तेरापंथ महिला मंडल, बीकानेर द्वारा संरक्षणम आंचलिक कार्यशाला का आयोजन 11 नवंबर को
बीकानेर। तेरापंथ महिला मंडल, बीकानेर द्वारा 11 नवंबर 2024 को तुलसी साधना केंद्र में एक विशेष आंचलिक कार्यशाला “संरक्षणम” का आयोजन किया जा रहा है, जिसका उद्देश्य भारतीय संस्कृति, संस्कारों, संबंधों और सौहार्द्र का संरक्षण करना है। इस कार्यशाला का आयोजन तेरापंथ महिला मंडल द्वारा किया जा रहा है, जिसमें बीकानेर एवं इसके आसपास के गंगाशहर, भीनासर, उदासर सहित 11 क्षेत्रों से बहनें सम्मिलित होंगी।
कार्यशाला का उद्देश्य:
तेरापंथ महिला मंडल की वरिष्ठ सदस्य शांता भूरा ने बताया कि इस कार्यशाला का उद्देश्य हमारी संस्कृति और मूल्यवान संस्कारों का संरक्षण करना है। उन्होंने कहा कि “संरक्षणम” केवल एक कार्यशाला नहीं, बल्कि एक मंच है, जो समाज में सकारात्मक बदलाव लाने के लिए सभी को एकजुट करता है। इसमें नारी सशक्तिकरण, सांस्कृतिक विरासत की रक्षा और समाज में सद्भावना बनाए रखने जैसे महत्वपूर्ण मुद्दों पर चर्चा होगी।
कार्यक्रम का प्रारंभ:
इस कार्यशाला की शुरुआत सुबह 9:30 बजे तुलसी साधना केंद्र में होगी, जहां शासन श्री साध्वी मंजू प्रभा जी के सानिध्य में कार्यक्रम का शुभारंभ किया जाएगा। अध्यक्ष दीपिका बोथरा ने जानकारी देते हुए बताया कि इस कार्यक्रम की अध्यक्षता अखिल भारतीय तेरापंथ महिला मंडल की राष्ट्रीय अध्यक्ष सरिता जी डागा करेंगी। इसके अतिरिक्त, मुख्य अतिथि के रूप में संभागीय आयुक्त वंदना जी सिंघवी उपस्थित रहेंगी, जबकि विशेष अतिथि के रूप में बीकानेर की जिला कलेक्टर नम्रता जी वृष्णि और महापौर सुशील जी कंवर की उपस्थिति कार्यशाला को और महत्वपूर्ण बनाएगी।
संस्कृति एवं संबंधों का संरक्षण:
कार्यशाला के विषय “संरक्षणम” के अंतर्गत उन मुद्दों पर चर्चा की जाएगी जो समाज में घटती मानवीयता, संस्कारों की उपेक्षा और पारिवारिक मूल्यों में आई गिरावट को रोकने के प्रयासों से संबंधित हैं। अध्यक्ष दीपिका बोथरा ने कहा, “इस कार्यशाला में महिलाओं को एकजुट होकर समाज में सौहार्द्र और सांस्कृतिक मूल्यों को बढ़ावा देने के तरीकों पर चर्चा की जाएगी।” उन्होंने यह भी कहा कि महिला मंडल का उद्देश्य समाज में महिलाओं की भूमिका को और सशक्त बनाना है, ताकि वे परिवार और समाज में अपनी अहम भूमिका निभा सकें।
विशेष अतिथियों के विचार:
संभागीय आयुक्त वंदना जी सिंघवी ने अपने संदेश में कार्यशाला की प्रशंसा करते हुए कहा कि यह मंच न केवल महिलाओं को सशक्त बनाने का माध्यम बनेगा, बल्कि संस्कृति और संस्कारों के प्रति समाज में जागरूकता भी बढ़ाएगा। वहीं, बीकानेर की जिला कलेक्टर नम्रता जी वृष्णि और महापौर सुशील जी कंवर ने भी इस कार्यशाला को सराहनीय कदम बताया और कहा कि यह पहल समाज में महिलाओं के योगदान को और अधिक मान्यता देने का महत्वपूर्ण कार्य करेगी।
कार्यशाला में विशेष सत्र:
कार्यशाला में विभिन्न सत्रों का आयोजन किया जाएगा, जिसमें प्रेरक वक्तव्य, समूह चर्चा और सांस्कृतिक प्रस्तुतियों के माध्यम से संरक्षणम की अवधारणा को समझाया जाएगा। इसके साथ ही, महिलाओं को नेतृत्व, समाज में उनकी भूमिका और पारिवारिक मूल्य संरक्षण के विषयों पर मार्गदर्शन भी दिया जाएगा।
महिला मंडल की अपील:
तेरापंथ महिला मंडल की सदस्यों ने सभी महिलाओं से इस कार्यशाला में भाग लेने की अपील की है, ताकि एकजुट होकर वे समाज में सकारात्मक बदलाव ला सकें।
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