DEFENCE / PARAMILITARY / NATIONAL & INTERNATIONAL SECURITY AGENCY / FOREIGN AFFAIRS / MILITARY AFFAIRS

जरूरत की खबर- जूस जैकिंग से बचाएगा USB कंडोम:सार्वजनिक जगहों पर USB चार्जिंग से डेटा चोरी को रोकने वाली डिवाइस

FacebookWhatsAppTelegramLinkedInXPrintCopy LinkGoogle TranslateGmailThreadsShare

जरूरत की खबर- जूस जैकिंग से बचाएगा USB कंडोम:सार्वजनिक जगहों पर USB चार्जिंग से डेटा चोरी को रोकने वाली डिवाइस

कुछ महीने पहले केंद्र सरकार ने USB चार्जर स्कैम को लेकर लोगों को अलर्ट किया था। सार्वजनिक स्थान पर USB चार्जिंग पोर्ट का इस्तेमाल करते समय बहुत सावधानी बरतने की सलाह दी थी।

दरअसल साइबर क्रिमिनल एयरपोर्ट, कैफे, होटल या बस स्टैंड जैसी सार्वजनिक जगहों पर USB चार्जिंग पोर्ट को हैक कर सकते हैं।

इससे मोबाइल, लैपटॉप या टैबलेट जैसे इलेक्ट्रॉनिक डिवाइस को चार्ज करने पर आप ‘जूस-जैकिंग’ का शिकार हो सकते हैं।

अब मार्केट में जूस-जैकिंग से बचने के लिए एक नया प्रोटेक्टिव मेजर आ गया है। इसका नाम है USB कंडोम। नाम सुनने में थोड़ा अजीब लगता है, लेकिन इसका मकसद प्रोटेक्शन यानी सुरक्षा है। सार्वजनिक स्थानों पर जूस जैकिंग से बचने के लिए इसका इस्तेमाल करना बेहतर विकल्प है।

USB कंडोम देखने में तो एक छोटा USB एडॉप्टर होता है, लेकिन ये आपके डिवाइस की से​फ्टी के लिए बहुत जरूरी है। इस डिवाइस को जूस जैकिंग स्कैम से बचाव के लिए ही तैयार किया गया है।

इसलिए आज जरूरत की खबर में बात करेंगे कि USB कंडोम क्या है? साथ ही जानेंगे कि-

  • क्या USB कंडोम का इस्तेमाल करना फायदेमंद है?
  • USB कंडोम जूस जैकिंग और अन्य साइबर खतरों से कैसे बचा सकता है?

एक्सपर्ट: राहुल मिश्रा, साइबर एडवाइजर (उत्तर प्रदेश पुलिस)

आगे बढ़ने से पहले जानिए कि जूस जैकिंग क्या होता है और यह कितना खतरनाक है।

जूस जैकिंग एक तरह का साइबर अटैक है। इसमें USB चार्जिंग पोर्ट का इस्तेमाल किया जाता है, जो डेटा को ट्रांसफर करने का काम करता है।

साइबर क्रिमिनल सार्वजनिक स्थानों जैसे एयरपोर्ट, रेलवे स्टेशन, बस स्टैंड, होटल या कैफे में लगे USB चार्जिंग पोर्ट के जरिए मालवेयर इंस्टॉल कर देते हैं। फिर जब कोई व्यक्ति उस पोर्ट में मोबाइल या लैपटॉप चार्ज करता है तो हैकर्स डिवाइस को एक्सेस कर उसे हैक कर लेते हैं। इसके बाद वह आसानी से आपका पर्सनल या फाइनेंशियल डेटा चुरा लेते हैं।

सवाल- USB कंडोम क्या होता है?

जवाब- USB कंडोम एक तरह की प्रोटेक्टिव डिवाइस है, जो आपकी मेन डिवाइस जैसे फोन वगैरह को हैकिंग के खतरों से बचाती है। जैसेकि जूस जैकिंग, मालवेयर इंस्टॉलेशन या और किसी भी तरह का साइबर अटैक। USB कंडोम इस्तेमाल करने का मुख्य उद्देश्य अपने गैजेट्स को अनऑथराइज्ड एक्सेस से बचाना है।

सवाल- USB कंडोम का इस्तेमाल कैसे करते हैं?

जवाब- USB कंडोम एक डोंगल है, जिसे USB केबल में चार्जिंग वाली साइड में प्लग करते हैं। इसे आप ट्रैवलिंग के दौरान आसानी से अपनी जेब या बैकपैक में रख सकते हैं। USB कंडोम सिर्फ आपकी डिवाइस को चार्जिंग की परमिशन देता है और अन्य किसी भी तरह के डेटा ट्रांसफर को होने से रोकता है।

नीचे दिए ग्राफिक से समझिए कि USB कंडोम का इस्तेमाल करने के कितने फायदे हैं।

आइए ग्राफिक में दिए पॉइंट्स को विस्तार से समझते हैं।

डेटा लीक होने का खतरा कम

USB कंडोम में डेटा को ट्रांसफर करने वाली पिन डिसकनेक्ट हो जाती है। इसलिए जब आप अपने डिवाइस को किसी सार्वजनिक USB चार्जिंग स्टेशन से कनेक्ट करते हैं तो साइबर क्रिमिनल डिवाइस से डेटा चोरी नहीं कर पाते हैं। जिससे जूस जैकिंग का खतरा नहीं रहता है।

