DEFENCE / PARAMILITARY / NATIONAL & INTERNATIONAL SECURITY AGENCY / FOREIGN AFFAIRS / MILITARY AFFAIRS

NCB और पुलिस आमने-सामने, कोर्ट ने पूरे मामले को CBI को भेजने का दिया आदेश – Rajasthan High Court

FacebookWhatsAppTelegramLinkedInXPrintCopy LinkGoogle TranslateGmailThreadsShare

NCB और पुलिस आमने-सामने, कोर्ट ने पूरे मामले को CBI को भेजने का दिया आदेश – Rajasthan High Court

Case of Drug trafficking : मादक पदार्थ की तस्करी के मामले में एनसीबी और राजस्थान पुलिस ने एक दूसरे पर ही आरोप लगाते हुए मामला दर्ज करवाया है. इसके बाद हाईकोर्ट ने मामले में सीबीआई को ट्रांसफर करने के आदेश दिए हैं.

राजस्थान हाईकोर्ट

राजस्थान हाईकोर्ट 

जोधपुर : मादक पदार्थों की तस्करी के एक मामले में नारकोटिक्स कंट्रोल ब्यूरो और राजस्थान पुलिस के अधिकारी आमने-सामने हो गए. आरोपी के साथ शामिल होने का आरोप लगाते हुए दोनों ने एक दूसरे के खिलाफ ही मामला दर्ज करवाया है. मामले की गंभीरता को देखते हुए राजस्थान हाईकोर्ट जस्टिस अरूण मोंगा ने निष्पक्ष और स्वतंत्र जांच के लिए केन्द्रीय जांच ब्यूरो (सीबीआई) जोधपुर को स्थानातंरित करने के निर्देश दिए हैं.

हाईकोर्ट में खिंयाराम व अन्य की ओर से वरिष्ठ अधिवक्ता आनंद पुरोहित व उनके सहयोगी मंयक रॉय ने पैरवी करते हुए पक्ष रखा. वहीं, प्रतिवादी एनसीबी की ओर से एमआर पारीक, राज्य सरकार की ओर से महिपाल विश्नोई, डायरेक्टर जनरल ऑफ पुलिस एवं एनसीबी उत्कल रंजन शाहू ने वीसी के जरिए एवं एनसीबी जोधपुर के जोनल डायरेक्टर घनश्याम सोनी ने वीसी के जरिए पक्ष रखा. कोर्ट ने सुनवाई के बाद कहा कि मामले का तथ्यात्मक विवरण काफी स्पष्ट है. ऐसा प्रतीत होता है कि दो जांच एजेंसियां आमने-सामने के संघर्ष में हैं.

ऐसे में केस फाइल की जांच के बाद तटस्थ, स्वतंत्र और निष्पक्ष जांच सुनिश्चित करने के लिए जरूरी है कि पूरे मामले को एक तीसरी एजेंसी यानी केंद्रीय जांच ब्यूरो (CBI), जोधपुर को स्थानांतरित कर दिया जाए. हाईकोर्ट में एनसीबी के एक निरीक्षक, उप-निरीक्षक और कांस्टेबल ने याचिका दायर की थी, जिसमें उनके खिलाफ दर्ज एफआईआर को रद्द करने की मांग की गई थी. इसमें आरोप लगाया गया था कि उन्होंने शिकायतकर्ता को गलत तरीके से एनडीपीएस मामले में फंसाने की धमकी देकर 30 लाख रुपए की उगाही करने की कोशिश की थी.

याचिकाकर्ताओं की ओर से वरिष्ठ अधिवक्ता पुरोहित ने कहा कि याचिकाकर्ता के पास अपनी कार्रवाइयों के लिए सभी आवश्यक प्रशासनिक आदेश थे. आरोप था कि राज्य पुलिस के अधिकारी ड्रग माफिया के साथ जुड़े हुए थे और वास्तविक अपराधी को बचाने की कोशिश कर रहे थे. एनसीबी अधिकारियों ने राज्य पुलिस के एक अधिकारी के खिलाफ एक क्रॉस-केस भी दर्ज किया. कोर्ट ने इस मामले में पूर्व में पुलिस महानिदेशक जयपुर को मामले में जांच के लिए एक विशेष जांच दल एसआईटी गठित करने के निर्देश दिए थे, लेकिन एसआईटी का न तो गठन किया गया और न ही मामले को गंभीरता से लिया गया. दोनों एजेंसियां एक दूसरे पर आरोप प्रत्यारोप कर रही है. कोर्ट ने सुनवाई के बाद इस पूरे मामले को सीबीआई जोधपुर को स्थानांतरित करते हुए सीबीआई जोधपुर के अधीक्षक को व्यक्तिगत रूप से मामले की जांच करने को कहा है.

FacebookWhatsAppTelegramLinkedInXPrintCopy LinkGoogle TranslateGmailThreadsShare
error: Content is protected !!