बीकानेर की कलाकार की पेंटिंग ‘‘किस्वा’’ इंडोनेशिया की अंतर्राष्ट्रीय कैलीग्राफी प्रदर्शनी में आकर्षण का केंद्र
पूर्वी कलिमंतान, इंडोनेशिया में आयोजित जश्न-ए-मिलादुन्नबी और अंतर्राष्ट्रीय कैलीग्राफी प्रदर्शनी में बीकानेर की नामी कलाकार फराह की पेंटिंग ‘‘किस्वा’’ ने दर्शकों का ध्यान अपनी ओर खींचा है। यह प्रदर्शनी 8 से 15 सितंबर तक चल रही है और इसका नाम ‘‘पावर ऑफ काबा’’ रखा गया है, जो इस्लाम के सबसे पवित्र स्थल, काबा के प्रति श्रद्धा और सम्मान को दर्शाता है।
प्रदर्शनी के क्यूरेटर गौरी युसुफ हुसैन हैं, जिन्होंने इस आयोजन को सहेजने और इसकी भव्यता को प्रदर्शित करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई है। ‘‘पावर ऑफ काबा’’ प्रदर्शनी विभिन्न कैलीग्राफी के उदाहरणों के माध्यम से इस्लामी कला और संस्कृति की विविधताओं को प्रस्तुत करती है। प्रदर्शनी में प्रस्तुत की गई कैलीग्राफी की प्रत्येक रचना इस्लाम की धार्मिक और सांस्कृतिक गहराईयों को उजागर करती है।
फराह की पेंटिंग ‘‘किस्वा’’ इस प्रदर्शनी का एक प्रमुख आकर्षण रही है। ‘‘किस्वा’’ पेंटिंग में काबा की वह पारंपरिक चादर (किस्वा) को खूबसूरती से चित्रित किया गया है, जिसे काबा के चारों ओर लपेटा जाता है। यह पेंटिंग न केवल अपनी कलात्मक सुंदरता के लिए प्रशंसा प्राप्त कर रही है, बल्कि इस्लामी कला की गहराई और धरोहर को भी प्रदर्शित कर रही है।
इस प्रदर्शनी का उद्देश्य कला के माध्यम से सांस्कृतिक आदान-प्रदान को प्रोत्साहित करना है। इसके अलावा, यह छात्र समुदाय में कैलीग्राफी के प्रति जागरूकता और रुचि बढ़ाने का भी प्रयास करता है। कला प्रेमियों और सांस्कृतिक उत्साही लोगों के बीच इस प्रदर्शनी ने एक पुल का कार्य किया है, जो विभिन्न संस्कृतियों और परंपराओं के बीच संवाद और समझ को बढ़ावा देता है।
इस आयोजन के दौरान, अंतर्राष्ट्रीय दर्शकों और कला के विशेषज्ञों ने भी ‘‘किस्वा’’ पेंटिंग की सराहना की और इसे इस्लामी कला की एक महत्वपूर्ण कृति मानते हुए इसके प्रति अपनी प्रशंसा व्यक्त की। प्रदर्शनी के माध्यम से, कलाकार फराह ने अपनी काबिलियत और इस्लामी कला के प्रति अपनी समर्पणता को वैश्विक मंच पर प्रस्तुत किया है, जिससे बीकानेर की कला परंपरा को अंतर्राष्ट्रीय पहचान मिली है।
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