सेना के कमांडो को पुलिस ने निर्वस्त्र कर पीटा:अपराधियों के बीच बैठाकर बोले- पुलिस सेना की बाप है; मंत्री राठौड़ ने थाने पहुंचकर एसीपी को फटकारा
जयपुर
सैनिक कल्याण मंत्री राज्यवर्धन सिंह राठौड़ थाने में एसीपी पर आगबबूला हो गए।
सेना के कमांडो सीमा पर भले ही दुश्मनों के छक्के छुड़ाते हैं, लेकिन अपने घर में पुलिस से हार जाते हैं। जयपुर में एक ऐसा ही मामला सामने आया है। शहर के शिप्रा पथ थाने में पुलिस ने सेना के एक कमांडो को न सिर्फ निर्वस्त्र कर डंडों से पीटा, बल्कि अपराधियों के बीच बैठाकर पुलिसकर्मियों ने कहा- पुलिस भारतीय सेना की बाप है। इसकी शिकायत कमांडो ने जब सैनिक कल्याण मंत्री राज्यवर्धन राठौड़ से की तो वे सोमवार को थाने पहुंचे और एसीपी संजय शर्मा को जमकर फटकार लगाई। राठौड़ ने खुद यह घटनाक्रम मीडिया को बताया।
दरअसल, 11 अगस्त को सेना के कमांडो अरविंद अपने परिचित जवान के केस के सिलसिले में जानकारी लेने थाने गए थे। थाने में पुलिसवालों ने ठीक से व्यवहार नहीं किया। उन्होंने खुद के सेना में होने का परिचय दिया। आरोप है कि एसआई और पुलिसकर्मियों ने कमांडो को गालियां देते हुए पीटना शुरू कर दिया। हवालात में डालकर कपड़े उतारकर पीटा।
कमांडो को जमकर जलील किया गया। कमांडो अभी बारामूला जम्मू कश्मीर में तैनात हैं। पीड़ित ने इसकी शिकायत सैनिक कल्याण मंत्री राज्यवर्धन सिंह राठौड़ से की। सेना के कमांडो से मारपीट पर मंत्री इतने नाराज हुए कि थाने पहुंच गए।
थाने पहुंचकर अफसरों को फटकारा
मंत्री राठौड़ ने थाने पहुंचकर पुलिसवालों से कमांडो के साथ मारपीट करने पर सवाल-जवाब किए। इस दौरान पुलिस के कई वरिष्ठ अफसर भी पहुंच गए। राज्यवर्धन ने मोबाइल में पीड़ित के साथ मारपीट के सबूत दिखाए। इस पर एसीपी संजय शर्मा ने तर्क दिया कि कमांडो ने पुलिसकर्मियों को गाली दी। मुझे भी गाली दी है।
एसीपी से बोले- यहां नहीं खड़े रहना चाहते तो अपने दफ्तर जाइए
नाराज मंत्री राठौड़ ने एसीपी संजय शर्मा के बीच में बोलने पर नाराजगी जाहिर करते हुए फटकार लगाई। राज्यवर्धन ने कहा- संजय जी, जब मैं बात कर रहा हूं तो आप क्यों बोल रहे हैं?
आपको तो बेसिक प्रोटोकॉल ही नहीं पता, मैं बात कर रहा हूं न। आप वहां किससे बात कर रहे हैं? उसे छोड़िए गाली तो बहुत छोटी चीज हो गई। ये तो मुझसे ही लड़ना चाहते हैं।
मैं यहां धैर्य से सब सुन रहा हूं, लेकिन संजय शर्मा कंटेस्ट करना चाहते हैं। जब आपसे बात की जाए तो जवाब दीजिए, नहीं तो सावधान में खड़ा रहिए। यहां नहीं खड़े रहना चाहते तो अपने दफ्तर जाइए।
सभी पुलिस अधिकारी खड़े होकर मंत्री को सुनते रहे।
मंत्री बोले- मैंने आपको धैर्य से कॉल किया, मुझसे ही लड़ रहे
राज्यवर्धन ने कहा- आपने बेसिक मैनर्स नहीं सीखे। पुलिस के अंदर वर्दी है तो अलग रोब हो गया है। कोई धैर्य ,कोई पेशेंस, कुछ है? कोई जनता की सेवा मन में है या दादागिरी है? आप ऐसे लोगों को सामने क्यों रखते हो? मैंने आपको धैर्य से कॉल किया। वो तो मुझसे ही लड़ रहे हैं। उसको गाली दी या नहीं, भाड़ में जाए। आपने सेना में कमांडो को निर्वस्त्र करके डंडे मारे या नहीं मारे?