मालवेयर के अटैक से बचाए

देश में मालवेयर के जरिए साइबर ठगी के मामले बढ़ रहे हैं। सार्वजनिक जगहों पर फ्री में मोबाइल या लैपटॉप चार्ज करने से यह खतरा अधिक रहता है।

जब आप USB कंडोम का इस्तेमाल करते हैं तो USB की डेटा पिन ब्लॉक हो जाती है, जिससे सार्वजनिक स्थान पर किसी इन्फेक्टेड चार्जिंग स्टेशन से कनेक्ट करने पर साइबर क्रिमिनल आपके डिवाइस तक अनऑथराइज्ड एक्सेस नहीं कर सकते हैं।

प्राइवेसी लीक होने का खतरा नहीं

हमारे स्मार्टफोन में फोटो, वीडियो जैसा सेंसिटिव डेटा होता है। साइबर क्रिमिनल इस डेटा तक पहुंचने के लिए सार्वजनिक स्थानों पर लगे चार्जिंग पॉइंट्स को हैक करने का प्रयास करते हैं, जिससे ब्लैकमेलिंग के जरिए आपको निशाना बनाया जा सके। USB कंडोम का इस्तेमाल करने से आप सार्वजनिक स्थानों पर मोबाइल या लैपटॉप को बिना किसी डर के चार्ज कर सकते हैं। इससे डेटा ट्रांसफर का खतरा नहीं है।

ट्रैवलिंग के समय कैरी करना आसान

USB कंडोम सुविधाजनक और पोर्टेबल होता है। यह बहुत छोटा और हल्का होता है, जिसे आप आसानी से अपनी जेब में रख सकते हैं। इसके लिए एडॉप्टर की जरूरत नहीं होती है।

सवाल- क्या USB कंडोम से कोई नुकसान भी है?

जवाब- राहुल मिश्रा बताते हैं कि USB कंडोम का सिर्फ एक ही नुकसान है कि इसे लगाने से चार्जिंग की स्पीड धीमी हो जाती है। फास्ट चार्जिंग दरअसल चार्जिंग पोर्ट और कनेक्टेड डिवाइस के बीच पावर नेगोशिएशन प्रोटोकॉल और डेटा एक्सचेंज के कॉम्बिनेशन पर निर्भर करती है। जाहिर कारणों से बीच में एक और प्रोटेक्टिव डिवाइस के आने से उसकी स्पीड पर असर पड़ता है।

सवाल- जूस जैकिंग के खतरे से बचने के लिए किन बातों का ध्यान रखना चाहिए?

जवाब- जूस जैकिंग एक खतरनाक साइबर अटैक है। इससे बचने के लिए कुछ सामान्य बातों का ध्यान रखना बेहद जरूरी है। जैसेकि-

  • सार्वजनिक स्थानों पर लगे फ्री USB पोर्ट या चार्जिंग केबल का इस्तेमाल करने से बचें। ट्रैवलिंग के दौरान हमेशा डिवाइस का ओरिजिनल चार्जर साथ लेकर जाएं।
  • पब्लिक प्लेस पर मोबाइल या लैपटॉप चार्ज करने से बचें। घर से निकलते समय पॉवर बैंक साथ जरूर लेकर जाएं।
  • एयरपोर्ट, बस स्टैंड या होटल में किसी अनजान चार्जर या USB पोर्ट का इस्तेमाल करते समय अपने फोन को स्विच ऑफ कर दें।
  • अगर सार्वजनिक स्थान पर चार्जिंग के समय मोबाइल को ऑन रखना बेहद जरूरी है तो इसे केवल USB कंडोम लगाकर ही चार्ज करें।
  • अपने लैपटॉप में किसी अच्छी कंपनी का एंटी-वायरस जरूर रखें।

सवाल- सार्वजनिक USB चार्जिंग पोर्ट सुरक्षित है या नहीं, क्या यह पता लगाया जा सकता है?

जवाब- राहुल मिश्रा बताते हैं कि यह जानना आम लोगों के लिए कठिन होता है कि चार्जिंग स्टेशन के साथ छेड़छाड़ की गई है या नहीं। दरअसल जूस जैकिंग को अंजाम देने वाले अधिकांश साइबर अपराधी बहुत सफाई से यह काम करते हैं।

फिर भी मोबाइल या लैपटॉप को सार्वजनिक स्थान पर चार्ज करने से पहले हमेशा देखें कि-

  • चार्जिंग पॉइंट्स से कोई अतिरिक्त केबल न जुड़ी हो।
  • USB पोर्ट के अंदर या आसपास कोई डिवाइस तो कनेक्ट नहीं है।
  • चार्जिंग के प्रोसेस पर नजर बनाएं रखें। हमेशा देखें कि बैकग्राउंट में कोई फाइल तो रन नहीं कर रही है।
FacebookWhatsAppTelegramLinkedInXPrintCopy LinkGoogle TranslateGmailThreadsShare
error: Content is protected !!