बीकानेर।
सीमा सुरक्षा बल (बीएसएफ) ने अपने 60वें स्थापना दिवस के अवसर पर बीकानेर स्थित क्षेत्रीय मुख्यालय में वृक्षारोपण और जन जागरूकता के उद्देश्य से विभिन्न कार्यक्रमों का आयोजन किया। इस कार्यक्रम में बीएसएफ के अधिकारियों और जवानों ने भाग लिया और पर्यावरण संरक्षण के प्रति अपनी प्रतिबद्धता व्यक्त की।
वृक्षारोपण कार्यक्रम में उत्साह
कार्यक्रम की शुरुआत वृक्षारोपण से हुई, जिसमें उपमहानिरीक्षक (डीआईजी) अजय लूथरा, कमांडेंट सुब्रतो राय, और 124वीं वाहिनी के अन्य अधिकारियों ने भाग लिया। बीएसएफ ने इस वर्ष सीमावर्ती इलाकों में 60,000 पौधों का रोपण करने का संकल्प लिया है। डीआईजी अजय लूथरा ने कहा कि पर्यावरण संरक्षण न केवल वर्तमान बल्कि भविष्य की पीढ़ियों के लिए भी महत्वपूर्ण है। उन्होंने कहा कि बीएसएफ सीमावर्ती इलाकों में हरियाली बढ़ाने और पर्यावरण संतुलन बनाए रखने के लिए लगातार प्रयासरत है।
जन जागरूकता की पहल
स्थापना दिवस के तहत बीएसएफ ने जनजागरूकता के लिए कई विशेष कार्यक्रम आयोजित किए।
नशा मुक्ति साइकिल रैली: सीमावर्ती क्षेत्रों में नशे की बढ़ती समस्या को देखते हुए, बीएसएफ ने नशा मुक्ति संदेश देने के लिए साइकिल रैली का आयोजन किया। इस रैली में बीएसएफ के जवानों के साथ-साथ स्थानीय युवाओं ने भी भाग लिया।
महिला सशक्तिकरण पर सेमिनार: महिलाओं की सामाजिक और आर्थिक भागीदारी बढ़ाने के लिए एक विशेष सेमिनार का आयोजन किया गया। इसमें विशेषज्ञ वक्ताओं ने महिलाओं को आत्मनिर्भर बनने के लिए प्रेरित किया।
वाइब्रेंट विलेज कार्यक्रम: सीमावर्ती गांवों के लोगों के कल्याण और विकास के लिए चलाए जा रहे कार्यक्रमों के तहत बीएसएफ ने गांववासियों के साथ संवाद किया और उनकी समस्याओं को समझने का प्रयास किया।
स्थापना दिवस का महत्व
डीआईजी अजय लूथरा ने दूरदर्शन को दिए एक विशेष साक्षात्कार में कहा कि बीएसएफ विश्व का सबसे बड़ा अर्धसैनिक बल है और यह केवल सीमाओं की रक्षा तक सीमित नहीं है। बल समाज के कल्याण और राष्ट्रीय विकास में भी महत्वपूर्ण भूमिका निभा रहा है। उन्होंने कहा, “स्थापना दिवस हमारे लिए केवल उत्सव का नहीं बल्कि अपने कर्तव्यों की समीक्षा करने और समाज के प्रति हमारी जिम्मेदारियों को दोहराने का अवसर है।”
नशा मुक्ति के प्रति प्रतिबद्धता
डीआईजी ने बताया कि बीएसएफ सीमावर्ती इलाकों में नशा तस्करी को रोकने के लिए सक्रिय है। साथ ही, नशे से होने वाले नुकसान के प्रति ग्रामीणों को जागरूक करने के लिए विशेष अभियान भी चलाए जा रहे हैं। उन्होंने कहा कि बीएसएफ का उद्देश्य न केवल सीमाओं की रक्षा करना है, बल्कि देश की आंतरिक सुरक्षा और सामाजिक समृद्धि सुनिश्चित करना भी है।
स्थानीय लोगों का उत्साह
स्थापना दिवस पर आयोजित कार्यक्रमों में स्थानीय लोगों ने भी बढ़-चढ़कर भाग लिया। ग्रामीणों ने वृक्षारोपण और जन जागरूकता अभियानों की सराहना की और बीएसएफ के प्रयासों की सराहना की।
निष्कर्ष
सीमा सुरक्षा बल के स्थापना दिवस पर बीकानेर में आयोजित कार्यक्रमों ने यह सिद्ध कर दिया कि बीएसएफ केवल देश की सीमाओं की सुरक्षा का जिम्मा नहीं उठाता, बल्कि समाज में सकारात्मक बदलाव लाने की दिशा में भी कार्य करता है। पर्यावरण संरक्षण से लेकर नशा मुक्ति और महिला सशक्तिकरण जैसे अभियानों ने इस बल की बहुआयामी जिम्मेदारी को उजागर किया।
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