हम सेना में थे तो लोग हमें भी खूब गाली देते थे
मंत्री राज्यवर्धन ने पुलिस अफसरों से कहा- जिसके पास ताकत होती है, उसको धैर्य की बहुत जरूरत है। धैर्य होना चाहिए। जब हम सेवा में थे। हमारे को लोग गाली गलौज नहीं करते थे क्या? हमसे भी बहुत गाली गलौज करते थे, लेकिन ध्यान नहीं देते थे। फर्क नहीं पड़ता। जिसको बोलना है, बोलने दें। हम अपना काम करते थे। आप अपना काम करते रहिए। आपको दिखाने की क्या जरूरत पड़ गई कि कौन ज्यादा ताकतवर है?
राज्यवर्धन बोले- दुख की बात, यह घिनौनी मानसिकता दिखाता है
शिप्रापथ थाने में मंत्री राठौड़ ने मीडिया से बातचीत में कहा- कश्मीर में तैनात कमांडो जयपुर आता है। उस कमांडो को पकड़कर पुलिस कर्मियों ने निर्वस्त्र करके डंडों से खूब पिटाई की। फिर निर्वस्त्र करके लोगों के बीच में बैठाकर पुलिसकर्मी उसे दोहराते हैं कि पुलिस भारतीय सेना की बाप है।
यह अत्यंत दुख की बात है। यह घिनौनी मानसिकता दिखाता है। मैं वर्दी में रहा हूं। राजस्थान पुलिस पर विश्वास है कि ऐसी घिनौनी मानसिकता वाले पुलिसवालों की जांच और इलाज करवाएं। ऐसे लोग समाज के लिए खतरा है। देश की रक्षा करने वालों को वर्दी की धौंस दिखाना कायरता है।
राठौड़ ने कहा- यह सरकार के जीरो टोलरेंस में आता है। पुलिस को पावर देश के संविधान और सरकार ने दी है। उसके पीछे जिम्मेदारी भी है। मैंने सैनिक की मेडिकल रिपोर्ट देखी है। तस्वीरें देखी हैं। एक भारतीय सैनिक को पांच-पांच पुलिसवाले मिलकर बुरी तरह पीट रहे हैं। उसे बिना कारण मारा गया।
मैंने डीजीपी और पुलिस कमिश्नर से बात की है। कार्रवाई होगी। लेकिन मुझे लगा कि एक सैनिक के साथ इतनी बड़ी घटना हुई है तो मेरा यहां आना जरूरी था, इसलिए यहां आया।
कांग्रेस ने निशाना साधा
शिप्रापथ थाना सीएम भजनलाल शर्मा के निर्वाचन क्षेत्र सांगानेर में आता है। मुख्यमंत्री के निर्वाचन क्षेत्र के थाने में सैनिक कल्याण मंत्री के जाकर पुलिसवालों की क्लास लगाने के मामले के बाद सियासी चर्चा शुरू हो गई है। कांग्रेस ने इस मामले में सरकार पर निशाना साधते हुए तंज कसा है। कांग्रेस ने मुख्यमंत्री के निर्वाचन क्ष्रेत्र के थाने में हुई घटना और सैनिक कल्याण मंत्री के पुलिसवालों को दी जा रही नसीहत को बिगड़ती कानून व्यवस्था से जोड़कर तंज कसा है।
SI बन्ना लाल ने बताया- अधिकारियों के निर्देशानुसार हुक्का-बार पर कार्रवाई की गई थी। मुझे किसी को छोड़ने के आदेश नहीं थे। सिफारिश करने आए व्यक्ति ने रोब जताना शुरू कर दिया था। अभद्रता करने पर उसके खिलाफ भी रोजनामचे में रपट डालकर कार्रवाई की गई। मेरे जाने के बाद किन पुलिसकर्मियों से उसकी कहासुनी-मारपीट हुई, इस बारे में मुझे पता नहीं है।
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