‘मम्मी-पापा खुश रहो’ लिखकर फंदे पर झूला NEET स्टूडेंट:बहन गेट खटखटाती रही, लेकिन कोई जवाब नहीं मिला; कोटा में इस साल 13 आत्महत्याएं
कोटा
फाइल फोटो।
कोटा में NEET की तैयारी कर रहे एक और स्टूडेंट ने सुसाइड कर लिया है। बुधवार देर रात हुई सुसाइड की यह घटना शहर के दादाबाड़ थाना इलाके की है। स्टूडेंट ने पीजी के कमरे में फंदा लगाया। संचालक की सूचना पर पहुंची पुलिस ने शव फंदे से उतारा।
उत्तर प्रदेश के मिर्जापुर का रहने वाला स्टूडेंट अपनी बहन के साथ पीजी में रहकर नीट की तैयारी कर रहा था। छात्र के पास एक सुसाइड नोट भी मिला है। इसमें उसने मम्मी खुश रहो लिखा है। परिवार के आने के बाद गुरुवार को पोस्टमार्टम किया जाएगा। वहीं, कोटा में इस साल अब तक 13 सुसाइड के केस सामने आ चुके हैं।
बहन काफी देर तक आवाज लगाती रही
सीआई नरेश कुमार मीणा ने बताया कि आशुतोष चौरसिया (20) दूसरी बार कोटा में नीट की तैयारी करने आया था। उसकी बुआ की लड़की भी नीट की स्टूडेंट है। दोनों शास्त्री नगर के एक ही पीजी में रह रहे थे। बुधवार शाम को करीब 8 बजे कोचिंग से लौटी बहन ने भाई के रूम का गेट खटखटाया तो कोई जवाब नहीं मिला।
इस बीच आशुतोष के मम्मी-पापा भी उसे लगातार कॉल कर रहे थे, लेकिन कोई रिस्पांस नहीं था। आशुतोष की बहन रोते हुए भाई को काफी देर तक आवाज देती रही।
फिर उसने पीजी संचालक को जानकारी दी। ऑनर ने भी गेट खुलवाने की काफी कोशिश की। इसके बाद मौके पर पहुंची पुलिस ने गेट तोड़ा तो आशुतोष पंखे पर झूलता मिला।
फंदा लगाने से पहले लिखा सुसाइड नोट
जानकारी के अनुसार आशुतोष बुधवार को भी कोचिंग गया था। दोपहर करीब 2 बजे कोचिंग से लौटने के बाद वह कमरे से बाहर नहीं निकला। उसकी बहन शाम के बैच में कोचिंग जाती थी। इसलिए रात को जब वह पीजी में वापस आई और खाना खाने के बाद भाई के कमरे में पहुंची तो पूरी घटना का खुलासा हुआ।
सीआई ने बताया छात्र के पास एक सुसाइड नोट भी मिला है। इसमें उसने लिखा है मम्मी-पापा आप खुश रहो। वहीं, पुलिस अधिकारियों का कहना है कि आशुतोष पढ़ने में काफी होशियार था और कोचिंग में भी उसके अच्छे नंबर आ रहे थे। हालांकि, वह न्यूरो की समस्या से ग्रसित था जिसका उसका इलाज चल रहा था। बीमारी को लेकर वह जरूर परेशान रहता था। पुलिस के अनुसार घर वालों के कोटा पहुंचने के बाद ही और ज्यादा जानकारी सामने आ सकेगी।
एंटी हैंगिंग डिवाइस नहीं था
कोटा में सुसाइड के बढ़ते मामलों के कारण सभी पीजी व हॉस्टल में कमरों में एंटी हैंगिंग डिवाइस लगाना अनिवार्य है, लेकिन आशुतोष के कमरे में ये डिवाइस नहीं था।
प्रशासन की तमाम सख्ती के बाद भी पीजी संचालक एंटी हैंगिंग डिवाइस नहीं लग रहे हैं। जबकि पहले भी प्रशासन कई बार ऐसे हॉस्टल और मकान के कमरों को सीज कर चुका है
एंटी हैंगिंग डिवाइस एक स्प्रिंग है जो पंखा लटकाने वाली रॉड के अंदर लगती है और अलार्म डिवाइस से जुड़ सकता है। कोई भी इस पर लटकेगा तो पंखा नीचे लटक जाएगा।
कैसे काम करती है यह डिवाइस
- पंखे की लोड क्षमता 40 किलो तक होती है। इस पर 40 किलो से ज्यादा भार आने पर स्प्रिंग फैल जाती है और पंखा नीचे आ जाता है।
- मान लीजिए कि कोई 40 किलो से ज्यादा वजन वाला व्यक्ति पंखे पर लटकता है तो पूरा लोड स्प्रिंग और क्लैंप पर आ जाता है।
- जैसे ही कोई 40 किलो से ज्यादा वजन की चीज लटकती है, जॉइंट टूट जाता है और स्प्रिंग फैलकर नीचे आ जाती है। इससे सुसाइड की कोशिश करने वाले व्यक्ति को कोई नुकसान नहीं होता और उसे बचाया जा सकता है।
- जिन पंखों में अलार्म सिस्टम लगा होता है, उनमें अलार्म बज जाता है।
- हालांकि इस डिवाइस के साथ पंखा लगाने पर टेक्निकल इश्यू यह भी आ सकता है कि कभी-कभी यह जॉइंट लूज होने के बाद अपने आप ही नीचे आ जाता है। एक बार क्लैंप टूटने के बाद डिवाइस फिर लगानी पड़ती है।
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