट्रीय स्तर पर भारत की रक्षा क्षमताओं को भी उभारता है।
अंतर्राष्ट्रीय सहयोग में भूमिका
मेजर जनरल पुंडीर की एक और बड़ी उपलब्धि यह है कि उन्होंने भारत और विदेशी देशों के सैन्य अधिकारियों के बीच संवाद को बढ़ावा दिया है। यह उनके नेतृत्व और रणनीतिक सोच का ही परिणाम है कि भारतीय सेना अंतर्राष्ट्रीय मंच पर अपनी ताकत और प्रभाव को बेहतर तरीके से प्रस्तुत कर पाई है।
निष्कर्ष
मेजर जनरल ए के पुंडीर का विशिष्ट सेवा मेडल से सम्मानित होना उनकी असाधारण उपलब्धियों और भारतीय सेना के प्रति उनके समर्पण का प्रतीक है। यह न केवल उनके लिए, बल्कि बीकानेर और पूरे देश के लिए गर्व का क्षण है। उनकी उपलब्धियां आने वाली पीढ़ियों के लिए प्रेरणा का स्रोत बनी रहेंगी।