खेजड़ी के पेड़ों को बचाने के लिए आंदोलन:26 को बीकानेर बंद की घोषणा, सोलर प्लांट के लिए काटे जा रहे पेड़
बीकानेर
आंदोलन के दौरान नवम्बर महीने में आंदोलनकारियों को अनशन से उठाकर अस्पताल में भर्ती कराना पड़ाा था। (फाइल फोटो)
बीकानेर जिले में सोलर प्लांट स्थापित करने के लिए काटी जा रही खेजड़ी के पेड़ों को बचाने के लिए आंदोलन एक बार फिर जोर पकड़ता जा रहा है। आंदोलनकारियों ने गुरुवार को बीकानेर बंद का आह्वान किया है। मुख्यमंत्री भजनलाल शर्मा से नागौर में मुलाकात के बाद सोलर कंपनियों पर कार्रवाई का आश्वासन मिला था लेकिन अब तक इस दिशा में कोई कार्रवाई नहीं होने के कारण अब फिर से आंदोलन शुरू किया गया है। गुरुवार को बीकानेर बंद के बाद आगे भी आंदोलन जारी रहेगा।
बीकानेर में गुरुवार को बंद का आह्वान बिश्नोई महासभा ने किया है। पत्रकारों को सर्किट हाउस में महासभा से जुड़े सुभाष बिश्नोई ने बताया- सोलर कंपनियों की ओर से लगातार खेजड़ी काटी जा रही है। इसको लेकर विश्नोई समाज और सर्वसमाज में नाराजगी हे। इतना ही नहीं बीकानेर कलेक्ट्रेट के सामने करीब दो महीने तक धरना दिया गया, जिसके बाद 9 नवम्बर को नागौर आगमन पर मुख्यमंत्री भजनलाल शर्मा ने समाज के संतों के समक्ष आश्वस्त किया कि इसको लेकर कानून बनाया जाएगा।
खेजड़ी को काटने वालों के खिलाफ कार्रवाई की मांग
सोलर कंपनियों को पाबंद किया जाएगा लेकिन प्रदेश के मुखिया भी हमारी मांग की ओर ध्यान नहीं दे रहे है, जिसके परिणााम स्वरूप फिर 21 दिसम्बर की रात को जयमलसर के नोखा दैया गांव में 172 खेजड़ी काट दी गई। इस कृत्य को करने वालों के खिलाफ न तो नाल थाने में एफआईआर दर्ज की गई और न ही खेजड़ी को काटने वालों की गिरफ्तारी हुई। ऐसे में अगर 26 दिसम्बर तक 172 खेजड़ी को काटने वालों के खिलाफ ठोस कार्रवाई नहीं की गई तो बीकानेर बंद किया जाएगा।
पूर्व पार्षद मनोज विश्नोई ने कहा- बीकानेर बंद के बाद 30 दिसंबर को अमावस्या के दिन मुकाम में महासभा,पर्यावरण बचाने में लगी संस्थाओं के पदाधिकारियों की बैठक होगी, जिसमें आर-पार की लड़ाई पर मंथन किया जाएगा। इस अवसर पर मोखराम धारणियां, रामगोपाल विश्नोई रिछपाल फौजी, कृष्णा गोदारा, बुधराम, सज्जन बेनीवाल, श्याम खीचड़, हनुमान बेनीवाल, विजयपाल, आदि मौजूद रहे।
रासीसर में भी महापड़ाव की तैयारी
रासीसर में भी महापड़ाव की तैयारी पर मंथन किया जा रहा है। रामगोपाल विश्नोई ने बताया कि सीएम के आश्वासन के बाद रासीसर महापड़ाव स्थगित कर उपचुनावों में भाजपा को सपोर्ट किया। लेकिन सीएम व भाजपा ने विश्नोई समाज के साथ धोखा किया है। जिसके चलते तीस तारीख की बैठक के बाद गांव गांव इस अभियान को चलाकर एक बार फिर रासीसर में महापड़ाव डाला जाएगा।
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