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पाकिस्तान में तैनात होगी चीनी सेना, जिनपिंग के दबाव में झुके शहबाज, एलओसी पर भारत को बड़ा खतरा

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Chinese Army Pakistan: पाकिस्तान में तैनात होगी चीनी सेना, जिनपिंग के दबाव में झुके शहबाज, एलओसी पर भारत को बड़ा खतरा

पाकिस्तान और चीन ज्वाइंट सिक्योरिटी कंपनी की स्थापना करने जा रहे हैं। इससे पाकिस्तान में चीनी सैनिकों की तैनाती का रास्ता साफ हो जाएगा। चीन 2022 से अपने नागरिकों की सुरक्षा के लिए पाकिस्तान में चीनी सेना की तैनाती की मांग कर रहा है। अब चीनी सैनिक पाकिस्तान में अपने नागरिकों की सुरक्षा करेंगे, जबकि पाकिस्तानी सैनिक बाहरी घेरे में शामिल होंगे।

इस्लामाबाद: पाकिस्तान और चीन संयुक्त सुरक्षा कंपनियों की स्थापना के लिए समझौता करने जा रहे हैं। इस समझौते से पाकिस्तान में चीनी सैनिकों की तैनाती का रास्ता खुल जाएगा। चीन का कहना है कि इस सुरक्षा समझौते से पाकिस्तान में कम कर रह हजारों चीनी नागरिकों की सुरक्षा की जाएगी, क्योंकि कई घातक आतंकवादी हमलों ने उनके मल्टी बिलियन डॉलर के निवेश को खतरे में डाल दिया है। हालांकि, विशेषज्ञों को शक है कि चीन की कोशिश पाकिस्तान के रास्ते भारत को घेरने की है। पाकिस्तान पहले ही चीन की मदद से पाकिस्तान अधिकृत कश्मीर, गिलगित बाल्टिस्तान समेत कई इलाकों में सैन्य इंफ्रास्ट्रक्चर को तेजी से मजबूत कर रहा है।

पाकिस्तान में काम करेंगे चीनी सैनिक

निक्केई एशिया की रिपोर्ट के अनुसार, दोनों देशों में सुरक्षा समझौता होने के बाद चीनी सैनिक पाकिस्तान के अंदर काम कर सकेंगे। हालांकि, चीन ने अपनी सेना तैनात करने का प्रस्ताव पहले भी पेश किया था। लेकिन, तब पाकिस्तान ने चीनी प्रस्ताव का विरोध जताया था। अब नए समझौते के बाद चीनी नागरिकों को बख्तरबंद गाड़ियों में इधर-उधर ले जाया जा सकता है। पाकिस्तान के शीर्ष निवेशक चीन ने हाल के वर्षों में अपने नागरिकों पर हुए कई घातक हमलों के बाद भविष्य के सौदों को लेकर इस्लामाबाद को कड़ी चेतावनी दी है। माना जाता है कि हजारों चीनी नागरिक पाकिस्तान में सीपीईसी समेत कई दूसरी परियोजनाओं पर भी काम कर रहे हैं।

आतंकवादी घटनाओं ने पाकिस्तान को किया मजबूर

पाकिस्तान में आतंकवादी घटनाओं में लगातार बढ़ोत्तरी हो रही है। इसमें सरकार गिराने की कोशिश करने वाले कट्टरपंथी इस्लामवादियों (तहरीक-ए-लब्बैक) से लेकर दक्षिण पश्चिमी बलूचिस्तान में अपना राज कायम करने वाले अलगाववादी (बलूचिस्तान लिबरेशन आर्मी) भी शामिल हैं। बलूचिस्तान में ही ग्वादर बंदरगाह स्थित है, जो 60 बिलियन डॉलर से ज्यादा की लागत वाले चीन-पाकिस्तान आर्थिक गलियारे (CPEC) का अहम स्थान है। पाकिस्तान ने भी बलूचिस्तान के संसाधनों का दोहन करने के लिए अपने ही नागरिकों पर जबरदस्त अत्याचार किए हैं।

चीन लगातार डाल रहा पाकिस्तान पर दबाव

चीन ने अपने नागरिकों की सुरक्षा के लिए पाकिस्तान पर कड़ी कार्रवाई करने का दबाव डाला है। चीन की विश्वव्यापी बेल्ट एंड रोड इनिशिएटिव का एक प्रमुख घटक सीपीईसी पाकिस्तान से होकर गुजरता है। अधिकतर चीनी नागरिक इसी परियोजना को पूरा करने के लिए पाकिस्तान में हैं। लेकिन, उन पर अलगाववादियों और कट्टरपंथियों के हमले बढ़ रहे हैं। ऐसे में चीन ने पाकिस्तान से अपने नागरिकों को बख्तरबंद गाड़ियों से लाने और ले जाने का दबाव डाला है।

अपने नागरिकों की सुरक्षा करेंगे चीनी सैनिक

निक्केई एशिया ने एक अनाम सूत्र के हवाले से बताया, “प्रस्तावित संयुक्त सुरक्षा कंपनियों के ढांचे के तहत, पाकिस्तानी कर्मी बाहरी घेरे में होंगे और चीनी कर्मी चीनी नागरिकों की सुरक्षा के लिए आंतरिक घेरे में होंगे। इसका उद्देश्य चीनी सुरक्षा कर्मियों और आम पाकिस्तानी नागरिकों के बीच न्यूनतम संपर्क सुनिश्चित करना है।” चीन 2022 से मांग कर रहा है कि पाकिस्तान चीनी सुरक्षा कंपनियों को अपने नागरिकों की सुरक्षा करने की अनुमति दे। लेकिन, पाकिस्तान ने चीन की मांग को बार-बार खारिज किया है।

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