बहुचर्चित मनीषा ब्लाइंड मर्डर केस की गुत्थी सुलझी: आरोपी गिरफ्तार
बीकानेर। बीकानेर जिले के मुक्ताप्रसाद थाना क्षेत्र में हुए जघन्य हत्याकांड की गुत्थी आखिरकार पुलिस ने सुलझा ली है। घर में घुसकर महिला की हत्या कर उसके शव को जलाने के इस सनसनीखेज मामले में पुलिस ने मुख्य आरोपी गोपाल कुम्हार को गिरफ्तार कर लिया है, जबकि हत्या में सहयोग करने वाली महिला सुमन को पुलिस अभिरक्षा में लिया गया है।
इस हत्याकांड के पीछे आरोपी के अवैध संबंधों का खुलासा न होने देने की मंशा थी। हत्या को अंजाम देने से पहले आरोपी ने कई वेब सीरीज और क्राइम एपिसोड देखकर साजिश को अंजाम दिया।
हत्या और जांच की शुरुआत
मृतका के पति मांगीलाल ने 7 मार्च 2025 को मुक्ताप्रसाद थाना पुलिस को रिपोर्ट दी कि जब वह दोपहर 12:30 बजे घर पहुंचा तो देखा कि उसकी पत्नी मनीषा का शव अधजली अवस्था में पड़ा हुआ था। घर का पिछला दरवाजा खुला हुआ था। किसी अज्ञात व्यक्ति ने घर में घुसकर उसकी पत्नी की निर्मम हत्या कर शव को जलाने की कोशिश की थी।
इस सूचना के बाद पुलिस अधीक्षक कावेन्द्रसिंह सागर ने इस मामले की गंभीरता को देखते हुए तुरंत एक विशेष जांच टीम (SIT) का गठन किया और अलग-अलग टीमों को जांच में लगाया।
जांच के दौरान पुलिस की कार्यवाही
बीकानेर रेंज के महानिरीक्षक पुलिस ओमप्रकाश पासवान के निर्देशन में पुलिस अधीक्षक कावेन्द्रसिंह सागर और अतिरिक्त पुलिस अधीक्षक सौरभ तिवाड़ी ने घटनास्थल का निरीक्षण किया। एफएसएल टीम और श्वान दल को मौके पर बुलाकर तकनीकी साक्ष्य जुटाए गए।
मामले की गंभीरता को देखते हुए अतिरिक्त पुलिस अधीक्षक सौरभ तिवाड़ी के नेतृत्व में एसआईटी गठित की गई, जिसमें नगर वृत्ताधिकारी श्रवणदास संत, आरपीएस सुभाष गोदारा, मुक्ताप्रसाद नगर थानाधिकारी धीरेन्द्र सिंह, नयाशहर थानाधिकारी विक्रम तिवाड़ी, कोतवाली थानाधिकारी जसवीर कुमार, मुक्ताप्रसाद नगर थानाधिकारी रेणुबाला और साइबर सेल प्रभारी दीपक यादव सहित अन्य अधिकारी शामिल थे।
जांच में जुटी पुलिस ने ऐसे सुलझाई गुत्थी
पुलिस ने इस जघन्य हत्याकांड की गुत्थी सुलझाने के लिए करीब 200 सीसीटीवी फुटेज खंगाले, घटनास्थल के आसपास के 300 से अधिक लोगों से पूछताछ की और लगातार सात दिनों तक संदिग्धों की तलाश में जुटी रही। बीकानेर से आने-जाने वाले सभी संभावित मार्गों की जांच की गई और 500 लोगों से पूछताछ कर संदिग्धों की पहचान की गई।
इसके अलावा, पूर्व में दर्ज हत्या के मामलों से जुड़े अपराधियों से भी पूछताछ की गई। मोबाइल डाटा, तकनीकी साक्ष्य और अन्य इलेक्ट्रॉनिक सूचनाओं के आधार पर पुलिस ने हत्या से जुड़े साक्ष्यों को जोड़ा और आरोपी तक पहुंचने में सफलता हासिल की।
