राजकीय उच्च माध्यमिक विद्यालय बड़ोदिया में ‘कलाम को सलाम’ कार्यक्रम आयोजित
बड़ोदिया। राजकीय उच्च माध्यमिक विद्यालय बड़ोदिया में आज पूर्व राष्ट्रपति और ‘मिसाइल मैन’ के नाम से विख्यात डॉ. एपीजे अब्दुल कलाम की जयंती पर कलाम को सलाम कार्यक्रम का आयोजन बड़े ही उत्साह और आदर के साथ किया गया। इस कार्यक्रम के माध्यम से विद्यालय ने डॉ. कलाम को उनकी असाधारण उपलब्धियों और भारत के लिए उनके प्रेरणादायक योगदानों के लिए श्रद्धांजलि अर्पित की।
विद्यालय की वरिष्ठ अध्यापिका रेहाना चिश्ती ने जानकारी देते हुए बताया कि प्रार्थना सभा में आयोजित इस कार्यक्रम में डॉ. अब्दुल कलाम के जीवन और उनके विज्ञान क्षेत्र में किए गए योगदानों पर विस्तृत चर्चा की गई। उन्होंने बताया कि डॉ. कलाम ने भारत को मिसाइल टेक्नोलॉजी के क्षेत्र में न केवल आत्मनिर्भर बनाया, बल्कि विज्ञान को आमजन के करीब लाने का कार्य भी किया। उनकी यह यात्रा और योगदान विद्यार्थियों के लिए प्रेरणास्त्रोत है।
कार्यक्रम में रेहाना चिश्ती ने ब्लैकबोर्ड पर डॉ. कलाम का एक सुंदर और आकर्षक चित्र बनाया। इसके उपरांत छात्रों ने उस चित्र पर पुष्पांजलि अर्पित कर उन्हें सम्मानित किया और उनके आदर्शों पर चलने का प्रण लिया। कार्यक्रम में बच्चों को डॉ. कलाम के विचारों, उनके जीवन के संघर्षों और उनकी उपलब्धियों से अवगत कराया गया। रेहाना चिश्ती ने विद्यार्थियों से कहा कि कलाम साहब जैसे महान व्यक्ति का अनुसरण कर हम भी अपने जीवन में ऊंचाइयों को छू सकते हैं।
इस अवसर पर विद्यालय की प्रधानाचार्य रश्मि मीणा ने विद्यार्थियों को संबोधित करते हुए कहा कि डॉ. कलाम ने शिक्षा और विज्ञान के क्षेत्र में अपने विचारों और सिद्धांतों के माध्यम से युवाओं को प्रेरित किया। उन्होंने विद्यार्थियों से अपील की कि वे विज्ञान के प्रति अपने रुचि बढ़ाएं और राष्ट्र निर्माण में योगदान दें।
कार्यक्रम में इस बात पर भी प्रकाश डाला गया कि आज के दिन को ‘विद्यार्थी दिवस’ और ‘हाथ धुलाई दिवस’ के रूप में भी मनाया जाता है। इस दौरान विद्यार्थियों को हाथ धोने के महत्व को समझाया गया। उन्हें हाथ धोने के पांच चरण क्रियात्मक रूप से समझाए गए, ताकि वे अपने स्वास्थ्य के प्रति जागरूक बन सकें।
कार्यक्रम में विद्यालय के उपप्रधानाचार्य जगदीश मेघवाल, नवप्रभात दुबे, व्याख्याता असलम हुसैन, मुनव्वर आरा, राजेश बैरवा, पल्लवी शर्मा सहित समस्त स्टाफ उपस्थित रहे। सभी ने डॉ. कलाम के आदर्शों और उनके विचारों से प्रेरणा लेते हुए बच्चों को सफल भविष्य की शुभकामनाएँ दीं।
विद्यालय में ‘कलाम को सलाम’ का यह आयोजन विद्यार्थियों को शिक्षा, विज्ञान और राष्ट्र निर्माण के प्रति समर्पण की भावना से ओतप्रोत करने का एक प्रयास था।
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