आरोपी का जुर्म कबूलनामा
पुलिस पूछताछ में आरोपी गोपाल कुम्हार ने हत्या की पूरी साजिश कबूल कर ली। उसने बताया कि उसके मृतका की जेठानी और चचेरी बहन सुमन के साथ पिछले एक साल से अवैध संबंध थे। कुछ समय पहले इस बात की जानकारी मनीषा को हो गई और उसने इसका विरोध किया।
मनीषा को रास्ते से हटाने के लिए गोपाल और सुमन ने मिलकर षड्यंत्र रचा। आरोपी ने हत्या से पहले कई वेब सीरीज और क्राइम एपिसोड देखकर पूरी योजना बनाई।
हत्या का तरीका और अपराध छिपाने की कोशिश
हत्या से दो दिन पहले आरोपी ने अपनी प्रेमिका के साथ घटनास्थल की रेकी की थी। 7 मार्च को वह मनीषा के घर गया, जहां उसने खुद को काम से आया हुआ बताकर मनीषा के साथ चाय पी। जब मनीषा अपने घरेलू काम में व्यस्त थी, तब आरोपी ने उस पर किसी भारी हथियार से वार कर उसकी हत्या कर दी।
हत्या के सबूत नष्ट करने के लिए उसने मनीषा के शव को ज्वलनशील पदार्थ डालकर जला दिया और मौके से फरार हो गया। आरोपी ने इतने शातिर तरीके से साक्ष्य मिटाने की कोशिश की कि अगले दिन वह पीबीएम अस्पताल की मोर्चरी के बाहर धरने में भी शामिल हुआ, ताकि किसी को शक न हो।
गिरफ्तार आरोपी
- गोपाल कुम्हार पुत्र आसुराम (उम्र 41 वर्ष), निवासी वार्ड नंबर 20, नयाबास, गौशाला के पास, बीदासर, चुरू।
- सुमन पत्नी मुनीराम (निरुद्ध), निवासी झाड़ेली, हाल जेबी कॉलोनी, बीकानेर।
गिरफ्तारी में शामिल पुलिस टीमें
- आसूचना संकलन टीम – कोतवाली थानाधिकारी जसवीर कुमार, कांस्टेबल कैलाश बिश्नोई, संजय, काशीराम।
- सीसीटीवी फुटेज विश्लेषण टीम – नयाशहर थानाधिकारी विक्रम तिवाड़ी, हेड कांस्टेबल महावीर सिंह, हेतराम, छगनलाल, श्रीराम।
- डोर-टू-डोर सर्वे टीम – मुक्ताप्रसाद नगर थानाधिकारी रेणुबाला, सुरेंद्र सउनि, बाबूलाल, लाखाराम, हंसराज, हेमसिंह, मनोज, शिवराज।
- तकनीकी टीम – साइबर सेल प्रभारी दीपक यादव, सउनि दिलीप सिंह, श्रीराम, सूर्यप्रकाश।
विशेष योगदान देने वाले पुलिसकर्मी
हत्या की गुत्थी सुलझाने में पु.नि. धीरेन्द्र सिंह, साइबर सेल प्रभारी दीपक यादव, कांस्टेबल श्रीराम और छगनलाल का विशेष योगदान रहा।
पुलिस टीम को मिलेगा इनाम
जिला पुलिस अधीक्षक बीकानेर ने इस हत्याकांड का खुलासा करने वाली पूरी टीम की सराहना की और उन्हें पुरस्कार देने की घोषणा की है।
निष्कर्ष
यह हत्याकांड बीकानेर जिले में हाल के वर्षों में हुई सबसे जघन्य घटनाओं में से एक था। पुलिस की सतर्कता और त्वरित कार्रवाई के चलते आरोपी को पकड़ लिया गया। यह मामला दर्शाता है कि अपराधी कितना भी शातिर क्यों न हो, कानून के शिकंजे से बच नहीं सकता।
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